बिहार / नीतीश को झूठा कहने के 20 घंटे बाद प्रशांत किशोर जदयू से बर्खास्त, कार्रवाई के 5 मिनट बाद पीके का ट्वीट- भगवान आपका भला करे
प्रशांत किशोर के अलावा जदयू ने पवन वर्मा को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बर्खास्त किया प्रशांत किशोर सीएए का विरोध कर रहे थे, पवन वर्मा ने दिल्ली में भाजपा-जदयू गठबंधन का विरोध किया नीतीश ने कहा था- अमित शाह के कहने पर प्रशांत किशोर को लाए थे, पार्टी से जाना चाहें तो जा सकते हैं
नई दिल्ली/पटना. जदयू ने उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (पीके) और महासचिव पवन वर्मा को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। जदयू ने इन दोनों नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर कार्रवाई की है। प्रशांत किशोर नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं। पवन वर्मा को दिल्ली में भाजपा और जदयू के गठबंधन पर ऐतराज है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा था कि प्रशांत को अमित शाह के कहने पर पार्टी में लाए थे, अगर वे जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं। नीतीश के इस बयान पर पीके ने तुरंत प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि नीतीश गिरा हुआ झूठ बोल रहे हैं। इसके 20 घंटे बाद ही उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।
Thank you @NitishKumar. My best wishes to you to retain the chair of Chief Minister of Bihar. God bless you.🙏🏼
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) January 29, 2020
पार्टी से निकाले जाने के तुरंत बाद प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने लिखा- शुक्रिया नीतीश कुमार। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहने के लिए मेरी आपको शुभकामनाएं हैं। भगवान आपका भला करे।
एक दिन पहले ही हुई थी नीतीश-पीके में जुबानी जंग
- नीतीश ने कहा- किसी को हम थोड़े ही पार्टी में लाए थे। अमित शाह के कहने पर मैंने प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल कराया था। अमित शाह ने मुझे कहा था कि प्रशांत को पार्टी में शामिल कर लीजिए। अब अगर वे जाना चाहते हैं, तो जा सकते हैं। लेकिन, अगर उन्हें जदयू के साथ रहना है, तो पार्टी की नीति और सिद्धांतों के मुताबिक ही चलना पड़ेगा। मुझे पता चला है कि प्रशांत किशोर आम आदमी पार्टी के लिए रणनीति बना रहे हैं। ऐसे में अब उन्हीं से पूछना चाहिए कि वे जदयू में रहना चाहते हैं या नहीं।
- नीतीश के बयान के कुछ ही घंटों बाद प्रशांत ने ट्वीट किया, “आप (नीतीश) मुझे पार्टी में क्यों और कैसे लाए, इस पर इतना गिरा हुआ झूठ बोल रहे हैं। यह आपकी बेहद खराब कोशिश है, मुझे अपने रंग में रंगने की। अगर आप सच बोल रहे हैं तो कौन यह भरोसा करेगा कि अभी भी आपमें इतनी हिम्मत है कि अमित शाह द्वारा भेजे गए आदमी की बात न सुनें?’ पीके ने कहा था- नीतीश जी बोल चुके हैं, अब मेरे जवाब का इंतजार कीजिए। मैं उन्हे जवाब देने के लिए बिहार जाऊंगा।
.@NitishKumar what a fall for you to lie about how and why you made me join JDU!! Poor attempt on your part to try and make my colour same as yours!
And if you are telling the truth who would believe that you still have courage not to listen to someone recommended by @AmitShah?
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) January 28, 2020
सीएए के विरोध पर पीके ने सोनिया-राहुल को बधाई दी थी
प्रशांत किशोर सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने सीएए का विरोध करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को शुक्रिया कहा था। उन्होंने एक ट्वीट में कहा था कि इस कानून का औपचारिक और स्पष्ट विरोध करने के लिए दोनों नेता बधाई के पात्र हैं। इसी ट्वीट में उन्होंने कहा था कि बिहार में एनआरसी और सीएए लागू नहीं होगा। नीतीश और प्रशांत कुमार के बीच आखिरी बार मुलाकात 14 फरवरी को हुई थी। प्रशांत किशोर अभी दिल्ली में हैं।
पवन वर्मा ने दिल्ली में जदयू-भाजपा गठबंधन को लेकर दो पन्नों का लेटर लिखा था और इस फैसले पर नीतीश कुमार से सवाल पूछे थे। इसके बाद उन्होंने इस लेटर को सार्वजनिक कर दिया था। इसके बाद नीतीश ने कहा था कि वर्मा चाहें तो पार्टी छोड़कर जा सकते हैं।