कोरोनावायरस / जापानी क्रूज पर किसी भी भारतीय में संक्रमण नहीं; चीन में मृतकों की संख्या 1600 पार, 67 हजार से ज्यादा संक्रमित

जापान के योकोहामा पोर्ट पर खड़े क्रूज में 3 भारतीय समेत 218 लोग वायरस से संक्रमित पाए गए थे सिर्फ हुबेई प्रांत में शुक्रवार को 2420 नए संक्रमित मामले पाए गए जबकि 139 लोगों की मौत हो गई चीनी अधिकारी ने बताया- हुबेई को छोड़कर देश के अन्य हिस्सों में कोरोनावायरस के मामलों में कमी आई

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नई दिल्ली/बीजिंग. जापान के योकोहामा बंदरगाह पर खड़े डायमंड प्रिंसेज क्रूज शिप में अब कोई भी भारतीय कोरोनावायरस से संक्रमित नहीं है। जापान स्थित भारतीय दूतावास ने शनिवार को कहा, “यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कोविड-19 से संक्रमित 3 भारतीयों की स्थिति में अब सुधार हो रहा है और जापानी क्रूज पर अब कोई भी भारतीय इस वायरस से संक्रमित नहीं है।” इस महीने की शुरुआत में जापानी तट पर पहुंचे क्रूज में 138 भारतीय समेत 3711 लोग मौजूद थे। भारतीयों में 132 क्रू मेंबर्स और 6 यात्री शामिल थे। जहाज में 3 भारतीय समेत 218 लोग कोविड-19 वायरस से संक्रमित पाए गए थे। वहीं, दिल्ली स्थित आईटीबीपी कैंप में रह रहे लोगों के अंतिम नमूने ले लिए गए हैं, अब उन्हें घर भेजा जा सकता है।

वहीं, चीन में कोरोनावायरस से अब तक 1631 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 67,535 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। नेशनल हेल्थ कमीशन के मुताबिक, शुक्रवार को सिर्फ हुबेई प्रांत में 2420 नए संक्रमित मामले पाए गए। पिछले 24 घंटे में चीन में 143 लोगों की मौत हो गई। अकेले हुबेई प्रांत में 139 लोगों की मौत हुई। चीन के 31 प्रांत कोरोनावायरस से प्रभावित हैं। हुबेई प्रांत में अब तक 54 हजार 406 मामलों की पुष्टि हुई है।

गृह मंत्रालय ने सीमा पर सुरक्षाबलों को सावधानी बरतने को कहा

मृतकों और संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए गृह मंत्रालय ने नेपाल, भूटान और चीन के बॉर्डर पर तैनात आईटीबीपी और एसएसबी जवानों को ज्यादा सावधानी बरतने के लिए कहा है। मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि बॉर्डर चेकपॉइंट पर भी संदिग्धों की जांच के लिए एयरपोर्ट जैसी सुरक्षा रखें। वहीं, डीजीसीए ने एयरपोर्ट प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वे चीन के अलावा जापान और दक्षिण कोरिया से आने वाले यात्रियों की भी जांच शुरू करें।

हुबेई को छोड़कर अन्य हिस्सों में संक्रमण के मामलों में कमी

शुक्रवार को चीनी अधिकारी ने बताया कि हुबेई को छोड़कर देश के अन्य हिस्सों में कोरोनावायरस के मामलों में कमी आई है। हालांकि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बताया कि वायरस की रोकथाम और निगरानी रखने के लिए बिग डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाउड कम्प्यूटिंग के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। संक्रमित मरीजों को दवाइयां और अन्य सुविधाओं की आपूर्ति के लिए अस्पतालों में रोबोट को तैनात किया गया है।

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33 देश और 4 संगठनों ने चीन को मदद की पेशकश की
चीन से बाहर 580 नए मामले पाए गए हैं। फिलीपींस और हॉन्गकॉन्ग में एक-एक जबकि जापान में 80 साल की एक महिला संक्रमित पाई गईं। महामारी से निपटने के लिए चीन को 30 देशों और चार अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने मेडिकल संबंधी मदद दी। वहीं, टेक दिग्गज अलीबाबा ने भी इसकी दवा विकसित करने के लिए 1022 करोड़ रु. की मदद दी है।

डब्ल्यूएचओ अपनी टीम चीन भेजेगा
चीन में 1700 स्वास्थ्यकर्मी वायरस की चपेट में है। इनमें 6 स्वास्थकर्मियों की मौत हो गई। अस्पतालों में डॉक्टर बिना मास्क और सुरक्षा उपकरणों के बिना वहां दिन-रात जुटे हैं। वहीं, डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि उसकी टीम के पूरे सदस्य हफ्ते के अंत तक चीन पहुंच जाएंगे। एक टीम पहले ही पहुंच चुकी है। इस टीम में दुनियाभर के 10 विशेषज्ञ हैं। यह टीम बीमारी रोकने के उपाय खोजेगी।

हौसला बढ़ाने के लिए रैलियां निकाली गईं
कोरोनावायरस की महामारी से लड़ने के लिए वुहान के लोगों का हौसला बढ़ाने के लिए अमेरिका, ताइवान, फिलीपींस में लूनर न्यू ईयर परेड हुई। इसमें लोग ‘वुहान स्टे स्ट्रॉन्ग’, ‘लॉन्ग लिव वुहान’ जैसे संदेश लिखी तख्तियां और पोस्टर निकले।

अफवाहों को रोकने के लिए डब्ल्यूएचओ ने बैठक की
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोनावायरस को लेकर गलत जानकारियों पर लगाम लगाने के लिए फेसबुक, अमेजन और गूगल जैसी टेक कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की है। प्रसारणकर्ता यूएस सीएनबीसी के मुताबिक यह बैठक फेसबुक के कैलिफोर्निया स्थित मुख्यालय में हुई। डब्लूएचओ के प्रतिनिधि एंडी पैटिंसन ने कहा, “इस बैठक का उद्देश्य अफवाहों को रोकने पर विचार सामने लाना और उन्हें सही तरीके से कार्यान्वित करना है। मैं विभिन्न कंपनियों के बीच सहयोग और उनके तरीके को प्रोत्साहित करता हूं। संकट की इस घड़ी में यह उचित समय है।” पैटिंसन ने कंपनियों से कहा कि वे खुद या उनके यूजर द्वारा प्रकाशित किसी भी तरह की जानकारियों का तथ्य प्रमाणित करने पर जोर दें।

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