करतारपुर पर बयान से विवाद के बाद बोले DGP- श्रद्धालुओं से नहीं, पाक में बैठे भारत विरोधियों से खतरा

एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपे डीजीपी दिनकर गुप्‍ता के कथित बयान में कहा गया था कि करतारपुर कॉरिडोर से ऐसी संभावनाएं बनती हैं कि सुबह एक व्‍यक्ति श्रद्धालु के तौर पर करतारपुर जाने वाला छह घंटे बाद शाम को एक आतंकी बन कर वापस आए। इस कथित बयान के अनुसार उन्होंने श्रद्धालुओं के छह घंटे तक पाकिस्तान में रुकने पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि इतने समय में किसी को फायरिंग रेंज ले जाया जा सकता है और विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग दी जा सकती है।

चंडीगढ़। करतारपुर कॉरिडोर और वहां जाने वाले श्रद्धालुओं से खतरे के बारे में कथित बयान पर विवाद के बाद पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिनकर गुप्‍ता ने अपनी सफाई  दी। उन्‍होंने य‍ह बात दोहराई कि करतारपुर कॉरिडोर से आतंकवादको शह मिल सकती है लेकिन उन्होंने कहा कि यह खतरा श्रद्धालुओं से नहीं, पाकिस्तान में छिपे भारत विरोधियों से है। ये तत्‍व देश, खासकर पंजाब में अशांति और आतंक फैलाना चाहते हैं।

  • एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपे डीजीपी दिनकर गुप्‍ता के कथित बयान में कहा गया था कि करतारपुर कॉरिडोर से ऐसी संभावनाएं बनती हैं कि सुबह एक व्‍यक्ति श्रद्धालु के तौर पर करतारपुर जाने वाला छह घंटे बाद शाम को एक आतंकी बन कर वापस आए। इस कथित बयान के अनुसार उन्होंने श्रद्धालुओं के छह घंटे तक पाकिस्तान में रुकने पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि इतने समय में किसी को फायरिंग रेंज ले जाया जा सकता है और विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग दी जा सकती है।

गुप्ता ने कहा था कि कॉरिडोर को पहले सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़ा संभावित खतरा माना जाता था। यही कारण है कि इसे लंबे समय तक खोला नहीं गया। सरकार ने धार्मिक भावनाओं को महत्व देते हुए इसे खोलकर सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दरकिनार कर दिया। उनके इस बयान पर विवाद तूल पकडऩे लगा।

इस कथित बयान पर विवाद बढ़ने और शिरोमणि अकाली दल व आम आदमी पार्टी के हमलावर रुख के बाद प्रेस विज्ञप्ति में दिनकर गुप्ता ने पूरे विवाद पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा, ‘मेरे बयान को गलत समझा गया। मेरा यह बयान श्रद्धालुओं के लिए नहीं, बल्कि पाकिस्तान में बैठ कर देश को तोडऩे की कोशिश में लगे देश-विरोधी तत्वों के लिए था। करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खुलने पर मैं भी खुश था, क्योंकि इससे गुरु नानक देव और उनकी दिव्य शिक्षाओं में आस्था रखने वाले मेरे जैसे लाखों श्रद्धालुओं की दशकों पुरानी मांग पूरी हुई।’

  • दिनकर गुप्‍ता ने कहा, ‘इस फैसले से पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारे के खुले दर्शन दीदार करने की रोजाना की अरदास फलीभूत हो गई। इससे भी बड़ी खुशी की बात यह है कि यह अवसर गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव पर आया। सीमापार से आतंकी गतिविधियों को मिल रहे समर्थन के चलते वे सतर्कता की जरूरत को नजरअंदाज नहीं कर सकते। मेरी टिप्पणी सिर्फ पंजाब और देश की सुरक्षा को लेकर थी। इसका किसी धर्म या समुदाय से कोई संबंध नहीं था।’

चिंतामुक्त यात्रा के प्रयास जारी रखेगी पुलिस

डीजीपी गुप्ता ने कहा, ‘ पंजाब सरकार और इसकी सभी एजेंसियों ने इस अवसर को ऐतिहासिक बनाने के लिए जी तोड़ प्रयास किए हैं। राज्य की पुलिस का मुखिया होने के नाते मैं यह आश्वासन देना चाहता हूं कि श्रद्धालुओं को श्री करतारपुर साहिब की चिंतामुक्त यात्रा उपलब्ध करवाने के लिए पंजाब पुलिस अपने प्रयास जारी रखेगी। डेरा बाबा नानक से पहले श्रद्धालु ने श्री करतारपुर साहिब जाने के लिए सीमा पार की थी, तो वे निजी तौर पर वहां उपस्थित थे और पिछले चार महीनों में पंजाब पुलिस ने 51 हजार श्रद्धालु इस यात्रा पर जा चुके हैं।’

पाक समर्थित आतंकवाद पंजाब के लिए बड़ी चुनौती

डीजीपी गुप्ता ने कहा कि पाक समर्थित आतंकवाद पंजाब के लिए बड़ी चुनौती है। इसके खिलाफ जारी लड़ाई में अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। मैंने इसी संभावित खतरे के प्रति आगाह किया है। पाक में बैठे देश विरोधी तत्व शांति व सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाडऩे के लिए किसी भी अवसर का फायदा उठा सकते हैं। हम पहले ही बहुत कुछ सह चुके हैं। हमारा पड़ोसी सीमा पार से लगातार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।

कैप्टन ने भी जताया था ऐसे ही खतरे का अंदेशा

मुख्यंमत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी सीमा पार से ऐसे ही खतरे का अंदेशा जताया था। उन्होंने कहा था कि करतारपुर कॉरिडोर प्रोजेक्ट के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ की कोई छिपी मंशा हो सकती है। पाकिस्तान की जल्दबाजी से संदेह और भी पक्का होता है। हालांकि, उस समय कैप्टन के बयान की भी काफी आलोचना हुई थी, लेकिन वे इस बात को दोहराते रहे।

गौरतलब है कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, विपक्षी दलों व अन्य सिख संगठनों ने डीजीपी गुप्ता को उनके बयान पर आड़े हाथ लिया था। उन पर केस दर्ज कर बर्खास्त करने व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से स्पष्टीकरण की मांग भी की। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने उनके खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने इसे कांग्रेस का एजेंडा बताया।

इस बयान पर हुआ विवाद-

  • कॉरिडोर से सुबह गया व्यक्ति शाम तक आतंकी बन सकता है
  • छह घंटे में किसी को भी विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग दी जा सकती है

पुलिस प्रमुख ने यह दिया स्पष्टीकरण

  • सिर्फ सुरक्षा के मद्देनजर सचेत रहने की जरूरत पर कही थी बात
  • टिप्पणी सिर्फ देश की सुरक्षा को लेकर, किसी धर्म से कोई संबंध नहीं

 

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