नई दिल्ली: कभी नीतीश कुमार के बाद जेडीयू में नंबर दो की हैसियत रखने वाले प्रशांत किशोर अब उनके खिलाफ हो चुके हैं. जेडीयू से निकाले जाने के बाद प्रशांत किशोर ने 18 फरवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश कुमार के विकास के दावों पर निशाना साधा और कई सवाल पूछे. इसमें उन्होंने शिक्षा और बिजली जैसे अन्य मुद्दों पर सवाल किया. इसको लेकर अब बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने प्रशांत किशोर पर पलटवार किया.
सुशील मोदी ने कहा कि जब नीतीश कुमार की वासपी एनडीए में हुई तो यह बात प्रशांत किशोर को पसंद नहीं आई. सुशील मोदी ने दावा किया कि प्रशांत किशोर दोबारा से आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और नीतीश कुमार की दोस्ती करना में लगे रहे. लेकिन जब वो इसमें कामयाब नहीं हो पाए तो नागरिकता कानून का बहाना बनाकर नीतीश कुमार को निशाना बनाने लगे.
सुशील मोदी ने किया ट्वीट
सुशील मोदी ने ट्वीट किया, ”बिहार में एनडीए सरकार की वापसी प्रशांत किशोर को फूटी आँखों भी नहीं सुहायी, इसलिए वे लालू प्रसाद से नीतीश कुमार की फिर दोस्ती कराने में लगे रहे. जब उनकी दाल नहीं गली, तो नागरिकता कानून को बहाना बना कर नीतीश कुमार को निशाना बनाने लगे. वे लालटेन पार्टी के लिए काम करने लगे हैं इसलिए उन्हें न राजद राज के भ्रष्टाचार दिखते हैं न सरकार में हर गांव घर तक पहुंची बिजली दिखाई पड़ती है 2005 से बिजली की खपत में पांच गुना वृद्धि हुई लेकिन पीके बिहार को लालटेन युग में लौटने की मुहिम चलाने का ठेका ले चुके हैं.”
गौरतलब है कि बीते दिनों में प्रशांत किशोर ने खुलकर सीएए और एनआरसी का विरोध किया. जब पीके जेडीयू में थे तो नीतीश कुमार का नाम लेते हुए उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा. कई मौके पर प्रशांत किशोर ने बात दोहराई थी।