खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्‍स की शुरुआत, PM मोदी बोले- आज का दिन ऐतिहासिक

ओडिशा के कटक (Cuttack) में शनिवार को पहले 'खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स' ( Khelo India University Games) की शुरुआत हुई. इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया. उन्‍होंने कहा-ये भारत में खेलों के भविष्य के लिए एक बहुत बड़ा कदम है.

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नई दिल्‍ली. ओडिशा के कटक (Cuttack) में शनिवार को पहले ‘खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स’ ( Khelo India University Games) की शुरुआत हुई. इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया. उन्‍होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में पहले ‘खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स’ की शुरुआत आज से ही हो रही है. ये भारत में खेलों के भविष्य के लिए एक बहुत बड़ा कदम है. खेलो इंडिया कार्यक्रम से देश में खेलों में सुधार हुआ है. पीएम मोदी ने कहा, KheloIndia अभियान से देश में परिवर्तन आया, खेल और खिलाड़ियों के स्तर में निरंतर सुधार हो रहा है. अभियान के तहत ग़रीब खिलाड़ियों की प्रतिभा सामने आ रही है.

पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा, खिलाड़ी अपना ध्यान सिर्फ अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन पर लगाए, बाकी की चिंता देश कर रहा है. प्रयास ये है कि पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी बढ़े और फिटनेस का लेवल भी ऊंचा हो. आज का ये दिन सिर्फ एक टूर्नामेंट का आरंभ मात्र नहीं है, बल्कि भारत में खेल आंदोलन के अगले चरण की शुरुआत है. बीते 5-6 वर्षों से भारत में स्पोर्ट्स के प्रमोशन और भागीदारी के लिए ईमानदार प्रयास किए जा रहे हैं. टैलेंट की पहचान हो, ट्रेनिंग हो, या फिर चयन प्रक्रिया हो, हर तरफ ट्रांसपेरेंसी को प्रमोट किया जा रहा है.

पीएम मोदी ने कहा, आने वाले दिनों में आपके सामने लक्ष्य 200 से ज्यादा गोल्ड मेडल जीतने का तो है ही, उससे भी अहम आपके अपने प्रदर्शन में सुधार, आपके खुद के सामर्थ्य को नई ऊंचाई देना है. भुवनेश्वर में आप एक दूसरे से तो कंपीट कर ही रहे हैं, खुद से भी कंपीट कर रहे हैं. मैं आपके साथ टेक्नॉलॉजी के माध्यम से जुड़ रहा हूं, लेकिन वहां जो माहौल है, जो उत्साह है, जो जुनून है, जो ऊर्जा है, उसको मैं अनुभव कर सकता हूं. आज ओडिशा में नया इतिहास बना है. भारत के इतिहास में पहले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की शुरुआत आज से हो रही है.

दो साल में संख्‍या 3500 से 6000 हुई

प्रधानमंत्री ने खेलो इंडिया की कामयाबी को बताते हुए कहा, 2018 में इस कार्यक्रम से 3500 स्‍टूडेंट जुड़े थे. 2020 तक आते आते ये संख्‍या 6 हजार हो गई. टैलेंट की पहचान हो, ट्रेनिंग हो, या फिर चयन प्रक्रिया हो, हर तरफ ट्रांसपेरेंसी को प्रमोट किया जा रहा है. खिलाड़ी अपना ध्यान सिर्फ अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन पर लगाए, बाकी की चिंता देश कर रहा है. प्रयास ये है कि पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी बढ़े. हमारे युवा, हमारे खिलाड़ी हर प्रकार के करियर के लिए फिट रहें, इसके लिए राष्ट्रीय खेल यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान बनाए जा रहे हैं.

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