नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) स्थित उत्तर पूर्वी दिल्ली (North East Delhi) में फैली हिंसा में भीड़ ने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जवान का घर तक नहीं बख्शा. 25 फरवरी की दोपहर खस खजूरी गली में एक-एक घर में तोड़फोड़ और आगजनी कर भीड़ एक-एक करके जा रही थी. इन सबके बीच एक बीएसएफ जवान का घर जलाने का मामला सामने आया है. खजूरी खास स्थित (Khajuri Khas) घर के नेमप्लेट में लिखा है कि ‘मकान नंबर 76 बीएसएफ के मोहम्मद अनीस का है और उस पर बीएसएफ का प्रतीक चिन्ह भी लगा हुआ है, लेकिन यह इस घर को हिंसा से बचाने के लिए काफी नहीं था.
पहले घर के बाहर खड़ी कारों में आग लगा दी गई. फिर कुछ देर तक भीड़ ने घर पर पथराव किया. हिंसक भीड़ ने अनीस के घर में सिलिंडर फेंक कर कहा- ‘इधर आ पाकिस्तानी, तुझे नागरिकता देते हैं.’
अनीस ने पैरामिलिट्री फोर्स में अपना करियर साल 2013 में शुरू किया और करीब 3 साल जम्मू और कश्मीर में सेवा दी. अनीस के साथ उनके 55 वर्षीय पिता मोहम्मद मुनीस, 59 वर्षीय चाचा मोहम्मद अहमद और 18 वर्षीय चचेरे भाई नेहा परवीन घर में थे. आगे किसी भी अनहोनी की आशंका को देखते हुए वह किसी तरह अपने घर से बार निकले और पैरामिलिट्री फोर्स ने उनकी मदद की.
कोई भी पड़ोसी हमले में शामिल नहीं
इस घर में दो शादियां होनी थीं. नेहा परवीन की अप्रैल में शादी करनी थी और अनीस को अगले महीने शादी करनी थी. परिवार ने कहा, ‘हमारी जिंदगी की जमा-पूंजी, जेवरात, दो सोने के हार, चांदी के गहने सब कुछ चला गया. उन्होंने कहा, “हमने किस्तों पर जेवर खरीदे थे. हर महीने पैसे देते थे. शादी की व्यवस्था के लिए 3 लाख नकद भी अन्य कीमती सामान और उनके सभी सामानों के साथ जल गए.
खजूरी खास एक हिंदू बहुल क्षेत्र है, लेकिन अनीस के परिवार का कहना है कि उनका कोई भी पड़ोसी हमले में शामिल नहीं था. उन्होंने कहा कि ‘लोग बाहर से आए थे.’ इसके बजाय, उनके हिंदू पड़ोसी हिंसक भीड़ से जाने के लिए कह रहे थे.