नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर अब चिंताजनकर खबरें सामने आ रही हैं. इस बीमारी का खौफ इतना बढ़ गया है कि बीमारी होने का शक होने भर से एक आदमी ने खुदकुशी (Suicide) कर ली. आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) के कोरोना वायरस से पीड़ित होने के शक में अपनी ही जान लेने का मामला हैरान करने वाला है. आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के रहने वाले कृष्णाहद को शक हो गया था कि वो कोरोना वायरस से संक्रमित है. इस बीमारी के संक्रमण से अपने परिवार को बचाने के लिए उसने घर से दूर जाकर पेड़ से फांसी लगाकर जान दे दी.
#coronavirus fight: Hundreds of trucks were dispatched to spray disinfectants overnight in Luoyang, China.
Fight Virus pic.twitter.com/tjgoXlz4eS— Health Daily Advice (@Healthadvice48) February 12, 2020
कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया दहशत में है. लेकिन ऐसे वक्त में पैनिक के बजाए कुछ एहतियात बरतने की जरूरत है. इस बात में कोई शक नहीं है कि कोरोना वायरस एक भयानक महामारी का रूप ले चुका है. इसकी चपेट में आकर चीन में हजारों लोगों की जान जा चुकी है. सबसे खतरनाक बात ये है कि अभी तक कोरोना वायरस का इलाज तक नहीं ढूंढ़ा जा सका है.
हालांकि इतना सब होने के बाद भी कोरोना वायरस को लेकर पैनिक करने के बजाए बचाव के उपाय पर विचार करना चाहिए, ताकि जिस भ्रम का शिकार होकर आंध्र प्रदेश के एक शख्स ने जान दी. वैसे मामले सामने न आएं.
कोरोना वायरस को लेकर अफवाहों से बचें
The Communist Party cannot be humane. They are monsters, gathering children in one bag, and then burning bodies in cold blood! They hide the true number of injuries and deaths, they really are criminals
#coronavirus pic.twitter.com/XfG3np4wcW
— عزيز (@DZrfl) February 12, 2020
सबसे पहली बात कोरोना वायरस को लेकर अफवाहों से बचना चाहिए. कोरोना वायरस चीन के शहर वुहान से फैला है. चीन में ये सबसे भयावह तौर पर सामने आया है. चीन से ही ये दूसरे देशों में भी फैला है. भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज सामने आए हैं. लेकिन इस वायरस का संक्रमण इतना ज्यादा नहीं है कि बहुत अधिक चिंता की जाए.
What crap mania is there in #China to spit …
Chinese woman named Li arrested in the city of Chongqing after deliberately spitting on lift buttons during #coronavirus lockdown… pic.twitter.com/C7TFTTEqmk— Mula (@Mula01184907) February 12, 2020
भारत में केरल में कुछ संक्रमण के मामले सामने आए हैं
केरल में कोरोना वायरस के कुछ मरीज मिले हैं. संक्रमित मरीज वो हैं, जो कुछ दिनों पहले चीन से आए हैं. जैसे ही उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पता चला है, उन्हें तुरंत अलग-थलग कर दिया गया. वो मेडिकल टीम की देखरेख में हैं. सबसे बड़ी बात है कि भारत में इस वायरस से संक्रमित मरीज बहुत कम मिले हैं. सिर्फ केरल में ही कुछेक मामले सामने आए हैं. उनमें से भी इस बीमारी की वजह से किसी की मौत नहीं हुई है. इसलिए इस बीमारी को लेकर ज्यादा पैनिक करने की जरूरत नहीं है.
क्या हैं कोरोना वायरस के लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को लेकर इमरजेंसी घोषित की है. विश्व स्वास्थ्य संगठन लगातार इस बीमारी को लेकर पूरी दुनिया को जानकारी दे रहा है. WHO ने इस बीमारी के लक्षण और उससे बचाव के तरीकों की जानकारी भी दी है. कोरोना वायरस के लक्षण शुरू में बहुत सामान्य होते हैं. बाद में एक झटके में मरीज की हालत बिगड़ती है. बताया जा रहा है कि शुरुआत के 10-15 दिनों में मरीज को संक्रमण का पता ही नहीं चलता. इसी वजह से ये बीमारी तेजी से फैली है.
बीमारी के शुरुआती लक्षणों में- सांस लेने में थोड़ी तकलीफ़, खांसी या फिर बहती हुई नाक है. ये भी गौर करने वाली बात है कि कोरोना वायरस परिवार के ज्यादातर वायरस नुकसानदायक नहीं होते हैं. अगर कोई सामान्य कोरोना वायरस की चपेट में आता है तो तीन दिन से लेकर एक हफ्ते में ठीक हो जाता है, लेकिन कोरोना परिवार में छह सदस्य ऐसे रहे हैं, जिन्हें जानलेवा कहा जाता है.
