चुनावी हार के बाद पहला इस्तीफा, पीसी चाको ने दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पद छोड़ा

दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Election Result) में कांग्रेस पार्टी (Cogress) की बुरी तरह से हुई शिकस्त के बाद पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीसी चाको (PC Chacko) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है

नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव में (Delhi Election Result) करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी (Cogress) में जहां एक तरफ बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है, वहीं गुरुवार को पहला इस्तीफा भी आ गया. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको (PC Chacko) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले पीसी चाको ने कांग्रेस पार्टी की हार को लेकर सुबह में पूर्व सीएम दिवंगत शीला दीक्षित को लेकर बयान दिया था. इस बयान पर महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता मिलिंद देवड़ा ने चाको को करारा जवाब दिया. इस बयानबाजी के बाद ही पीसी चाको ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के पद से इस्तीफा दिया है.

पीसी चाको ने गुरुवार की सुबह अपने बयान में दिल्ली में कांग्रेस की स्थिति को लेकर बयान दिया था. पीसी चाको ने कहा था कि 2013 से ही दिल्ली में कांग्रेस की खराब हालत की शुरुआत हो गई थी. आम आदमी पार्टी के उदय के साथ ही कांग्रेस का परंपरागत वोटबैंक उसकी ओर शिफ्ट हो गया, जो आज भी लौटा नहीं है. चाको के इस बयान पर कांग्रेस के ही एक अन्य नेता मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर जवाब दिया था. देवड़ा ने अपने ट्वीट में शीला दीक्षित की आलोचना करने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था.

खाता नहीं खुला, जमानत हुई जब्त

आपको बता दें कि चुनाव आयोग की ओर से घोषित अंतिम नतीजों के मुताबिक दिल्ली में AAP ने 53.57 फीसदी मतों के साथ कुल 62 सीटों पर जीत दर्ज की है. इस चुनाव में बीजेपी को 38.51 प्रतिशत मत और 8 सीटों पर जीत मिली. वहीं, कांग्रेस लगातार दूसरी बार विधानसभा में अपना खाता नहीं खोल सकी. कांग्रेस के सिर्फ तीन उम्मीदवार- गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली, बादली से देवेंद्र यादव और कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त ही अपनी जमानत बचा पाए हैं, बाकी सबकी जमानत तक जब्त हो गई. पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत शीला दीक्षित के नेतृत्व में 15 साल तक शासन करने वाली कांग्रेस लगातार दूसरी बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में नाकाम रही.

दिल्ली में कांग्रेस ने पहली बार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा. पार्टी ने दिल्ली की कुल 70 में से 66 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जबकि 4 सीटें सहयोगी दल के लिए छोड़ी थीं. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा की कालकाजी सीट से जमानत जब्त हो गई. वहीं, तेजतर्रार नेता अल्का लांबा की भी चुनाव में करारी हार हुई है.

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