नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं. कई जगहों से हिंसा की खबरें भी सामने आई है. राजधानी दिल्ली में लेफ्ट पार्टियों के प्रदर्शन के बाद स्थिति इतनी बिगड़ गई कि प्रशासन को कुछ देर के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा और 18 मेट्रो स्टेशन तक बंद करने पड़े. दिल्ली के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में भी जगह-जगह धरना प्रदर्शन किए जा रहे हैं. पुलिस ने कई जगह बल का भी प्रयोग किया है और कई वरिष्ठ नेताओं और नागरिकों को हिरासत में भी लिया.जानें सुबह से अबतक इस पूरे विवाद की दस बड़ी बातें.
हिरासत में लिए गए तमाम नेता
विरोध प्रदर्शन के दौरान बैंगलुरू में इतिहासकार रामचंद्र गुहा, दिल्ली में कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित, छात्र नेता उमर खालिद और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव को भी पुलिस ने कार्यकर्ताओं समेत हिरासत में लिया. याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला और सीपीआई नेता सीताराम येचुरी को भी दिल्ली में हिरासत में लिया गया.
किन-किन शहरों में प्रदर्शन का असर
इस कानून के खिलाफ राजधानी दिल्ली के लाल किला, मंडी हाउस और जामिया इलाके में प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं भोपाल, बैंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई और जम्मू में भी विरोध प्रदर्शन हो रहा है. बाकी राज्यों में बिहार की राजधानी पटना, दरभंगा, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और संभल जिले और दक्षिण में हैदराबाद, कर्नाटक में भी प्रदर्शन हो रहे हैं. यूपी के संभल में प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी बसें आग के हवाले कर दीं.
दिल्ली में मोबाइल इंटरनेट और मेट्रो पर बुरा असर
राजधानी दिल्ली में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने मंडी हाउस, लाल किला, जामिया समेत कई इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद करा दी. साथ ही सरकार के आदेश में डीएमआरसी ने सुबह 4 मेट्रो स्टेशन बंद किए थे. लेकिन बाद में जब प्रदर्शन हिंसक हुआ तो दिल्ली के 17 मेट्रो स्टेशनों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया. लखनऊ में नागरिक संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन को लेकर केडी सिंह बाबू मेट्रो स्टेशन बंद कराया गया है. शाम 5 बजे तक ये मेट्रो स्टेशन बंद रहेगा.
दिल्ली-गुरुग्राम हाइवे पर जबरदस्त जाम
प्रदर्शनों के चलते दिल्ली के आसपास स्थित सीमा क्षेत्र के प्रवेश मार्गों पर यातायात बंदोबस्त चरमरा गए. सबसे ज्यादा प्रभावित नई दिल्ली, मध्य दिल्ली और दक्षिण-पूर्वी, उत्तरी दिल्ली रहे. जबकि बार्डर पर सबसे ज्यादा जाम का झंझट नोएडा-डीएनडी मार्ग, महरौली-गुरुग्राम (एमजी रोड) और दिल्ली गुरुग्राम नेशनल हाईवे-8 पर देखने को मिला. दिल्ली पुलिस द्वारा बैरिकेटिंग कर वाहनों की जांच के चलते गुरुग्राम हाइवे पूरी तरह जाम हो गया है.
हैदराबाद यूनिवर्सिटी छात्र हिरासत में
सीएए के खिलाफ रैली में शामिल होने जा रहे हैदराबाद यूनिवर्सिटी के लगभग 100 छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. हिरासत के खिलाफ छात्र मुख्य द्वार पर प्रदर्शन करते हुए बैठ गए और सीएए वापस लेने की मांग करने लगे. सेंट्रल यूनिवर्सिटी में सीएए, जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ सोमवार से प्रदर्शन चल रहे हैं.
पूरा विपक्ष सरकार के खिलाफ एकजुट
इस बिल के विरोध में आज पूरा विपक्ष सरकार के खिलाफ एकजुट दिखा. लेफ्ट पार्टियों ने आज बिहार, यूपी, दिल्ली, भोपाल, बैंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई और जम्मू में विरोध प्रदर्शन किया. वहीं यूपी की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने धरना दिया. दिल्ली में लेफ्ट के अलावा कांग्रेस और कई छात्र यूनियनों ने विरोध प्रदर्शन किए.
विरोध के बीच समर्थन में भी जुटे लोग
नागरिक संसोधन कानून के खिलाफ दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस सबके बीच दिल्ली के राजघाट पर पाकिस्तान से आए वहां के अल्पसंख्य समुदाय के लोगों ने कानून के समर्थन में प्रदर्शन किया. जिसमें कई हिंदू और बाकी समुदाय से आए लोग शामिल हुए. ये प्रदर्शन हिंदू शरणार्थी अधिकार मंच की तरफ किया गया है.
AMU लाठीचार्ज पर इलाहाबाद हाई कोर्ट सख्त
सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में लाठीचार्ज और हंगामे के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र और यूपी सरकार से जवाब तलब किया है. इसके अलावा हाईकोर्ट ने पुलिस अफसरों और वाइस चासंलर से भी जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने यूपी के आईजी ला एंड ऑर्डर, एसएसपी अलीगढ़ और एएमयू के वीसी से भी जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने सभी से दो हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा है.
सरकार ने फिर दिया भरोसा
मुख्तार अब्बास नकवी ने एबीपी न्यूज़ से नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के मुद्दे पर बातचीत की. नकवी ने कहा है, ‘’देश का मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित है. उनसे कभी कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा. वह यहां जन्मा है वहीं दफन होगा. जो लोग दुष्प्रचार कर देश का माहौल खराब कर रहे हैं, वह देश की छवि दुनिया भर में खराब कर रहे हैं. विरोधी राजनीतिक दल मोदी के विरोध में देश के मुसलमान को गुमराह कर रहे हैं. पहले भी ऐसी कोशिशें होती रही है, लेकिन कभी सफल नहीं हुईं. इस बार भी सफल नहीं होगी.’’
सरकार ने अखबारों में विज्ञापन दिया
देशभर के अलग-अलग हिस्सों में फैली अफवाहों और विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार ने देश के कई अखबारों में विज्ञापन दिया. सरकार ने जनता को आश्वस्त किया कि इस कानून से देश के मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है. नागरिकता संशोधन कानून से भ्रमित न हों. इस कानून से जुड़ी कई तरह की अफवाहें और गलत सूचना फैलायी जा रही हैं. विज्ञापन में कहा गया है, ”नागरिकता संशोधन अधिनियम किसी भी क्षेत्र के भारतीय नागरिक या किसी धर्म विशेष पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेगा.”