UNHRC में पाक को मिला करारा जवाब: ‘जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा’
स्विट्जरलैंड (Switzerland) के जिनेवा में चल रही संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार काउंसिल (UNHRC) की बैठक में के 43वें सत्र में बोलते हुए वरिष्ठ भारतीय राजनयिक विकास स्वरूप (Vikas Swaroop) ने यह बात कही.
जिनेवा. वरिष्ठ भारतीय राजनयिक (Senior Indian Diplomat) ने जिनेवा (Geneva) में यूएनएचआरसी बैठक (UNHRC Meeting) में कहा है, “जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा”. स्विट्जरलैंड (Switzerland) के जिनेवा में चल रही संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार काउंसिल की बैठक में 43वें सत्र में बोलते हुए वरिष्ठ भारतीय राजनयिक विकास स्वरूप ने यह बात कही. यह सत्र 24 फरवरी से 20 मार्च तक चलेगी. इस दौरान विदेश मामलों के मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप ने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र भी बताया है.
‘पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने की अपील की’
उन्होंने आतंकवादियों (Terrorists) को निर्देश देने वाले, नियंत्रित करने वाले, फंड मुहैया कराने वाले और संरक्षण देने वाले राज्यों के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने की अपील की है. जाहिर सी बात है कि उनका इशारा पाकिस्तान की ओर था. जिसके ऊपर उसके पड़ोसी आतंकी समूहों के लिए सुरक्षित स्वर्ग होने का आरोप लगाते रहे हैं.
वरिष्ठ राजनयिक विकास स्वरूप का यह बयान पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री (Human Rights Minister of Pakistan) शीरीन मजारी के मंगलवार के कथित बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कश्मीरी लोगों के मानवाधिकार के लगातार हो रहे हनन का आरोप लगाया था और पिछले साल 5 अगस्त को भारत के द्वारा किए सभी बदलावों को तत्काल निरस्त करने की मांग की थी.
‘आतंकवाद का अग्रणी निर्यातक देश, मानवाधिकारों पर दूसरों को देता है भाषण’
वरिष्ठ राजनयिक स्वरूप ने पाकिस्तान (Pakistan) का जिक्र करते हुए कहा, “जो देश दुनिया में आतंकवाद का अग्रणी निर्यातक बन गया है वह मानवाधिकारों (Human Rights) पर दूसरों को भाषण देता है.”
भारत ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा (Special Status) खत्म कर उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया था. जिसके बाद से ही पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे (Kashmir Issue) को अंतरराष्ट्रीय बनाने के प्रयासों में जुटा हुआ है. वहीं भारत इस कदम को भारत का आंतरिक कदम बताता रहा है और पाकिस्तान से सच्चाई को स्वीकार करने को कहता रहा है. (भाषा के इनपुट सहित)