एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा- जून 2020 तक 27 बिंदुओं के एक्शन प्लान पर अमल करें, अन्यथा ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा
पाकिस्तान ने टेरर फंडिंग रोकने के लिए कुछ कदम उठाए, जिस आधार पर उसे ग्रे लिस्ट से बाहर आने का एक और मौका मिला पाकिस्तान ने 27 में से 14 बिंदुओं पर काम करने का दावा किया, इसके बाद उसे ग्रे लिस्ट से बाहर होने के लिए अतिरिक्त समय मिला
इस्लामाबाद. टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर होने के लिए 4 महीने का समय और दिया है। पाकिस्तान को जून 2020 तक 27 बिंदुओं वाले एक्शन प्लान पर पूरी तरह अमल करने के लिए कहा गया है। यदि पाकिस्तान ऐसा करने में सफल रहा तो उसे ग्रे लिस्ट से बाहर किया जा सकता है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। इससे पहले, एफएटीएफ ने गुरुवार को ही पाकिस्तान में ग्रे लिस्ट में बरकरार बनाए रखने की घोषणा की थी।
डॉन न्यूज ने सूत्रों के हवाले से कहा- 16 फरवरी से बैठक शुरू हो चुकी है। पाकिस्तान अपना पक्ष रख चुका है। उसने 27 बिंदुओं में से 14 पर कदम उठाने का दावा किया। यही कारण है कि एफटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर होने के लिए अतिरिक्त समय दिया है। इस दौरान उसे बाकी के 13 बिंदुओं पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
चीन ने पाकिस्तान की तारीफ में ट्वीट किया
इस बार चीन ने बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने की मांग नहीं की। इसे लेकर हर कोई हैरान भी था। मगर कुछ देर बाद चीन द्वारा किए गए ट्वीट में पूरा मामला स्पष्ट हो गया। चीन के विदेश मंत्रालय ने लिखा, ‘‘आतंकवादी संगठनों पर लगाम लगाने के लिए पाकिस्तान का प्रयास सराहनीय है, जिसे पेरिस में एफएटीएफ की बैठक में कई सदस्य देशों ने भी स्वीकार किया है। चीन और अन्य देश इस क्षेत्र में पाकिस्तान की मदद करते रहेंगे।’’
पाकिस्तान पर दबाव बढ़ेगा
एफएटीएफ की अगली बैठक जून में होगी। इसमें पाकिस्तान द्वारा टेरर फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी सरगनाओं के खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा होगी। अगर एफएटीएफ इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होता है तो उसका ब्लैकलिस्ट होना तय हो जाएगा। इसे लेकर पाकिस्तान पर दबाव होगा। हालांकि, बैठक में केवल तुर्की एक ऐसा देश था जिसने पाकिस्तान का समर्थन किया था।