दिल्ली हिंसा पर राष्ट्रपति से मिले सोनिया-प्रियंका-मनमोहन, गृह मंत्री को हटाने की मांग

दिल्ली हिंसा की चपेट में आने से अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है. गुरुवार को ही अब तक 7 लोगों के मौत की खबर है. इसके अलावा जीटीबी हॉस्पिटल समेत कई अस्पतालों में 200 से अधिक घायलों का इलाज चल रहा है.

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नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में चार दिन पहले हुई हिंसा के दौरान अस्पताल में भर्ती सात और घायलों ने दम तोड़ दिया है. इसके साथ ही मरने वाले लोगों की संख्या 27 से बढ़कर अब 34 हो गई है. इस हिंसा में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, यमुना विहार, भजनपुरा, चांद बाग, शिव विहार मुख्य रूप से दंगों से प्रभावित हुए हैं.

दिल्ली हिंसा मामले में कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंच गया. इस प्रतिनिध मंडल में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, आनंद शर्मा, रणदीप सुरेजवाला समेत कई नेता शामिल हैं. राष्ट्रपति कोविंद को कांग्रेस की ओर से मेमोरेंडम दिया गया.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि गृह मंत्री और पुलिस हिंसा रोकने में नाकाम रही. दिल्ली और केंद्र सरकार ने हिंसा की अनदेखी की. हिंसा की वजह से अब तक 34 लोगों की मौत हुई, 200 से अधिक लोग घायल हैं. करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ. इस मेमोरेंडम में हिंसा के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ ही पीड़ितों को मदद मुहैया कराने की मांग की गई है.

फिर अमित शाह के इस्तीफे की मांग

इसके साथ सोनिया गांधी ने कहा कि घटना को लेकर कार्रवाई करने की बजाय केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार मूकदर्शक बनी रही. गृह मंत्री अमित शाह ने भी कोई कार्यवाही नहीं की, जिसकी वजह से 34 लोगों की जान चली गई. सोनिया गांधी ने एक बार फिर अमित शाह के इस्तीफे की मांग की और कहा कि वह स्थिति को संभालने में नाकाम साबित हुए हैं

हालांकि कल शाम से हिंसा की कोई नई खबर सामने नहीं आई है. पुलिस ने अब तक 18 एफआईआर अलग-अलग थानों में दर्ज कर ली हैं. अब तक हिंसा फैलाने वालों में जिन आरोपियों की पहचान हुई है, उनमें से 106 को गिरफ्तार कर लिया गया है. पल-पल की अपडेट्स के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ.

दिल्ली हाईकोर्ट में आज दिल्ली की हिंसा पर अहम सुनवाई होगी. आज की सुनवाई में दिल्ली पुलिस को बताना होगा कि भड़काऊ भाषण देने के आरोपी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, बीजेपी नेता कपिल मिश्रा और बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया या नहीं. सुनवाई सुबह 11 बजे होगी.पुलिस ने अब तक 18 एफआईआर अलग-अलग थानों में दर्ज कर ली हैं. अब तक हिंसा फैलाने वालों में जिन आरोपियों की पहचान हुई है, उनमें से 106 को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के मुताबिक, जो 18 एफआईआर दर्ज की गई हैं, उनमें आरोपियों की तलाश की जा रही है. सीसीटीवी की मदद से पहचान करके अन्य आरोपियों की धर-पकड़ के लिए छापामारी जारी है. जल्दी कई और लोग गिरफ्तार कर लिए जाएंगे.

पुलिस प्रशासन के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान कोई बड़ी घटना नहीं हुई है. उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगा पीड़ित इलाकों में आज दिनभर पुलिस के बड़े अधिकारी गश्त करेंगे.

  • आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का रहस्य और गहराता जा रहा है. अंकित के परिवार वालों ने अंकित की हत्या का आरोप मुस्तफाबाद से आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन पर लगाया है. हालांकि ताहिर ने अंकित की हत्या से पल्ला झाड़ लिया है. ताहिर का कहना है जिस दिन अंकित की हत्या हुई उस दिन वो घर पर नहीं थे.

  • दिल्ली में हिंसा के बाद डरे हुए लोग अब छोड़कर जा रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा वो लोग हैं जो दिल्ली में रोजी रोटी की तलाश में आए थे. मुस्तफाबाद में रहने वाले अकरम अपने पूरे परिवार को लेकर गांव वापस जा रहे हैं. दिल्ली में मजदूरी करके पैसे कमाने आये थे. जिस समय अकरम एबीपी न्यूज़ को दिखाई दिए वो एक बस स्टैंड पर गाड़ी का इंतज़ार कर रहे थे. कोई सवारी नहीं मिली तो एक ई-रिक्शा पर ही पूरा परिवार साथ बैठ गया. अकरम का कहना है कि अब वापस नहीं आएंगे अब अपने गांव में ही रहेंगे.

  • आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन पर हिंसा में शामिल होने का आरोप लग रहा है. सोशल मीडिया पर उनके वीडियो वायरल हो रहे हैं. हालांकि ताहिर हुसैन ने इस पर सफाई भी दी है. वीडियो में ताहिर हुसैन फैक्ट्री की छत पर नजर आ रहे हैं. हाथ में डंडा है और भी दूसरे लोग मौजूद हैं, जिनके हाथों में रॉड और पत्थर होने का दावा किया जा रहा है. आज जब मीडिया उनकी फैक्ट्री के छत पर गयी तो वहां भी पत्थर के टुकड़े के नज़र आए.

  • कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज मुरलीधर के तबादले पर सवाल खड़े किए हैं. प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा है, ‘’ मौजूदा विवाद को देखते हुए जज मुरलीधर का आधी रात को तबादला होना सिर्फ चौंकाने वाला नहीं है बल्कि यह प्रमाणित रूप से दुखद और शर्मनाक भी है. लाखों भारतीयों को न्यायप्रिय और ईमानदार न्यायपालिका में विश्वास है, न्याय को विफल करने और उनके विश्वास को तोड़ने के सरकार की कोशिश दुस्साहसी हैं.’’

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