आम बजट / मोदी सरकार में तीन पंजाबी मंत्री, फिर भी केंद्रीय बजट में पंजाब की झोली खाली; पिछली बार से भी कम हुआ बजट

किसान, होजरी और स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को भी नहीं मिला कोई लाभ, किसान और इंडस्ट्रियलिस्ट की बढ़ेगी परेशानी किसान, युवा, गृहिणी और बॉर्डर स्टेट के लिए बजट में कुछ खास नहीं, सिर्फ टैक्स अदा करने वालों को दी गई राहत

चंडीगढ़.केंद्र सरकार में तीन पंजाबी मंत्री होने बावजूद बजट में राज्य के लिए काेई भी विशेष पैकेज लाने में नाकाम साबित हुए हैं। इन मंत्रियों में एक केंद्रीय मंत्री और दो राज्य मंत्री हैं। जिसमें दो भाजपा से एक सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल से हैं। इन तीन मंत्रियों के मोदी सरकार में होने के बावजूद पंजाब को न तो इंटरनेशनल बाॅर्डर स्टेट होने का और न ही कुदरती आपदा झेलने की एवज में काेई भी विशेष पैकेज दिलाने के लिए बजट में प्रावधान नहीं करवा पाए।

गौरतलब है कि गठबंधन दल से केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और भाजपा से सोम प्रकाश केंद्रीय मंत्री हैं और हरदीप सिंह पुरी राज्य मंत्री हैं। पुरी पंजाबी हैं लेकिन पंजाब से नहीं हैं। केंद्र में भाजपा सरकार द्वारा शनिवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट में पंजाब कोकोई राहत नहीं मिली है। फिर चाहे वह किसान हो या इंडस्ट्रिलिस्ट।

क्योंकि केंद्रीय बजट में न तो कृषि प्रधान राज्य होने के नाते न तो कोई किसानों के लिए घोषणा की गई न ही पंजाब की सिक (बीमार) इंडस्ट्री के लिए। इससे पंजाब के किसानों और उद्योग पतियों को निराशा ही हाथ लगी है। हालांकि पंजाब के बॉर्डर स्टेट होने के चलते, जिस पैकेज की उम्मीद थी, और केंद्र सरकार उसका वादा भी किया जाता रहा है, वह पंजाब को नहीं मिला।

पंजाब के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि बॉर्डर स्टेट होने कारण पंजाब को केंद्र से पैकेज न मिलने से आर्थिक संकट के चल रहे दौर को राहत नही मिली है। इससे के किसान और इंडस्ट्रियलिस्ट उभर नहीं पाएंगे। इससे पंजाब को नुकसान होना लगभग तय माना जा रहा है।

नाबार्ड की योजनाओं का भी कोई लाभ नहीं मिला : घुम्मण
अर्थशास्त्री आरएस घुम्मण ने कहा कि पंजाब के किसान जिस आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं उसे देखते हुए केंद्र को विशेष कदम उठाने चाहिए थे, लेकिन केंद्र ने ध्यान नहीं दिया जबकि पंजाब में कर्ज के चलते किसान आए दिन खुदकुशियां कर रहे हैं। किसान कर्ज को लेकर केंद्र ने कोई घोषणा नहीं की है। फसल विविधता को लेकर पंजाब को जो राहत दी जानी चाहिए थी, उसको देखा ही नहीं गया। नाबार्ड की योजनाओं का भी पंजाब को कोई लाभ नहीं है। मंडी गोबिंदगढ़ स्थित लोहे की इंडस्ट्री या होजरी इंडस्ट्री और स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को भी कोई लाभ नहीं मिला है।

नशे के रोकथाम काे नहीं दी गई आर्थिक मदद : गर्ग
विशेषज्ञ डॉ पीएल गर्ग ने कहा कि किसान, एजुकेशन हेल्थ को लेकर केंद्र ने कोई राहत नहीं दी है। एजुकेशन में एफडीआई की बात है तो उससे पंजाब को कोई लाभ नहीं है। बॉर्डर स्टेट होने के नाते भी केंद्र ने कुछ नहीं दिया। नशे की रोकथाम के लिए किसी मैकेनिज्म की कोई घोषणा नहीं की गई। जबकि देश में पंजाब एक ऐसा राज्य था, जिसको इस समय नशे के रोकथाम के लिए हॉस्पिटल्स आदि के लिए भी कुछ नहीं किया गया। जहां तक मेडिकल कालेजों स्थापित करने की बात कही है, उससे प्राइवेट संस्थानों को ही अधिक लाभ मिलेगा।

केंद्रीय बजट ने किसानों को निराश किया: राजेवाल
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसानों को उम्मीद थी कि बाढ़ से नुकसान, कर्ज से राहत आदि के लिए केंद्र जरूर कुछ घोषणा करेगा लेकिन केंद्र ने कुछ नहीं किया। जबकि किसान समय समय पर धरने प्रदर्शन कर अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखते रहे हैं। अब हमें लगता है कि दिल्ली में जाकर केंद्र सरकार को घेरना पड़ेगा तभी केंद्र सरकार किसानों के लिए कुछ करेगी। इसके लिए अब जल्द रणनीति तैयार की जाएगी। आने वाले समय में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।

कांग्रेस, भाजपा-आप नेता बजट पर क्या बोले-

बजट दूरदर्शी, रेल और कृषि उड़ान योजनाएं शुरू होंगी
पंजाब भाजपाअध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा कि उम्मीद सभी को बड़ी राहत दी गई है। टैक्स छूट से करोड़ों लोगों को राहत मिलेगी। रेल और कृषि उड़ान जैसी योजनाएं शुरू होंगी।

बजट की लंबाई काबिल-ए-तारीफ, अंदर से खोखला
वित्त मंत्रीमनप्रीत बादल ने कहा कि बजट लंबाई में तो काबिल-ए-तारीफ है अंदर से खोखला है। पिछले साल भी निवेश में विस्तार नहीं हुआ। यह केंद्र के बुरे प्रबंधों का नतीजा है।

2020 में कुछ भी नहीं दिया, बातें 2050 की

आप के पंजाब प्रमुख भगवंत मान2020 के लिए कुछ नहीं दिया अाैर 2050 की बातें हुईं। बजट एक साल का है या 2050 तक का। मोदी सरकार फिर फेल हुई।

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