कोरोनावायरस / वुहान में फंसे पाकिस्तानी छात्रों ने कहा- हमारी सरकार को शर्म आनी चाहिए, हमें मरने के लिए छोड़ दिया, भारत से कुछ सीखें

पाकिस्तान की सरकार ने शुक्रवार को ही कहा था कि इस मुश्किल की घड़ी में हम चीन के साथ मजबूती से खड़े हैं और इसलिए हम अपने नागरिकों को वुहान से नहीं निकालेंगे। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने कहा था- “बीमारी फैलने पर पैगंबर मोहम्मद के निर्देश आज भी बेहतर मार्गदर्शक हैं। अगर आप बीमारी फैलने वाली किसी जगह पर हों, तो उस जगह बिल्कुल न छोड़ें। बल्कि, हमें उनकी मदद करनी चाहिए जो वहां फंसे हैं। 

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  • पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पैगंबर साहब का हवाला देते हुए कहा था- हमें उस जगह को नहीं छोड़ना चाहिए, जहां बीमारी फैली हो
  • पाकिस्तानी छात्रों ने वीडियो जारी कर कहा- भारत ने अपने लोगों को चीन से निकाला, बांग्लादेश भी जल्द अपने लोगों को निकाल लेगा
  • चीन में पाकिस्तान की राजदूत नगमना ने कहा पाकिस्तान अब तक कोरोनावायरस का इलाज नहीं ढूंढ सका है, इसलिए छात्रों को नहीं निकालेंगे
  • भारत अब तक दो विमानों से अपने 647 नागरिकों को वुहान से भारत ला चुका है, सभी का आइसोलेशन सेंटर्स पर इलाज किया जा रहा है

वुहान/इस्लामाबाद. भारत ने शनिवार और रविवार को दो विमानों से चीन के वुहान में फंसे अपने नागिरकों को निकाल लिया। इसके बाद वुहान में फंसे पाकिस्तान छात्रों ने वीडियो जारी कर इमरान सरकार पर निशाना साधा है। छात्रों ने भारतीयों के वुहान से निकाले जाने का वीडियो दिखा कर कहा, “जल्द ही बांग्लादेश भी अपने लोगों को चीन से निकाल लेगा। इसके बाद सिर्फ हम पाकिस्तानी ही यहां फंसे रह जाएंगे, क्योंकि हमारी सरकार का कहना है कि चाहे तुम मृत हो या संक्रमित हो या सही सलामत हो, हम तुम्हें चीन से नहीं निकालेंगे। पाकिस्तान सरकार को शर्म आनी चाहिए। उसे भारत से कुछ सीखना चाहिए।

पाकिस्तानी सरकार ने छात्रों की मदद से इनकार किया था

पाकिस्तान की सरकार ने शुक्रवार को ही कहा था कि इस मुश्किल की घड़ी में हम चीन के साथ मजबूती से खड़े हैं और इसलिए हम अपने नागरिकों को वुहान से नहीं निकालेंगे। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने कहा था- “बीमारी फैलने पर पैगंबर मोहम्मद के निर्देश आज भी बेहतर मार्गदर्शक हैं। अगर आप बीमारी फैलने वाली किसी जगह पर हों, तो उस जगह बिल्कुल न छोड़ें। बल्कि, हमें उनकी मदद करनी चाहिए जो वहां फंसे हैं।

पाकिस्तानी दूतावास हमारा फोन तक नहीं उठा रहा: छात्र

एक अन्य वीडियो में पाकिस्तानी छात्र कहते हैं- “हमारी यूनिवर्सिटी वुहान से 2-3 घंटे की दूरी पर शांज्यांग में है। पाकिस्तान में लोग यह भूल जाते हैं कि हमारे स्टूडेंट्स को चीन में कोई गंभीरता से नहीं ले रहा। हमारी कोई मदद नहीं कर रहा। चीनी सरकार ने कहा कि अपने दूतावास से संपर्क करो। हमारी एंबेसी ने कहा- मौत अल्लाह के हाथ में है, यहां हो या वहां हो वह आ ही जाएगी।” एक और छात्र ने कहा, “पाकिस्तानी मीडिया में खबरें चल रही हैं कि हमें यूनिवर्सिटी की तरफ से हमें खाना दिया जा रहा है। यह सब गलत हैं।  हमारे पास सिर्फ अपना ही खाना बचा है। यहां दुकानों में खाना काफी महंगा है। सब्जियां सोने के रेट में मिलेंगी तो हम क्या करेंगे। पाकिस्तानी दूतावास हमारे फोन तक नहीं उठाती।”

मेडिकल सेवाओं की कमी की वजह से छात्रों को नहीं निकाल सकते: पाकिस्तानी राजदूत
दूसरी तरफ चीन में पाकिस्तान की राजदूत नगमाना हाशमी ने जिओ न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान के पास स्तरीय मेडिकल सुविधाएं नहीं हैं, ऐसे में हम छात्रों को चीन से नहीं निकाल सकते। हाशमी ने कहा कि कुछ छात्र परेशान हैं कि वुहान में खाने की कमी से उन पर असर होगा। हम जल्द ही हुबेई प्रशासन से संपर्क कर उनकी परेशानियां दूर कर सकते है।

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