कोटा के जेके लोन अस्पताल में नौ और बच्चों की मौत, दिसंबर में 100 मासूमों की जान गई

अस्पताल के एक अधिकारी के मुताबिक जन्म के समय कम वजन की वजह से बच्चों की मौत हुई है. 2018 में 1005 बच्चों की मौत हुई थी. बीते 23-24 दिसंबर को 48 घंटे के भीतर अस्पताल में 10 बच्चों की मौत को लेकर काफी हंगामा हुआ था.

कोटा: राजस्थान के कोटा जिले के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर के अंतिम दो दिन में कम से कम नौ और शिशुओं की मौत हो गई. इसके साथ ही इस महीने अस्पताल में मरने वाले शिशुओं की संख्या 100 हो गई है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.

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बीते 23-24 दिसंबर को 48 घंटे के भीतर अस्पताल में 10 शिशुओं की मौत को लेकर काफी हंगामा हुआ था. हालांकि, अस्पताल के अधिकारियों ने कहा था कि यहां 2018 में 1,005 शिशुओं की मौत हुई थी और 2019 में उससे कम मौतें हुई हैं. अस्पताल के अधीक्षक के अनुसार अधिकतर शिशुओं की मौत मुख्यत: जन्म के समय कम वजन की वजह से हुई.

मंगलवार को लॉकेट चटर्जी, कांता कर्दम और जसकौर मीणा समेत बीजेपी सांसदों के एक संसदीय दल ने अस्पताल का दौरा कर उसकी हालत पर चिंता जतायी थी. दल ने कहा कि एक ही बेड पर दो-तीन बच्चे थे और अस्पताल में पर्याप्त नर्सें भी नहीं हैं. इससे पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्य की कांग्रेस सरकार को नोटिस जारी किया था. आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा था, “अस्पताल परिसर के भीतर सुअर घूमते पाए गए.” राजस्थान सरकार की एक समिति ने कहा कि शिशुओं का सही इलाज किया जा रहा है.

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