कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का विवादित बयान, कहा- कश्मीर भौगोलिक तौर पर साथ, भावनात्मक रूप से नहीं
अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने कहा है कि कश्मीर (Kashmir) भौगोलिक तौर पर भले ही भारत के साथ हो लेकिन भावनात्मक रूप से ऐसा नहीं है.
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चिदंबरम के बाद अधीर रंजन ने भी उठाया PSA का मुद्दा
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अधीर रंजन ने कहा, इस तरह से कश्मीर पर शासन नहीं कर सकते
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) लगाने का मामला बढ़ता जा रहा है. लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप इस तरह से कश्मीर पर शासन नहीं कर सकते हैं.
Adhir Ranjan Chowdhury, Congress: Prime Minister spoke against Omar Abdullah & Mehbooba Mufti in Parliament yesterday & they were charged with Public Safety Act (PSA) at night. You cannot govern Kashmir like this. Physically Kashmir is with us but not emotionally. pic.twitter.com/GF2pnqxIjP
— ANI (@ANI) February 7, 2020
अधीर रंजन ने कहा, भौगोलिक रूप से कश्मीर हमारे साथ है, लेकिन भावनात्मक रूप से नहीं. कल संसद में पीएम नरेंद्र मोदी ने उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ बात की और रात में उन पर पीएसए लगा दिया गया.
अधीर रंजन से पहले कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने भी उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर पीएसए लगाने को लेकर नाराजगी जाहिर की.
चिदंबरम ने कहा, ‘उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और अन्य के खिलाफ पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) की क्रूर कार्रवाई से हैरान हूं. आरोपों के बिना किसी पर कार्रवाई लोकतंत्र का सबसे घटिया कदम है. जब अन्यायपूर्ण कानून पारित किए जाते हैं या अन्यायपूर्ण कानून लागू किए जाते हैं, तो लोगों के पास शांति से विरोध करने के अलावा क्या विकल्प होता है?’
हालांकि, सरकार का कहना है कि 6 नेताओं ने उनके नियमों और शर्तों को मानने से इनकार कर दिया था, इसलिए उन पर पीएसए लगाया गया है. दरअसल, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं को हिरासत में रखा गया था.
जिसके बाद सरकार ने एक बॉन्ड पर सिग्नेचर कराकर कई नेताओं को रिहा किया गया. लेकिन फारूक, उमर, महबूबा समेत 6 नेताओं ने इस बॉन्ड पर सिग्नेचर करने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद उन पर पीएसए लगाया गया. यह बॉन्ड 370 के खिलाफ प्रदर्शन न करने की गारंटी थी. उमर और महबूबा को उनके घर पर शिफ्ट करके नजरबंद कर दिया गया है.