शाहीन बाग पर बोले मोदी- ‘प्रदर्शनकारियों को उकसा रही है कांग्रेस, आंदोलन ऐसा हो कि लोग परेशान न हों’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर चल रही चर्चा का जवाब दे रहे हैं. लोकसभा में सोमवार को जबकि राज्यसभा में मंगलवार को बहस की शुरुआत हुई थी. पीएम मोदी के भाषण से जुड़ी पल-पल की अपडेट्स के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ.
- मोदी ने विभाजन का जिक्र करते हुए कहा- किसी को प्रधानमंत्री बनना था, इसलिए हिंदुस्तान के नक्शे पर लकीर खींच दी गई
- राष्ट्रपति के अभिभाषण पर मोदी का जवाब- पुराने तरीके पर चलते तो 70 साल बाद भी अनुच्छेद 370 नहीं हटता, राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती
- मोदी ने कहा- पुरानी लीक पर चलते तो मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की तलवार डराती रहती, राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती
- ‘सरकार बदली है, सरोकार भी बदलने की जरूरत है, एक नई सोच की जरूरत है, हमने पुराने तरीके पर चलने की आदत बदली’
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर चल रही चर्चा का जवाब दे रहे हैं. माना जा रहा है कि पीएम अपने जवाब में विपक्ष के आरोपों पर बोलने के साथ-साथ दिल्ली चुनाव के मद्देनजर शाहीन बाग, राम मंदिर और नागरिकता कानून से जुड़े मसलों पर भी अपनी बात रखेंगे. लोकसभा में सोमवार को जबकि राज्यसभा में मंगलवार को बहस की शुरुआत हुई थी.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया।
#WATCH Prime Minister Narendra Modi after Rahul Gandhi made an intervention in his speech in Lok Sabha: I was speaking for the last 30-40 minutes but it took this long for the current to reach there. Many tubelights are like this. pic.twitter.com/NwbQVBHWPx
— ANI (@ANI) February 6, 2020
इस दौरान उन्होंने कहा कि एक सवाल बार-बार आ रहा है कि सरकार कामों की इतनी जल्दी क्यों है? मोदी ने मशहूर कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की एक कविता का जिक्र करते हुए कहा- लीक पर वे चलें, जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने, ऐसे अनिर्मित पथ ही प्यारे हैं। एक घंटे 40 मिनट के भाषण में मोदी विपक्ष पर काफी हमलावर नजर आए। विभाजन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसी (जवाहर लाल नेहरू) को प्रधानमंत्री बनना था, इसलिए हिंदुस्तान की जमीन पर लकीर खींच दी गई। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि एक सवाल बार-बार आ रहा है कि सरकार कामों की इतनी जल्दी क्यों है? अगर पुरानी लीक पर चले होते तो अनुच्छेद 370 खत्म नहीं होता।
अगर कांग्रेस के रास्ते हम चलते ,तो 50 साल बाद भी शत्रु संपत्ति कानून का इंतजार देश को करते रहना पड़ता।
35 साल बाद भी नेक्स्ट जनरेशन लड़ाकू विमान का इंतजार देश को करते रहना पड़ता।
28 साल बाद भी बेनामी संपत्ति कानून लागू नहीं हो पाता: पीएम मोदी #PMinLokSabha pic.twitter.com/sVMwouG6Kk
— BJP (@BJP4India) February 6, 2020
पीएम मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब दे रहे हैं. पीएम मोदी ने अपने भाषण से पहले कहा कि गांधी जी किसी के लिए ट्रेलर हो सकते हैं, हमारे लिए जिंदगी है. इससे पहले सदन में महात्मा गांधी जिंदाबाद के नारे लग रहे थे.पीएम मोदी ने कहा, ‘’माननीय राष्ट्रपति जी ने न्यू इंडिया का विजन अपने अभिभाषण में प्रस्तुत किया है. 21वीं सदी के तीसरे दशक का माननीय राष्ट्रपति जी का वक्तव्य हम सभी को दिशा और प्रेरणा देने वाला और देश के लोगों में विश्वास पैदा करने वाला है.’’
PM Modi's reply to the motion of thanks on the President's Address in the Lok Sabha. #PMinLokSabha https://t.co/rZlVPzbenH
— BJP (@BJP4India) February 6, 2020
लोकसभा में अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष कहता है कि इस सरकार को इतनी जल्दी क्या है तो मैं उन्हें बता दूं कि अगर सरकार जल्दबाजी नहीं करती और पुराने सरकारों की तरह ही काम करती रहती तो देश नहीं बदलता. बदलाव नहीं आता.
