नागरिकता कानून / विरोध पर पहली कार्रवाई: रामपुर में 28 लोगों को 14.86 लाख रु. का नोटिस, प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ की थी
यूपी के रामपुर में प्रशासन ने नोटिस में पूछा- संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के एवज में उनसे वसूली क्यों नहीं की जाए? लखनऊ में भी प्रशासन ने हिंसक प्रदर्शन के दौरान आगजनी और तोड़फोड़ करने वाले 100 लोगों को नोटिस भेजा
रामपुर. नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पिछले दिनों प्रदेश में हुई हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़ मामले में योगी सरकार का एक्शन शुरू हो गया है। रामपुर में 28 लोगों को प्रशासन ने 14.86 लाख रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का नोटिस भेजा है। प्रशासन ने नोटिस में पूछा है कि संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के एवज में उनसे वसूली क्यों नहीं की जाए? प्रशासन ने जिन लोगों को संपत्ति नुकसान का आरोपी बनाया है उनमें फेरीवाले, मजदूरी करने वाले लोग भी हैं।
इससे पहले लखनऊ में भी हिंसक प्रदर्शन के दौरान 100 से अधिक लोगों को संपत्ति नुकसान पहुंचाने के मामले में नोटिस जारी किया जा चुका है। प्रदेश के 22 जिलों में नागरिकता कानून के विरोध के दौरान हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जिन लोगों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, उनकी संपत्ति जब्त कर क्षतिपूर्ति वसूली जाएगी।
21 दिसंबर को हुआ था हिंसक प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश में रामपुर पहला जिला है, जहां संपत्ति के नुकसान के लिए 28 लोगों को सीधे आरोपी बनाया गया। 21 दिसंबर को रामपुर में प्रदर्शनकारियों द्वारा सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ की गई थी। सुरक्षा बलों पर फायरिंग और पथराव किया गया। इसमें एक युवक की मौत हो गई थी। पुलिस ने हिंसा मामले में 150 से अधिक प्रदर्शनकारियों को चिन्हित किया है। अभी तक 33 लोग गिरफ्तार किया है।