नागरिकता बिल पर फिर पलटी शिवसेना: उद्धव ठाकरे बोले- हम तब तक बिल का समर्थन नहीं करेंगे, जब तक…
लोकसभा ने नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है.
नई दिल्ली: नागरिकता बिल पर शिवसेना ने एक बार फिर अपना रुख बदल लिया है. मंगलवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब तक चीजें स्पष्ट नहीं हो जाती, हम समर्थन नहीं करेंगे. मीडिया से बात करते हुए ठाकरे ने कहा, ‘जब तक चीजें स्पष्ट नहीं हो जाती, हम बिल का समर्थन नहीं करेंगे. अगर कोई भी नागरिक इस बिल की वजह से डरा हुआ है तो उनके शक दूर होने चाहिए. वे भी हमारे नागरिक हैं, इसलिए उनके सवालों के भी जवाब दिए जाने चाहिए.’ बता दें, लोकसभा में बिल के पास होने से पहले शिवसेना ने इसका विरोध किया था, फिर जब इस सदन में पेश किया गया तो शिवसेना के सांसदों ने इस बिल का समर्थन किया.
Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray: If any citizen is afraid of this Bill than one must clear their doubts. They are our citizens so one must answer their questions too. https://t.co/aB8LQSrmxE
— ANI (@ANI) December 10, 2019
बता दें, लोकसभा में नागरिकता बिल पेश होने से पहले शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में इसकी आलोचना करते हुए सवाल उठाए थे कि क्या हिंदू अवैध शरणार्थियों की ‘चुनिंदा स्वीकृति’ देश में धार्मिक युद्ध छेड़ने का काम नहीं करेगी और उसने केंद्र पर विधेयक को लेकर हिंदुओं तथा मुस्लिमों का ‘अदृश्य विभाजन’ करने का आरोप लगाया. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने यह भी कहा कि विधेयक की आड़ में ‘वोट बैंक की राजनीति’ करना देश के हित में नहीं है. लेकिन बाद में शिवसेना ने लोकसभा में इस बिल का समर्थन किया.
शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, ‘हमनें राष्ट्रहित के लिए इस बिल का समर्थन किया है. सीएमपी (कॉमन मिनिमम प्रोग्राम) केवल महाराष्ट्र में लागू है.’ सावंत शिवसेना के एकमात्र सांसद थे, जो केंद्रीय केबिनेट में शामिल थे. लेकिन महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद शिवसेना ने केंद्र में भाजपा से अपना समर्थन वापस ले लिया था.
बता दें, लोकसभा ने नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है. निचले सदन में विधेयक पर सदन में सात घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह विधेयक लाखों करोड़ों शरणार्थियों के यातनापूर्ण नरक जैसे जीवन से मुक्ति दिलाने का साधन बनने जा रहा है. ये लोग भारत के प्रति श्रद्धा रखते हुए हमारे देश में आए, उन्हें नागरिकता मिलेगी.
नीतीश कुमार की पार्टी में बवाल, नागरिकता संशोधन बिल पर समर्थन के फैसले पर पुनर्विचार की गुजारिश
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल को लेकर नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड में बवाल खड़ा हो गया है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा ने नीतीश कुमार से नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करने के फैसले पर पुनर्विचार करने की गुजारिश की है.
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा ने नीतीश कुमार से नागरिकता संशोधन विधेयक पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है. पवन वर्मा ने ट्वीट कर कहा, ” मैं नीतीश कुमार से गुजारिश करता हूं कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करने के फैसले पर पुनर्विचार करें. यह विधेयक असंवैधानिक है. भेदभाव करने वाला है और देश की एकता और सद्भाव को तोड़ने वाला है. इसके अलावा जेडीयू के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ है. गांधी जी अगर होते तो वे इस विधेयक से बिल्कुल भी सहमत नहीं होते”.
जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा पार्टी के दूसरे बड़े नेता हैं. जिन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ आवाज उठाई है. इससे पहले लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करने के फैसले के खिलाफ पार्टी नेता प्रशांत किशोर ने दुख जताया था. हालांकि जब पार्टी के सांसद ललन सिंह से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि “पार्टी का जो स्टैंड है उसी स्टैंड के आधार पर लोकसभा में जेडीयू ने नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया है. प्रशांत किशोर अगर इससे सहमत नहीं है तो उनसे जाकर पूछिए”
दिल्ली: पाकिस्तान से भागकर आये हिन्दू शरणार्थियों की जिंदगी बेहद मुश्किल
नई दिल्ली: दिल्ली के ‘मजनू का टीला’ इलाके में कैम्प में रह रहे पाकिस्तान से भागकर आये हिन्दू शरणार्थियों की जिंदगी बेहद मुश्किल है. इन शरणार्थी कैम्पों में बिजली पानी तक की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में, इस इलाके में एक एनजीओ ह्यूमैनिटेरियन एंड इंटरनेशनल से जुड़े हुए सौरभ कुमार यादव इन लोगों की जिंदगी को आसान करने का काम कर रहे हैं.
कैम्प में सफाई से लेकर 12 स्ट्रीट लाइट लगाने का काम इनकी देखरेख में हुआ है. टॉयलेट न होने की वजह से यहां महिलाओं को खास तौर से दिक्कत थी. इसलिए इन्होंने इलाके में टॉयलेट ब्लॉक्स बनवाये. सौरभ बताते हैं कि “हम पांच जरूरी चीजों पर ध्यान दे रहे हैं. इनमें एडुकेशन, हेल्थ, स्किल ट्रेनिंग, लीगल स्टेटस और बेसिक एमिनिटीज शामिल है.”
सौरभ कहते हैं कि इन्होंने NHRC में कंप्लेन किया था. कंप्लेन के बाद ही यहां पर टॉयलेट ब्लॉक्स बने. सुंदरी नाम की लड़की जो कि पैरालाइज हैं उनके लिए NCPCR को कम्प्लेन डाला गया जिसके बाद उसका मामला अब सेंट स्टीफन हॉस्पिटल देख रहा है. सबसे जो खास बात नजर आयी वो घर बैठे महिलाओं को रोजगार के लिए मदद करना है. एनजीओ महिलाओं से कढ़ाई बुनाई का काम करवाता है. महिलाओं को सिलाई मशीन से लेकर जो भी जरूरी चीजें हैं वो उपलब्ध करवाता है ताकि महिलाएं घर बैठे काम कर सकें. इतना ही नहीं इन कपड़ों को ऑनलाइन बिक्री के लिए भी उपलब्ध कराया जाता है.
सौरभ ने कहा, “ये लोग ज्यादातर पाकिस्तान के सिंध इलाके से आये हैं. इनके अंदर सिंध की कला है. इसलिए हम कढ़ाई करवाने पर ज्यादा फोकस करते हैं. इसको लोगों तक पहुंचाने का काम हम करते हैं. सिंध की सभ्यता को हम भूलते जा रहे हैं. इनके काम के जरिये हम इस सभ्यता को आगे बढ़ रहे हैं.” इस कैंप में बिजली की सुविधा न होने के कारण कोई काम नही हो पा रहा था. इसलिए इन लोगों ने जगह-जगह स्ट्रीट लाइट लगवाए ताकि बाकी काम भी हो सके. इसके साथ ही महिलाएं और बच्चे रात में आराम से इन सड़कों पर आवाजाही कर सकें.