ब्रिटेन चुनाव / 127 साल में सबसे ज्यादा 15 भारतीय मूल के लोग सांसद बने, इनमें से तीन पहली बार जीते

1892 में पहली बार दादाभाई नौरोजी भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद बने, पिछले चुनाव में 12 भारतवंशी चुने गए थे खास बात ये है कि दोनों प्रमुख पार्टियों से 7-7 भारतीय मूल की शख्सियतें जीतीं, एक सांसद लिबरल डेमोक्रेट्स से जीते

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  • 55 साल के जॉनसन ने कहा कि इस जीत से उन्हें ‘ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से अलग करने’ और अगले महीने तक ब्रेग्जिट करने का जनादेश मिला है.

  • ब्रिटेन के चुनाव में वो पार्टी चुनाव जीती है जो कश्मीर मुद्दे पर भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी थी, हार उसे मिली है जिसने पाकिस्तान पक्ष लिया और वहां की चुनावी जीत हार के बाद चर्चा होने लगी जीता वही जिसे हिंदुस्तान ने चाहा, हारा वही जिसकी चाहत पाकिस्तान को थी. क्या-क्या हुआ, कैसे-कैसे हुआ


लंदन. ब्रिटेन के आम चुनाव में भारतीय मूल के लोगों का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा। कुल 15 भारतवंशी संसदीय चुनाव जीते। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की कंजरवेटिव पार्टी से 7 जबकि उनकी मुख्य विरोधी लेबर पार्टी से भी इतने ही भारतीय मूल के सांसद चुने गए। एक अन्य लिबरल डेमोक्रेट पार्टी के टिकट पर विजयी रहे। शुक्रवार को घोषित चुनाव परिणामों में हाउस ऑफ कॉमन्स की कुल 650 में से कंजरवेटिव पार्टी को 365 सीटों पर जीत मिली है। यह बहुमत के आंकड़े (326) से 39 ज्यादा हैं।

पार्टी का प्रदर्शन फीका लेकिन भारतवंशी आगे
ब्रिटेन में करीब 15 लाख भारतीय मूल के लोग हैं। आम चुनाव के नतीजे सामने आए तो इनकी ताकत का अहसास हुआ। हाउस ऑफ कॉमन्स में अब कुल 15 भारतवंशी सांसद होंगे। लगातार दूसरी बार सत्ता संभालने जा रहे जॉनसन की पार्टी का पलड़ा भारी माना जा रहा था। उनकी पार्टी से 7 भारतवंशी संसद पहुंचेंगे।

लेबर पार्टी का प्रदर्शन फीका रहा। लेकिन, इस पार्टी से भी 7 भारतवंशी हाउस ऑफ कॉमन्स में पहुंचेंगे। पिछले सदन में कंजरवेटिव पार्टी से 5 भारतीय सांसद थे। इस चुनाव में तीन भारतवंशी ऐसे हैं जो पहली बार चुनकर आए हैं।

पिछले सदन में कुल 12 भारतवंशी सांसद थे
1892 में फिन्सबरी सेंट्रल से भारतीय मूल के दादाभाई नौरोजी पहली बार सांसद बने थे। अब 127 साल बाद भारतवंशी सांसदों का आंकड़ा 15 हो गया है। पिछले चुनाव में यह आंकड़ा 12 था। कंजरवेटिव पार्टी से दो भारतवंशी पहली बार सांसद बने। ये हैं- गगन मोहिंद्रा (हार्टफोरशायर साउथ वेस्ट) और क्लेयर कुटिन्हो (सरे ईस्ट)। इस पार्टी से पांच सांसद दोबारा जीते। ये हैं- प्रीति पटेल (विटहैम), आलोक शर्मा (रीडिंग वेस्ट), शैलेष वारा (कैम्ब्रिजशायर नॉर्थ ईस्ट), सुएला ब्रेवरमैन (फेयरहैम) और ऋषि सुनाक (रिचमंड यॉर्कशायर)।

तीन चेहरे फिर अहम पद संभाल सकते हैं
जॉनसन की पिछली सरकार में प्रीति पटेल गृह सचिव थीं। उनके अलावा आलोक शर्मा के पास अंतरराष्ट्रीय विकास जैसा अहम मंत्रालय था। सुनाक राजस्व विभाग में मुख्य सचिव थे। लेबर पार्टी से नवेंदु मिश्रा पहली बार चुनाव जीते। वो स्टॉकपोर्ट से चुने गए हैं। इसके अलावा छह सांसद पुन: इस पार्टी से विजयी हुए। ये हैं- वीरेंद्र शर्मा (एलिंग साउथहॉल), तनमनजीत सिंह धेसी (स्लोघ), सीमा मल्होत्रा (फेल्थहैम एवं हेस्टन), प्रीत कौर गिल (बर्मिंघम एजबेस्टन), लिसा नंदी (विगॉन) और वेलेरी वाज (वॉल्सल साउथ)। लिबरल डेमोक्रेट्स से मुनीरा विल्सन जीतीं।


ब्रेग्जिट का समर्थन करने वाले बोरिस जॉनसन फिर बनेंगे पीएम, मोदी ने दी बधाई

 

लंदन: ब्रिटेन में ब्रेग्जिट का समर्थन करने वाले प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आम चुनाव में बहुमत हासिल कर लिया है. इस जीत के साथ ही ब्रेग्जिट पर अनिश्चितता खत्म हो जाएगी और ब्रिटेन की अगले महीने के अंत तक यूरोपीय संघ से अलग होने की राह आसान हो जाएगी.

ब्रेग्जिट करने का जनादेश मिला है- जॉनसन

 

स्काई न्यूज और बीबीसी के अनुसार, चुनाव नतीजे दिखाते हैं कि बोरिस की अगुवाई वाली कंजर्वेटिव पार्टी ने निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में 650 सीटों में से 326 सीटें जीत ली हैं. 55 साल के जॉनसन ने कहा कि इस जीत से उन्हें ‘ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से अलग करने’ और अगले महीने तक ब्रेग्जिट करने का जनादेश मिला है.

पीएम मोदी ने दी बधाई

 

बोरिस जॉनसन की शानदार जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें ट्वीट कर बधाई दी है. पीएम मोदी ने कहा है, ”पीएम बोरिस जॉनसन को प्रचंड बहुमत के साथ उनकी वापसी के लिए ढेर सारी बधाई.  मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और भारत-यूके के करीब संबंधो के लिए एक साथ काम करने की आशा करता हूं.”

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