ईरान / केरमान में जनरल सुलेमानी के जनाजे में 10 लाख लोग जुटे; भगदड़ में 35 मरे, 48 से ज्यादा घायल
जनरल सुलेमानी के सुपुर्द-ए-खाक में लाखों लोग जुटे, कई लोग मेट्रो स्टेशनों से बाहर तक नहीं निकल पाए ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ बोले- पश्चिमी एशिया से अमेरिका की मौजूदगी खत्म होने की शुरुआत हुई
तेहरान. ईरान में मंगलवार को जनरल कासिम सुलेमानी के जनाजे में 10 लाख से ज्यादा लोग जुटे। ईरान के सरकारी न्यूज चैनल के मुताबिक, सुलेमानी के गृहराज्य केरमान में सुपुर्दे खाक से पहले ही भगदड़ मच गई। इसमें 35 लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं, 48 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हुए। ईरान की स्थानीय मीडिया इमरजेंसी मेडिकल सर्विसेज के प्रमुख पीरहुसैन कुलीवंद के हवाले से बताया कि भगदड़ में कई लोग मारे गए हैं। हालांकि, उन्होंने मृतकों का आंकड़ा नहीं दिया। बताया गया है कि भीड़ इतनी ज्यादा थी कि लोग मेट्रो स्टेशन से बाहर तक नहीं निकल पा रहे थे।
ईरान ने अमेरिकी सेनाओं को आतंकी घोषित किया
जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या करने पर अमेरिका की सभी सेनाओं को आतंकी घोषित कर दिया। इसके बाद अब ईरान अपने क्षेत्र के आसपास मौजूद अमेरिकी सेना पर कार्रवाई कर सकता है। ईरानी संसद के मुताबिक, अब पश्चिमी एशिया में इन सेनाओं की किसी भी तरह की मदद (खुफिया, तकनीकी, वित्तीय) को आतंक का सहयोग करार दिया जाएगा। रूहानी ने यह भी कहा, “जो लोग बार-बार 52 नंबर याद दिलाते हैं, उन्हें 290 नंबर भी याद रखना चाहिए। किसी को भी अमेरिका को धमकी नहीं देनी चाहिए।” सुलेमानी को अमेरिका ने बगदाद एयरपोर्ट पर ड्रोन हमले में मार गिराया था।
क्या है नंबर 52 और 290?
दरअसल, 1979 में ईरानी प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी दूतावास पर हमला कर 52 राजनयिकों को बंदी बना लिया था। उन्हें 444 दिन तक जेलों में रखा गया था। ट्रम्प ने हाल ही में इसका जिक्र करते हुए ईरान के 52 ठिकानों को निशाना बनाए जाने का जिक्र किया था।
अमेरिकी वॉरशिप ने 1988 में ईरान एयरलाइंस के नागरिक विमान को निशाना बनाया था। इसमें 290 लोगों की मौत हुई थी। रूहानी ने अमेरिका की खिलाफत के लिए ट्वीट में जिस 290 नंबर का जिक्र किया। वो इसी घटना से जुड़ा है। कुद्स सेना के नए जनरल हुसैन सलामी ने कहा कि शहीद होने के बाद जनरल कासिम सुलेमानी और ज्यादा ताकतवर हुए हैं। दुश्मन ने उन्हें अन्यायपूर्ण तरीके से मारा।
पश्चिमी एशिया से शैतानी ताकत का खात्मा शुरू: ईरानी विदेश मंत्री
आज ही सुलेमानी को सुपुर्दे खाक भी किया जाना है। उनके जनाजे में लाखों की संख्या में लोग जुटे। इस पर ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, “क्या डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पूरी जिंदगी में इतनी भीड़ देखी है? क्या तुम अब भी क्षेत्र के बारे में जानकारी के लिए अपने जोकरों पर निर्भर रहोगे? क्या तुम्हें अभी भी लगता है कि तुम इस महान देश और इसके लोगों को तोड़ सकते हो। पश्चिमी एशिया से अमेरिका की शैतानी मौजूदगी का खात्मा शुरू हो गया है।
Speaking live from an anti-US protest, outside the American Embassy in London.
The imperialist UK and US needs to get out of the Middle East now, the era of western domination of the Arab world is over.#Iran #Iraq #Imperialism #NoWarOnIran pic.twitter.com/BVyCMT9TRz
— Robert Carter (@Bob_cart124) January 5, 2020
जनरल सुलेमानी के जनाजे में शामिल हुई छात्राएं
जनरल कासिम सुलेमानी की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके जनाजे में युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा रही। इनमें स्कूल-कॉलेज की छात्राएं भी शामिल रहीं। ज्यादातर लोग ‘डेथ टू ट्रम्प’ (ट्रम्प को मौत) के नारे लगा रहे थे।
Aerial #Video
Huge crowds of mourners attending funeral procession for Lt. Gen. Soleimani in Kerman (his hometown)#Iran pic.twitter.com/dBCIzaKCDF
— Iran (@Iran) January 7, 2020