कोरोनावायरस / अलवर के ईएसआईसी हॉस्पिटल के 96 कमरों में 288 बेड तैयार; टीवी, वाईफाई के साथ केटरिंग तक की सुविधा
केंद्र के निर्देश के बाद अलवर में ईएसआईसी हॉस्पिटल के 96 कमरों में ऑर्ब्जर्वेशन वार्ड तैयार किए गया है यहां चीन से एयरलिफ्ट किए गए भारतीयों को 28 दिन तक निगरानी में रखा जाएगा, अभी मानेसर में रखा गया है
अलवर. राजस्थान के अलवर में कोरोनावायरस के संदिग्ध मरीजों के लिए 288 बेड का हॉस्पिटल तैयार किया गया है। केंद्र के निर्देश के बाद यहां ईएसआईसी हॉस्पिटल के 96 कमरों में यह ऑर्ब्जर्वेशन वार्ड तैयार किए गए हैं। यहां पर चीन में एयरलिफ्ट किए गए भारतीयों को निगरानी में रखा जाएगा। हालांकि, अभी तक चीन से जितने भी भारतीयों को एयरलिफ्ट किया गया है। उन सभी को हरियाणा के मानेसर में बनाए गए 300 बेड के स्पेशल शिविर में रखा गया है। बताया जा रहा है कि मानेसर में जगह न होने के बाद लोगों को यहां रखा जाएगा। मानेसर से अलवर की दूरी करीब 111 किलोमीटर है।
हालांकि, मंगलवार सुबह तक इस हॉस्पिटल में कोई मरीज नहीं पहुंचा। इस हॉस्पिटल के नोडल अधिकारी डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि अभी यहां किसी संदिग्ध मरीज को लाए जाने की कोई सूचना नहीं मिली है। मरीज आने से 12 घंटे पहले जैसे ही सूचना मिलेगी, तब अलर्ट जारी कर दिया जाएगा। हालांकि, मंगलवार सुबह तक इस हॉस्पिटल में कोई मरीज नहीं पहुंचा।
10 मंजिला हॉस्टल में 288 बेड की व्यवस्था
डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि हॉस्पिटल कैंपस में 10 मंजिला गर्ल्स हॉस्टल में मरीजों के लिए मेडिकल ऑब्जर्वेशन वार्ड बनाए गए हैं। राज्य के कई जिलों से 18 डॉक्टर्स के अलावा 30 लोगों का नर्सिंग स्टाफ तैनात किया गया है। हर 10 मरीज पर एक नर्सिंग स्टाफ का रेशियो है। मरीज और नर्सिंग स्टाफ के अलावा किसी को भी ऑब्जर्वेशन वार्ड में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। साथ ही, सफाईकर्मी, नर्सिंगकर्मी, लैबकर्मी सहित अन्य स्टाफ सुरक्षा के लिए आवश्यक चीजों को पहनकर ही जाएंगे।
टीवी, वाई-फाई, स्टडी सेटअप का इंतजाम
केंद्र द्वार आदेश मिलने के बाद ही ईएसआईसी द्वारा 288 बेड का ऑर्ब्जर्वेशन वार्ड बनाने की तैयारी युद्धस्तर पर हुई। तीन दिनों तक दिन-रात की शिफ्ट में 220 से ज्यादा लोगों ने काम किया। रविवार देर रात तक काम जारी था और दो कैंपस के अंदर की दो इमारतों को पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है। यहां रखे जाने वाले संदिग्ध के लिए टीवी, वाई-फाई, स्टडी सेटअप के साथ कैटरिंग तक की व्यवस्था की गई है। अलवर में ही राजीव गांधी अस्पताल में 6 बेड का आइसोलेशन कॉटेज बनाया गया है। जरूरत पड़ने पर संदिग्ध मरीज को यहां पर एडमिट किया जाएगा।
28 दिन रखा जाएगा ऑब्जर्वेशन में
अलवर में ईएसआईसी की जिस बिल्डिंग में 288 बेड का ऑर्ब्जर्वेशन वार्ड तैयार किया वह 2014 में तैयार हो गई थी। लेकिन ऑडिटोरियम और स्टेडियम तैयार नहीं होने की वजह से 2018 के मार्च में इसे शुरू किया गया। जिन गर्ल्स और ब्यॉज हॉस्टल में बेड व अन्य सुविधाएं तैयार की गई हैं। संदिग्धों को इस अस्पताल में 28 दिन रखा जाएगा। जयपुर से ईएसआईसी के रीजनल डायरेक्टर गुलाबचंद दर्जी ने सोमवार को हॉस्पिटल पहुंचकर जायजा लिया।