नागरिकता संशोधन विधेयक के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं, किसी के साथ नहीं होगा कोई अन्‍याय: अमित शाह

गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सोमवार को नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) लोकसभा में पेश कर दिया है. बिल के बाद चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है.

नई दिल्ली: गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सोमवार को नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) लोकसभा में पेश कर दिया है. बिल के बाद चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है. किसी के साथ अन्‍याय का कोई प्रश्‍न ही नहीं उठता है. अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का बिल है. इस बिल ने किसी मुस्लिम के अधिकार नहीं लिए हैं. हमारे एक्ट के अनुसार कोई भी आवेदन कर सकता है. नियमों के अनुसार आवेदन करने वालों को नागरिकता दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि इस विधेयक को इस महान सदन की अनुशंसा मिलने के बाद ही लाखों करोड़ों लोग यातना पूर्ण जीवन से मुक्त हो जायेंगे और सम्मान के साथ भारत के नागरिक बन जायेंगे. गृहमंत्री ने कहा कि किसी भी देश की सरकार का ये कर्तव्य है कि सीमाओं की रक्षा करे, घुसपैठियों को रोके, शरणार्थियों और घुसपैठियों की पहचान करे. कौन सा ऐसा देश है जिसने बाहर के लोगों को नागरिकता देने के लिए कानून न बनाया हो. हमने भी ऐसा कानून बनाया है. हमने एकल नागरिकता का प्रावधान किया है. अमित शाह ने इस दौरान कहा कि अरुणाचल, मिजोरम और नगालैंड की तरह मणिपुर को नागरिकता बिल से छूट मिलेगी.

क्या है क्या है नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill)
नागरिकता (संशोधन) विधेयक (Citizenship Amendment Bill) का उद्देश्य छह समुदायों – हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध तथा पारसी लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है. बिल के ज़रिये मौजूदा कानूनों में संशोधन किया जाएगा, ताकि चुनिंदा वर्गों के गैरकानूनी प्रवासियों को छूट प्रदान की जा सके. चूंकि इस विधेयक में मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है, इसलिए विपक्ष ने बिल को भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए उसकी आलोचना की है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) पेश किया जिसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. सरकार के इस फैसले पर बॉलीवुड डायरेक्टर ओनिर ने एक ट्वीट किया है, जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. ओनिर (Onir) ने अपने ट्वीट में सरकार के इस फैसले पर निशाना साधा है, उन्होंने यह भी कहा है कि ये सरकार का असल मुद्दों की ओर से ध्यान भटाकाने का तरीका है.

बता दें, बॉलीवुड डायरेक्टर ओनिर (Onir) लगभग हर समसामियक मुद्दों पर अपने राय जनता के सामने पेश करते हैं. इस बार भी उन्होंने सरकार के फैसले पर अपनी राय रखी है. ओनिर ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा, “मेरा जन्म एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक राष्ट्र के नागरिक के रूप में हुआ था और मैं फिर से देश को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने के इस निरंतर प्रयास को स्वीकार नहीं करूंगा. यह असल मुद्दों जैसे अर्थव्यवस्था की वास्तविक समस्या, महिलाओं की सुरक्षा, कुपोषण, पर्यावरण, शिक्षा आदि से ध्यान हटाने की एक चतुर चाल है.”

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ओनिर (Onir) के इस ट्वीट पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. बता दें, नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसम्बर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं माना जाएगा बल्कि उन्हें भारतीय नागरिकता (Indian Citizenship) दी जाएगी. यह विधेयक 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का चुनावी वादा था.

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