दिन में 10 बार नहाती और नोटों को धोती थी महिला, पति ने हत्या कर किया सुसाइड

जानकारी के अनुसार, महिला अपने बच्चों को भी दिन में कई बार नहलाती थीं और उसका पति उसे जो रुपए देता था वह उन नोटों को भी धोती थीं.

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मैसूर. कर्नाटक (Karnataka) के मैसूर (Mysore) से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां अधेड़ उम्र का एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की पवित्रता के जुनून से परेशान होकर मंगलवार को उसकी हत्या कर दी और बाद में आत्महत्या भी कर ली. 40 साल के मृतक शांतमूर्ति और उसकी 38 साल की पत्नी पुत्तमनी की 15 साल पहले शादी हुई थी. पड़ोसियों और रिश्तेदारों के मुताबिक पुत्तमनी पवित्रता पर बहुत ही ज़्यादा ज़ोर देती थी और इसी वजह से उसके पति ने उसकी हत्या कर दी.

न्यूज़18 से बात करते हुए शांतमूर्ति के पड़ोसी प्रभु स्वामी ने कहा, “मैंने अपने जीवन में पुत्तमनी जैसा कोई व्यक्ति नहीं देखा है. पिछले लगभग 8 सालों से मैं इन लोगों को देख रहा हूं. वह बहुत अंधविश्वासी महिला थीं. हमें उनके घर के अंदर भी जाने में डर लगता था. क्योंकि अपने घर में प्रवेश करने के लिए वह हमें नहाने को कहती थी.”

बच्चों को भी कई बार नहलाती थी महिला
जानकारी के अनुसार, पुत्तमनी अपने बच्चों को भी दिन में कई बार नहलाती थीं और उसका पति उसे जो रुपए देता था वह उन नोटों को भी धोती थीं. एक रिश्तेदार राजशेखर ने पुत्तमनी के शुद्धीकरण के जूनून के बारे में कहा- “क्या आपने दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति देखा है जो करेंसी नोटों को धोकर सुखाता है? पुत्तमनी ऐसा ही करती थी क्योंकि उसका मानना था कि इन नोटों को दूसरे धर्मों और जातियों के लोग छूते हैं जिससे वह गंदा हो जाता है.”

उन्होंने आगे कहा, “शांतमूर्ति ने मुझे अपनी पत्नी के इस व्यवहार के बारे में कई बार बताया था. वह शुद्धीकरण के नाम पर उस पर अत्याचार करती थी. बार-बार नहाने के कारण उनके बच्चे भी बीमार हो जाते थे. पुत्तमनी ने यह अनिवार्य कर रखा था कि अगर वे शौचालय जाते हैं, पशुओं को चारा देते हैं या किसी को छूते हैं तो उन्हें नहाना होगा. इसी वजह से उनमें आपस में काफ़ी लड़ाई होती थी.”
आखिरकार मंगलवार को शांतमूर्ति का धैर्य जवाब दे गया और अपनी पत्नी से बहस के दौरान उसने खेत में एक हथियार से पुत्तमनी पर हमला कर दिया. ऐसा करने के बाद वह अपने घर आया और फांसी पर लटक कर आत्महत्या कर ली.

बच्चों के लौटने पर हुआ खुलासा

हालांकि इस बारे में किसी को जानकारी नहीं मिली कि शांतमूर्ति ने अपनी पत्नी को मारने के बाद ख़ुदकुशी कर ली है. इसका खुलासा तब हुआ जब उनके 12 और 7 साल के बच्चे स्कूल से घर लौटे. घर लौटने पर बच्चों ने अपने बाप के शव को पंखे से लटकता हुआ पाया और वे पड़ोसियों के पास मदद कि लिए भागे. जब पड़ोसी वहां पहुंचे तब तक शांतमूर्ति की मौत हो चुकी थी और बाद में जब लोगों ने पुत्तमनी की तलाश शुरू की तो उन्हें खेत में उसकी लाश मिली.

नोटों को भी धोती थी महिला
शांतमूर्ति ने जिस हथियार से पुत्तमनी की हत्या की थी उसे वह घर ले आया था और इसी से लोगों को पता चला कि उसने ख़ुदकुशी करने से पहले अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी. उनके पड़ोसी प्रभु स्वामी ने कहा-
“मंगलवार को मैंने पाया कि ये दोनों ही सुबह से ही झगड़ रहे थे. वह उससे बार-बार नहाने को कह रही थी और वह इससे ऊब गया था. बाद में उस दिन शांतमूर्ति बाज़ार में धान बेचकर घर वापस लौटा था और उसने पत्नी को सारे पैसे दे दिए. उसने उन पैसों को पानी में धोया और उसे सुखाने के लिए रख दिया. जब यह घटना हुई तो मैं वहां मौजूद था. शांतमूर्ति पसीने की अपनी कमाई से मिले पैसे को धोने की बात से काफ़ी नाराज़ हुआ. मैं वहां से चला गया और बाद में पता चला कि दोनों ही अब इस दुनिया में नहीं हैं. इस घटना के लिए पवित्रता पर पागलपन के हद तक अमल की उसकी मूर्खता ज़िम्मेदार है.”

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