कोरोना वायरस: चीन ने भारत से यात्रा एडवाइजरी की समीक्षा करने, सामान्य आवाजाही बहाल करने का आग्रह किया

कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहे चीन ने भारत ने सामान्य आवाजाही बहाल करने की अपील की है. चीन में भारत के राजदूत सुन वेदोंग ने कहा कि चीन अपने यहां विदेशी नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को बहुत महत्व देता है.

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नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कहर से उबरने में जुटे चीन ने भारत से यात्रा परामर्शियों की समीक्षा करने और आवाजाही बहाल करने को कहा है. साथ ही चीन में भारत के राजदूत सुन वेदोंग ने विश्व स्वास्थ्य संगठन का हवाला देते हुए कहा कि डब्ल्यूएचओ ने किसी भी यात्रा और व्यापार प्रतिबंध की सिफारिश नहीं की है. हालांकि, इस बीच भारत चिकित्सा सहायता सामग्री के साथ एक विशेष विमान अगले दो दिनों में भेज रहा है जिसके साथ वुहान से कुछ और नागरिकों को भी वापस लाने की तैयारी कर रहा है.

 

इस बारे में पूछे जाने पर चीनी राजदूत ने कहा कि चीन ने हुबेई प्रांत से भारतीय नागरिकों को वापस लाने में हर आवश्यक सहायता और सुविधा उपलब्ध कराई थी. बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लिखे अपने पत्र में चीन से मिली इस मदद की तारीफ भी की थी. हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि चीन अपने यहां विदेशी नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को बहुत महत्व देता है.

नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास में भारतीय मीडिया से बात कर रहे वेदोंग ने कहा कि मैंने इस ब्रीफिंग से पहले हुबेई प्रांत में भारतीय छात्रों की स्थिति के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि वो सभी स्वस्थ हैं. उन्हें किसी संक्रमण की खबर नहीं है. उन्हें रोज की जरूरतों की चीजें और भोजन उनके घरों पर ही पहुंचाई जा रही हैं.

 

महत्वपूर्ण है कि भारत ने अपने सभी नागरिकों को चीन न जाने की सलाह दी है. साथ ही चीन से आने वाले लोगों के लिए वीजा व्यवस्था को भी फिलहाल बहुत सीमित और सख्त कर दिया गया है. बीते दिनों भारत ने चीन से आने वाले सभी नागरिकों के लिए जारी मौजूदा वीजा निरस्त कर दिए थे. ध्यान रहे कि बीते 1 और 2 फरवरी को भारत ने चीन से अपने 650 नागरिकों को वुहान शहर और हुबेई प्रांत से बाहर निकाला था. साथ ही मालदीव के भी सात नागरिकों को एयर इंडिया की विशेष उड़ान से निकाला गया था. करीब 15 दिनों तक चिकित्सा निगरानी और क्वारंटीन में रखने के बाद अब इन लोगों को दिल्ली के मानेसर और छाबला इलाके में बनाए गए कैंपों से अपने घर जाने की इजाजत दे दी गई है.

 

इस बीच चीनी राजदूत ने उन खबरों को सिरे से खारिज किया जिनमें कोरोना वायरस के वुहान की एक प्रयोगशाला से निगकलने की बात कही जा रही थी. सुन वेदोंग ने कहा कि वायरस खतरनाक होता है लेकिन झूठी खबरें औऱ अफवाहें उससे भी खतरनाक होती हैं. नोवल कोरोना वायरस के बारे में अभी पूरी जानकारी आना बाकी है. लेकिन उसके जीनोम को लेकर उपलब्ध जानकारी यह बताती है कि यह वायरस प्रकृति निर्मित है और मानव निर्मित नहीं है.

 

चीनी राजदूत के अनुसार कोरोना वायरस बीमारी पर स्थिति नियंत्रण में आने लगी है. चीन में हुबेई से बाहर वायरस के मामलों में बीते लगातार 14 दिन से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. वहीं हर रोज़ सामने आने वाले मामले अब 5000 प्रतिदिन से घटकर दो हजार हो गए हैं. यह बताता है कि यह बीमारी नियंत्रण के दायरे में है. इसके अलावा करीब 1200 लोग स्वस्थ होकर अस्पताल से घर भेजे गए हैं.

 

इस बीच रोकथाम की कोशिशों में चीन ने सर्वाधिक प्रभावित वुहान शहर में 10 मोबाइल हॉस्पिटल बनाए गए हैं जो प्रतिदिन सात हजार लोगों को अटेंड कर रहे हैं. इसके अलावा 16000 लोगों की मदद से वुहान में हर घर का सर्वेक्षण किया गया है ताकि मरीजों का पता लगाया जा सके.

 

हालांकि, इन कोशिशों के बावजूद चीन में कोरोना वायरस की जकड़ से छूटने को छटपटा रहे चीन की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं. अभी भी चीन में 75 हजार लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. साथ ही नए मामलों के सामने आने का सिलसिला भी जारी है. ऐसे में जहां एक तरफ कोरोना वायरस का प्रसार रोकने की कोशिश हो रही है. वहीं चीन समेत दुनिया के कई मुल्कों में वैज्ञानिक इसके उपचार की दवा तैयार करने में जुटे हैं.

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