अब नोवल कोरोना वायरस-2019 इस परिवार का सातवां घातक सदस्य है. इन्हीं घातक वायरस से सार्स (सिवियर एक्यूट रेसपिरेटरी सिंड्रोम) और मर्स (मिडल ईस्ट रेसपिरेटरी सिंड्रोम) जैसी बीमारियां फैली हैं. अब ये नई बीमारी फैल रही है.
The health checkpoints like this one are common across China now. #coronavirus pic.twitter.com/DETQdjJq3Y
— Max Howroute▫️ (@howroute) February 12, 2020
कोरोना वायरस को लेकर कुछ एहतियात बरतने की जरूरत है
कैसे होती है बीमारी की शुरुआत
कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में शुरुआत बुखार से होती है. फिर सूखी खांसी. सांस में दिक्कत होने लगती है. नोवल कोरोना वायरस फेफड़ों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त करता है. इसके बाद रोगी की हालत बिगड़ जाती है.
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए क्या करें
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए WHO ने कुछ गाइडलाइंस जारी किए हैं. इन उपायों को अपनाकर संक्रमण से बचा जा सकता है. ये रहे वो 10 उपाय-
1. दिन में कई बार साबुन से हाथ धोएं.
2. अपने हाथों से आंख, नाक और मुंह को बार-बार नहीं छुएं.
3. अपनी और परिवार की इम्युनिटी को बरकरार रखने वाली चीजों का सेवन करें.
4. खांसते और छींकते समय अपने मुंह और नाक को अच्छी तरह से ढंककर रखें.
5. खांसी, बुखार और जुकाम के लक्षण होते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
6. सांस की किसी तकलीफ़ से संक्रमित मरीज़ों के क़रीब जाने से बचें. मास्क लगाएं.
7. किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के फौरन बाद, पालतू या जंगली जानवरों से दूर रहने की सलाह भी दी गई है.
8. कच्चा या अधपका मांस खाने से परहेज करें.
9. नियमित रूप से साफ-सफाई का ध्यान रखें
10. अगर बुखार और खांसी हो तो यात्रा से परहेज करें
इस संक्रमण पीड़ित मरीजों का इलाज करने वालों के लिए भी गाइडलाइन जारी की गई है. स्वास्थ्य कर्मी खुद संक्रमण का शिकार न हो, इसके लिए सभी एहतियाती उपाय करने चाहिए. गाउन, मास्क, दस्तानों के इस्तेमाल के अलावा अस्तपाल में संक्रमित मरीज़ों की गतिविधि पर नियंत्रण करने की भी सलाह दी गई है.
भारत में भी फैला कोरोना वायरस तो ऑटो इंडस्ट्री को होगा बड़ा नुकसान, उत्पादन 8.3% गिरने का अनुमान
फिच सॉल्यूशंस (Fitch Solutions) ने चीन में कोरोना वायरस (Coronavirus) के फैले संक्रमण के कारण 2020 में घरेलू वाहन विनिर्माण 8.3 फीसदी सिकुड़ जाने का अनुमान व्यक्त किया है. चीन (China) में इस वायरस का संक्रमण के फैलने के कारण वाहनों के कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियों ने उत्पादन रोक दिया है. फिच ने कहा कि यदि भारत (India) में भी वायरस (Virus) का संक्रमण फैला तो यहां भी इस तरह की नीतियां अपनायी जा सकती हैं. उसने कहा कि भारत की स्वास्थ्य एवं चिकित्सा प्रणाली की स्थिति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि भारत में वायरस का संक्रमण फैलने की रफ्तार चीन की तुलना में अधिक होगी और घरेलू वाहन उद्योग पर अधिक व्यापक असर देखने को मिलेगा.
वर्ष 2019 में 13.2 फीसदी रही थी गिरावट
फिच ने कहा कि चीन भारतीय वाहन उद्योग के लिये कल-पुर्जों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है. ऐसे में चीन में तैयार कल-पुर्जों की कमी होने से भारतीय वाहन उद्योग को उत्पादन की गति कम करने या बंद करने को बाध्य होना पड़ सकता है. उन्होंने कहा, इन कारणों से हम 2020 में घरेलू वाहन विनिर्माण में 8.3 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान करते हैं. वर्ष 2019 में इसमें 13.2 प्रतिशत की गिरावट रही थी
फिच ने कहा, चीन भारत के वाहन कल-पुर्जा जरूरत की 10 से 30 फीसदी की पूर्ति करता है. यदि भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग की बातें करें तो यह दो या तीन गुना अधिक हो जाता है. इससे पता चलता है कि भारतीय वाहन उद्योग किस तरह से चीन के कल-पुर्जों पर निर्भर है.