आरटीआई / गृह मंत्रालय का जवाब- टुकड़े-टुकड़े गैंग के बारे में कोई जानकारी नहीं, कार्यकर्ता बोले- यह अमित शाह की कल्पना

जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी के बाद यह शब्द चलन में आया, फिर मोदी-शाह ने भी रैलियों में इस्तेमाल किया अमित शाह ने कहा था- सीएए के खिलाफ कांग्रेस की अगुआई में हिंसा फैला रही टुकड़े-टुकड़े गैंग को दंड मिलेगा कार्यकर्ता साकेत गोखले ने आरटीआर गृह मंत्रालय से टुकड़े-टुकड़े गैंग और इसके सदस्यों की जानकारी मांगी थी

नई दिल्ली.केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को एक आरटीआई के जवाब में बताया कि हमें टुकड़े-टुकड़े गैंग के बारे में कोई जानकारी नहीं है। आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने दिसंबर में मंत्रालय को आवेदन दिया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय मंत्री अपनी रैलियों में खुलकर टुकड़े-टुकड़े गैंग का जिक्र करते हैं, लेकिन सरकार के पास इसकी कोई जानकारी नहीं है। इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करूंगा।

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में विरोध प्रदर्शन के दौरान 2016 में देश विरोधी नारेबाजी के वीडियो सामने आए थे। इसमें शामिल लोगों के लिए पहली बार टुकड़े-टुकड़े गैंग शब्द का इस्तेमाल हुआ था। तब पुलिस ने तत्कालीन जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार व अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था।

शाह ने कहा था- टुकड़े-टुकड़े गैंग को दंड देने का वक्त आया

इसके बाद मोदी और शाह समेत अन्य भाजपा नेता रैलियों में टुकड़े-टुकड़े गैंग को लेकर विरोधियों खासकर लेफ्ट समर्थकों पर निशाना साधने लगे। शाह ने पिछले महीने दिल्ली में कहा था कि कांग्रेस की अगुआई वाला टुकड़े-टुकड़े गैंग देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हिंसा फैला रहा है। अब उसे दंड देने का वक्त आ गया है।

मेरे समय में जेएनयू में ऐसी कोई गैंग नहीं थी:जयशंकर

इसी महीने जेएनयू में नकाबपोश हमलावरों ने प्रदर्शनकारी छात्रों और शिक्षकों पर हमला कर दिया था। हिंसा में करीब 35 लोग जख्मी हो गए थे। इस मुद्दे पर सियासत गरमाई थी। 6 जनवरी को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि जब मैं यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करता था, तब वहां कोई टुकड़े-टुकड़े गैंग नहीं थी।

आरटीआई कार्यकर्ता ने मंत्रालय का जवाबट्वीट किया

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