लोकसभा में अनुराग ठाकुर के भाषण के दौरान हंगामा, विपक्ष ने ‘गोली मारना बंद करो, देश को तोड़ना बंद करो’ के नारे लगाए

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, कोदिकुन्निल सुरेश और सांसद गौरव गोगोई ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. ये नेता चाहते हैं कि लोकसभा के अंदर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देश में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर चर्चा की जाए. इससे पहले शुक्रवार को जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे थे उस दौरान विपक्षी पार्टियों ने संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हंगामा किया था. ऐसे में सोमवार को सदन के दोनों सत्रों में हंगामे की उम्मीद है.

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  • सीएए के विरोध में 50 दिनों से शाहीन बाग में प्रदर्शन
  • कोलकाता, मुंबई और अन्य शहरों में भी शाहीन बाग की तर्ज पर विरोध
  • विपक्षी दल के नेता कानून को बता रहे हैं संविधान विरोधी
  • राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान भी विपक्षी दलों ने किया था हंगामा
  • दशक का पहला बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू, आज से संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी
  • लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, लेफ्ट, तृणमूल कांग्रेस ने हंगामा किया, प्रधानमंत्री से जवाब देने की मांग की
  • विपक्षी दलाें ने सीएए-एनआरसी और कोरोनावायरस के मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग काे लेकर राज्यसभा में नोटिस दिया है

नई दिल्ली. संसद के बजट सत्र में सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के मुद्दे पर हंगामा हुआ। कांग्रेस, तृणमूल, माकपा और राजद समेत विपक्षी दलों के सांसदों ने लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के भाषण का विरोध किया। लोकसभा में ‘गोली मारना बंद करो, देश को तोड़ना बंद करो’ के नारे लगाए। इसके साथ ही सीएए-एनआरसी पर प्रधानमंत्री मोदी से जवाब की मांग की। ठाकुर ने पिछले हफ्ते एक रैली में देशद्रोहियों को गोली मारने के नारे लगवाए थे। इसके बाद से दिल्ली में प्रदर्शन स्थलों के पास फायरिंग की 3 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। विपक्ष ने राज्यसभा में इन मुद्दाें पर तत्काल चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।

लोकसभा में एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जामिया छात्रों के साथ मारपीट के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा, ओवैसी ने लोकसभा में जामिया हिंसा का मुद्दा उठाया, कहा- जामिया में छात्र-छात्राओं के साथ मारपीट हुई। बेटियों को मारा गया, लेकिन सरकार को शर्म नहीं आई। सरकार छात्रों पर अत्याचार कर रही है।

लोगों को बेरहमी से मार रही सरकार: अधीर रंजन

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सीएए-एनआरसी का विरोध करते हुए कहा- देश का आम आदमी संविधान बचाने के लिए विरोध कर रहा है। प्रदर्शनकारी संविधान हाथ में लेकर, राष्ट्रगान गाकर इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन उन पर गोलियां चलवाई जा रही हैं। भारत के लोगों को बेरहमी से मारा जा रहा है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान हंगामा करते तृणमूल के नेता। -फाइल

 

ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण में सीएए, एनआरसी और कश्मीर में प्रतिबंधों को शामिल नहीं करने पर सवाल उठाए हैं। पार्टी इसमें संशोधन की मांग कर रही है। तृणमूल सांसदों ने शुक्रवार को संसद (लोकसभा और राज्यसभा) के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान भी प्रदर्शन किया था। इसके अलावा भाजपा सांसद विकास महात्मे ने राज्यसभा में कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे पर चर्चा की मांग की है।

विपक्ष सीएए-एनआरसी के विरोध में

विपक्ष ने संसद द्वारा पारित नागरिकता कानून को असंवैधानिक करार दिया है और इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस पर इसी महीने सुनवाई होने वाली है। विपक्षी पार्टियों ने उन मुख्यमंत्रियों से एनपीआर लागू नहीं करने का आग्रह किया है, जो नागरिकता कानून का विरोध कर रहे हैं।

बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू 

इस दशक का पहला बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट पेश किया। सोमवार से लोकसभा और राज्यसभा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार हैं।

विपक्ष और सरकार में क्यों है टकराव?

विपक्ष का कहना है कि संशोधित नागरिकता कानून भेदभाव पूर्ण और संविधान की भावना के विरुद्ध है. जबकि सरकार का कहना है कि इस कानून का फायदा उन अल्पसंख्यकों को होगा जो पड़ोसी मुस्लिम बहुल देशों में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं. इससे भारत के अल्पसंख्यकों या किसी अन्य नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचने वाला है.

 

क्यों है विवाद?
संशोधित नागरिकता कानून के मुताबिक अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न झेलने वाले वैसे हिंदू, सिख, बुद्धिष्ठ, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोग जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ चुके हैं उन्हें भारत का नागरिक माना जाएगा. हालांकि इस दायरे में मुस्लिम समुदाय को छूट नहीं दी गई है.
 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजद और आनंद शर्मा ने देश के मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नोटिस दिया है. ये देश में संशोदित नागरिकता कानून पर हो रहे देशव्यापी विरोध को लेकर सदन में चर्चा कराना चाहते हैं. कांग्रेस ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत नोटिस दिया है.

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