पीएम मोदी ने कहा, ‘’एक स्वर ये उठा है कि सरकार को सारे कामों की जल्दी क्यों है? हम सारे काम एक साथ क्यों कर रहे हैं? सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी ने अपनी कविता में लिखा है कि-लीक पर वे चलें, जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने, ऐसे अनिर्मित पथ ही प्यारे हैं.’’‘’लोगों ने सिर्फ एक सरकार बदली है, केवल ऐसा नहीं है, बल्कि सरोकार भी बदलने की अपेक्षा की है. इस देश की एक नई सोच के साथ काम करने की इच्छा और अपेक्षा के कारण हमें यहां आकर काम करने का अवसर मिला है.’’
‘’हम भी आप लोगों के रास्ते पर चलते, तो शायद 70 साल के बाद भी इस देश से अनुच्छेद 370 नहीं हटता, आपके ही तौर तरीके से चलते, तो मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की तलवार आज भी डराती. आपकी ही सोच के साथ चलते तो राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती. आपकी ही सोच अगर होती, तो करतापुर साहिब कोरिडोर कभी नहीं बन पाता. आपके ही के तरीके होते, आपका ही रास्ता होता, तो भारत-बांग्लादेश विवाद कभी नहीं सुलझता.’’
पीएम मोदी ने कहा, ‘’अगर कांग्रेस के रास्ते हम चलते ,तो 50 साल बाद भी शत्रु संपत्ति कानून का इंतजार देश को करते रहना पड़ता. 35 साल बाद भी नेक्स्ट जनरेशन लड़ाकू विमान का इंतजार देश को करते रहना पड़ता. 28 साल बाद भी बेनामी संपत्ति कानून लागू नहीं हो पाता.’’ ‘’कोई इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि देश चुनौतियों से लोहा लेने के लिए हर पल कोशिश करता रहा है. कभी कभी चुनौतियों की तरफ न देखने की आदतें भी देश ने देखी है, चुनौतियों को चुनने का सामर्थ्य नहीं, ऐसे लोगों को भी देखा.’’
पीएम मोदी ने कहा, ‘’आज दुनिया की भारत से जो अपेक्षा है, हम अगर चुनौतियों को चुनौती नहीं देते, अगर हम हिम्मत नहीं दिखाते और अगर हम सबको साथ लेकर चलने की गति नहीं दिखाते तो हमें लंबे अरसे तक समस्याओं से जूझना होता. हमने जिस तेज गति से काम किया है, उसका परिणाम है कि देश की जनता ने इसे देखा और देखने के बाद, उसी तेज गति से आगे बढ़ने के लिए हमें फिर से सेवा का मौका दिया. अगर ये तेज गति न होती तो 37 करोड़ लोगों के बैंक अकाउंट इतनी जल्दी नहीं खुलते.’’‘’अगर गति तेज न होती तो 11 करोड़ लोगों के घरों में शौचालय न बनते. 13 करोड़ गरीब लोगों के घर में गैस का चूल्हा नहीं पहुंचता. 2 करोड़ नए घर गरीबों के लिए नहीं बनते. लंबे समय से अटकी दिल्ली की 1,700 कॉलोनियों को नियमित करने का काम पूरा न होता.’’
मोदी का भाषण: 11 पॉइंट
1. नेहरू पर आरोप
प्रधानमंत्री बनने की इच्छा किसी की भी हो सकती है, इसमें कोई बुराई नहीं। लेकिन किसी को प्रधानमंत्री बनना था, इसलिए हिंदुस्तान के नक्शे पर एक लकीर खींच दी गई। लाखों हिंदुओं और सिखों पर अत्याचार हुए। भूपेंद्र कुमार दत्त एक वक्त ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव थे। जेल में उन्होंने 78 दिन भूख हड़ताल की थी। वे पाकिस्तान में रह गए थे। बंटवारे के तुरंत बाद संविधान सभा में उन्होंने अल्पसंख्यों की स्थिति पर चिंता जताई थी। इसके बाद स्थितियां और खराब हुईं और भूपेंद्र दत्त को भारत में शरण लेनी पड़ी थी। यही आपकी सोच है। एक और स्वतंत्रता सेनानी जोगीराज मंडल भी पाकिस्तान में रुक गए थे। उन्हें कानून मंत्री बनाया गया था। 9 अगस्त 1950 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इसमें लिखा था कि पाकिस्तान ने मुस्लिम लीग के सभी विचारों को नहीं माना। उन्हें भी भारत ही आना पड़ा था। इतने दशकों के बाद भी पाकिस्तान की सोच नहीं बदली।
