लुधियाना. पैसे लेकर तस्करों को छोड़ने वाले डिवीजन नंबर-2 के एसएचओ अमनदीप सिंह गिल का वीरवार को एसटीएफ टीम ने मेडिकल करवाया, जिसमें वो पाॅजीटिव पाया गया। यानि की आरोपी खुद भी नशेड़ी है। लेकिन अधिकारियों ने इस पर चुप्पी साध रखी है।
मीडिया से बचा कर मोहाली में करवाया मेडिकल
वहीं, उक्त मामले में पुलिस के हाथ कई बड़े राज लगे हैं, जिसने इस नेक्सिस से पर्दा उठाना शुरू कर दिया है। जिसमें कुछ एसएचओ और उच्चाधिकारी भी घिर सकते हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक एसएचओ गिल को पुलिस मीडिया के नजरों से बचाती हुई मोहाली एसटीएफ के हेड ऑफिस में ले गई, जहां उससे पूछताछ की गई। वहीं उसका मेडिकल भी करवाया गया। जिसके बाद पता चला कि आरोपी एसएचओ खुद भी नशा करने का आदी है। वो किस तरह का नशा करता है, वो रिपोर्ट पूरी आने के बाद ही क्लियर होगा। मगर कयास यही लगाए जा रहे हैं कि चिट्टे के तस्करों का साथ देने वाला एसएचओ चिट्टे का ही सेवन करता रहा है। वहीं, पुलिस के अधिकारियों ने दोबारा आरोपी एसएचओ और उसके ड्राइवर अजय के घर पर रेड की है। लेकिन पता नहीं चल पाया कि वहां से क्या बरामद हुआ है।
ये है मामला: 10 ग्राम हेरोइन समेत धरे थे दोनों
कुछ दिन पहले 20 ग्राम हेरोइन के साथ पकड़े गए हेड कांस्टेबल बलबीर सिंह को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। जिसने बताया कि एसएचओ अमनदीप गिल अपने प्राइवेट ड्राइवर अजय के साथ मिलकर नशा तस्करों को छोड़ने के बदले पैसे लेता है। एसटीएफ की टीम ने उसे और उसके ड्राइवर को काबू कर 10 ग्राम 35 मिलीग्राम हेरोइन और 6 मोबाइल बरामद किए, जोकि उसने पांच आरोपियों से बरामद किए थे और उन्हें बाद में पैसे लेकर छोड़ दिया था। इस मामले में एसएचओ ने सस्पेंड कर दिया गया।
अफसरों के पैसे इकट्ठा कर रहे प्राइवेट कारिंदे
एसएचओ के साथ प्राइवेट ड्राइवर का ये पहला मामला तो सामने आ गया। लेकिन शहर के बहुत से अधिकारी और एसएचओ अपने साथ प्राइवेट करिदें रख रहे हैं। जोकि उनके लिए गैर-कानूनी काम के साथ-साथ पेमेंट भी इकट्ठा करते हैं। फर्क इतना है कि इस मामले में पकड़ में आ गया और बाकियों में नहीं। कुछ अधिकारी तो ऐसे हैं, जिन्होंने समाजसेवी, राजनीतिज्ञ और मीडिया कर्मियों को अपनी सेटिंग के लिए साथ रखा हुआ है।
अधिकारियों और एसएचओ पर गिर सकती है गाज
आरोपी एसएचओ के कब्जे से जो मोबाइल मिला है, उसने भी कई हैरान करने वाले राज से पर्दा उठाया है। उसमें कई अधिकारियों व एसएचओ की रिकॉर्डिंग भी आरोपी ने कर रखी है, वो रिकॉर्डिंग में किस मामले पर बात कर रहे हैं, इसके बारे में अभी पता नहीं चल पाया। लेकिन इतनी बात जरूर है कि मोबाइल की काॅल्स और वाॉट्सएप चैट की वजह से कई मुलाजिम परेशानी में आ सकते हैं। वहीं, थाने के सीसीटीवी से भी पुलिस ने कुछ एवीडेंस जुटाए हैं।
बाउंसर, प्राइवेट कारिंदों संग करता था रेड
प्राथमिक पूछताछ में इतना पता चला है कि आरोपी जिस थाने में लगता था, वहां के स्टाफ को इस धंधे में शामिल नहीं करता था। उसने ड्राइवर अजय, एक गुरी नाम के शख्स और बाउंसरों के साथ मिलकर अपनी अलग ही रेड पार्टी बना रखी थी। जब भी किसी तस्कर के बारे में पता चलता तो वहां असली पुलिस की बजाए अपनी बनाई रेड पार्टी को भेज देता था, जोकि तस्करों को पीटते और पैसे छीन लेते थे। इसके साथ ही उनसे मिले नशे को भी अपने पास रख लेते थे। सूत्र बताते हैं कि इसके अलावा आरोपियों ने कई और मामलों को भी अंजाम दिया है। हालांकि अभी उसका कोई क्लू पुलिस के हाथ नहीं लगा है। उसी को पुलिस तलाश रही है।