दिल्ली की कोर्ट ने दोषी पवन को कानूनी मदद की पेशकश की, निर्भया की मां ने कोर्ट के बाहर किया प्रदर्शन

इस मामल में दोषी पवन गुप्ता ने कहा था कि उसके पास वकील नहीं है. कोर्ट ने कानूनी मदद की पेशकश की. इसपर निर्भया की मां ने कहा कि जज फांसी देने की तारीख तय नहीं करना चाहते.

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नई दिल्ली: दिल्ली की एक कोर्ट ने निर्भया गैंग रेप और हत्या मामले में मौत की सजा पाये चार दोषियों में से एक पवन गुप्ता को बुधवार को कानूनी मदद देने की पेशकश की. दोषी पवन ने कहा था कि उसके पास वकील नहीं है, जिसके बाद कोर्ट ने यह पेशकश की है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने पवन की ओर से विलंब करने पर नाराजगी जताई जिसने कहा कि उसने अपने पहले वाले वकील को हटा दिया है और नया वकील करने के लिए उसे समय चाहिए.

निर्भया के माता-पिता और दिल्ली सरकार ने मंगलवार को अदालत का रूख कर दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करने का अनुरोध किया था. पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा, अक्षय कुमार और मुकेश कुमार सिंह को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जानी थी. दूसरी बार डेथ वारंट पर तामील टाली गई थी.

पहली बार चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने का डेथ वारंट जारी किया गया था. इस पर 17 जनवरी को रोक दिया गया था. उसी दिन फिर उन्हें एक फरवरी को फांसी देने के लिए दूसरा वारंट जारी किया गया जिस पर अदालत ने 31 जनवरी को ‘‘अगले आदेशों तक’’ रोक लगा दी थी. गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और बर्बरता की गयी थी. सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी.

 

उधर निर्भया की मां आशा देवी ने चारों दोषियों को फांसी देने में हो रही देरी को लेकर कोर्ट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा, ”जज को दोषियों को फांसी देने की तारीख तय नहीं करना चाहते हैं और उनका समर्थन कर रहे हैं. मैं सुप्रीम कोर्ट से डेथ वारंट जारी करने की अपील करती हूं क्योंकि पटियाला हाउस कोर्ट नए सिरे से डेथ वारंट जारी करने के मूड में नहीं है.”

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