2. पुराने ढर्रे पर चलते तो अनुच्छेद 370 नहीं हटता
सरकार बदली है, सरोकार भी बदलने की जरूरत है। एक नई सोच की जरूरत है। लेकिन हम पहले के तरीके से चलते और उस रास्ते पर चलते जिसकी आपको आदत हो गई थी तो शायद 70 साल के बाद भी इस देश से अनुच्छेद 370 नहीं हटता और मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की तलवार डराती रहती। राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती। करतारपुर साहिब कॉरिडोर कभी नहीं बनता। न ही बांग्लादेश के साथ सीमा विवाद सुलझता।
3. कांग्रेस की कार्यशैली
आज दुनिया की भारत से अपेक्षा है। अगर हम चुनौतियों को चुनौती नहीं देते तो शायद देश को अनेक समस्याओं से लंबे अरसे तक जूझना पड़ता। अगर कांग्रेस के रास्ते पर चलते तो 50 साल बाद भी शत्रु संपत्ति के लिए इंतजार करना पड़ता। 28 साल बाद भी बेनामी संपत्ति कानून का इंतजार खत्म नहीं होता। फाइटरजेट का इंतजार भी खत्म नहीं होता। हमने जिस तेजी से काम किया है। जनता ने इसे देखा और अधिकता के साथ हमें दोबारा काम करने का मौका दिया। अगर ये तेजी नहीं होती तो 11 करोड़ घरों में शौचालय न होता, 13 करोड़ घरों में गैस का चूल्हा न पहुंचता और लंबे अरसे से दिल्ली में अटकी 17 अवैध कॉलियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को अपने घर का अधिकार न मिलता।
4. पूर्वोत्तर का विकास
पूर्वोत्तर हमारे लिए सिर्फ एक क्षेत्र नहीं है। वहां के एक-एक नागरिक के साथ आगे बढ़ने का मौका मिला और दिल्ली उनके दरवाजे पर पहुंच गई। लगातार हमारे मंत्री वहां गए और लोगों से संवाद किया। वहां लोगों को सड़क, बिजली, ट्रेन और हवाई सेवाएं दी गईं। प्रयोग तो पहले भी हुए और आज भी हो रहे हैं। पहले पूर्वोत्तर में सूर्य तो निकलता था लेकिन सुबह नहीं होती थी। पूर्वोत्तर के लिए पहले जो काम होते थे, वो एक प्रकार से खानापूर्ति थी। कागज पर समझौते हुए लेकिन बोडो समस्या का समाधान नहीं हुआ। इससे 4 हजार लोग मौत के घाट उतारे गए थे। अब जो समझौता हुआ है, जो हथियारों पर विश्वास करने वालों के लिए एक संदेश है। हमारी कोशिश में सभी हथियारी ग्रुप एक साथ आए। समझौते में लिखा है कि इसके बाद बोडो की कोई मांग बाकी नहीं रही है। आज नया सवेरा आया है। वो प्रकाश आपके चश्मा बदलने पर दिखाई देगा।
5. भ्रष्टाचार
आर्थिक विषयों पर यह जरूर सोचना चाहिए कि आज कहां हैं और पहले कहां थे। हमारे माननीय सदस्य कहते हैं कि ये क्यों नहीं करते, कब तक करोगे और कैसे करोगे। मैं इसे आलोचना के रूप में नहीं लेता, बल्कि ये मेरे लिए प्रेरणा है। क्योंकि आपको पता है कि करेगा तो यहीं करेगा। लेकिन पहले की सरकारों में भ्रष्टाचार, कमजोर बैंकिंग और संसाधनों की बंदरबांट के मुद्दे सदन में गूंजते थे। हमने इन सब को खत्म करने का लक्ष्य रखा था और उसे पूरा भी किया। आज वित्तीय घाटा और महंगाई बनी हुई है। विपक्ष ने रोजगार का जिक्र किया तो मोदी ने चुटकी ली- एक काम न करेंगे न होने देंगे। आपकी बेरोजगारी नहीं हटने देंगे।
6. राहुल के बयान पर जवाब
मैं मानता हूं कि कांग्रेस ने 70 साल में कभी आत्मसंतुष्टि महसूस नहीं की। कल एक कांग्रेस नेता (राहुल गांधी) ने कहा कि युवा मोदी को डंडे मारेंगे। अगले छह महीने ऐसे सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा और पीठ का साइज (मजबूती) इतना बढ़ा दूंगा कि कोई भी डंडा मार सके। मैंने गंदी गालियां झेली हैं। खुशी है कि 30-40 मिनट से बोलने के बाद कांग्रेस को अब तो करंट लगा।’
7. बंगाल-कश्मीर के हालात
पिछले दिनों जो बातें बोलीं गईं, सदन में उसका जिक्र है। अधीरजी (कांग्रेस नेता) बंगाल में क्या चल रहा है, उसका कच्चा चिट्ठा खोल दें तो आपको बड़ी तकलीफ होगी। वहां लोगों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। कांग्रेस के वक्त संविधान की क्या स्थिति थी। अगर हमारे जैसे सोचते तो जम्मू-कश्मीर में भारत का संविधान लागू करने से क्यों रुके रहे? शशिजी (शशि थरूर), आप तो जम्मू-कश्मीर के दामाद थे। वहां की बेटियों को अधिकार क्यों नहीं दिलाया? किसी सांसद को तो कश्मीर में केवल जमीन दिखती है। यह उनकी दरिद्रता का परिचय कराता है। कश्मीर की पहचान कभी बम, बंदूक और अलगाववाद हो गई थी। 19 जनवरी 1990 को कुछ लोगों ने कश्मीर की पहचान को दफना दिया था। कश्मीर की पहचान सूफी परंपरा और सभी परंपराओं को सम्मान देने की है।’’
8. संविधान
कांग्रेस का मंत्र होना चाहिए- संविधान बचाओ। आपको इसे दिन में 100 बार बोलना चाहिए। आपातकाल के दौरान आपको संविधान याद नहीं आया था। जिन्होंने बार-बार संविधान में बदलाव किया, राज्य सरकारों को बर्खास्त किया, उन्हें तो संविधान बोलने की जरूरत है। संसद में पास प्रस्ताव को कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस में फाड़ दे तो उन्हें बार-बार संविधान बोलना ही पड़ेगा। पीएम और पीएमओ के ऊपर रहने वालों को संविधान का महत्व समझने की जरूरत है। कांग्रेस अगर संविधान का महत्व समझती तो ऐसी हालत ऐसी न होती। संविधान बचाने के नाम पर देश और दिल्ली में क्या हो रहा है। इसे देश देख रहा और समझ भी रहा है। सुप्रीम कोर्ट बार-बार कह चुका है कि आंदोलन ऐसे न हों, जिनसे लोगों को परेशानी हो। लेफ्ट और कांग्रेस के लोग वहां जाकर लोगों को भाषण देकर उकसा रहे हैं।
9. सीएए
कुछ लोग रह रहे हैं कि सीएए लाने की जल्दी क्या थी। सरकार भेदभाव कर रही है। हिंदु-मुस्लिम में बांटकर देश के टुकड़े करना चाहती है। ये वे लोग हैं, जो देश के टुकड़े-टुकड़े करने वालों के साथ फोटो खिंचवाते हैं। पाकिस्तान हमें तोड़ने की कई कोशिशें कर चुका है। ये दुखद है कि कुछ लोग पाकिस्तान के रवैये पर भरोसा कर रहे हैं। भारत छोड़ो आंदोलन का नारा देने वाले महापुरुष (खान अब्दुल गफ्फार खान) भारतीय थे, बाद में पाकिस्तानी बने। मुझे भी एक बार उनके पैर छूने का अवसर मिला था।
10. सिख दंगे
कांग्रेस की सोच रही है कि कोई मरे तो मरे। सीएए से भारत में किसी भी अल्पसंख्यक को कोई परेशानी नहीं होगी। क्या कांग्रेस को 1984 के दंगे याद हैं। क्या वहां रहने वाले हमारे सिख भाई अल्पसंख्यक नहीं थे। आपने आरोपियों को सजा नहीं दिलाई और इतना ही नहीं दंगा भड़काने के एक आरोपी को मुख्यमंत्री बना दिया। देश को कांग्रेस से जिम्मेदार विपक्ष की अपेक्षा थी, लेकिन वो गलत रास्ते पर चल पड़ी है। अगर राजस्थान और मध्यप्रदेश में आपकी सरकारें कोई प्रस्ताव पास करें और विरोध होता रहे ऐसे चल सकता है। आपने गलत किया है, इसीलिए वहां बैठे हो।
11. कविता और शेर सुनाया
मोदी ने मशहूर कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की एक कविता का जिक्र करते हुए कहा- लीक पर वे चलें, जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने, ऐसे अनिर्मित पथ ही प्यारे हैं। एक शायर ने कहा है- खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं, आप छुपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं।
दो चरण में बजट सत्र
बजट सत्र दो चरणों में होगा। पहला सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ था, जो 11 फरवरी को खत्म होगा। दूसरा चरण 2 मार्च से शुरू होकर 3 अप्रैल तक चलेगा।