‘बजाज चेतक’ शुरू करने वाले राहुल बजाज ने मोदी सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल
बजाज समूह के चेयरमैन राहुल बजाज स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज के पोते हैं. राहुल बजाज हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से पढ़े हैं. वो दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज के अलावा गवर्नमेंट लॉ कॉलेज मुंबई के भी स्टूडेंट रहे हैं.
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राहुल बजाज अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं
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राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी लगातार आ रही हैं
देश के जाने-माने बिजनेसमैन और बजाज समूह के चेयरमैन राहुल बजाज अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं. शनिवार को एक अखबार के कार्यक्रम में उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से कहा था कि जब यूपीए सरकार सत्ता में थी, तो हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे. अब हम अगर आपकी खुले तौर पर आलोचना करें तो इतना विश्वास नहीं है कि आप इसे पसंद करेंगे.
उनके इस बयान के बाद से लगातार सियासी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कांग्रेस जहां उनके समर्थन में उतर आई है, वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजाज के बयान को राष्ट्रहित पर चोट बताया है. बता दें कि जुलाई में भी राहुल बजाज ने ऑटो सेक्टर में आई मंदी को लेकर मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर निशाना साधा था. आइए जानते हैं कौन हैं राहुल बजाज.
स्वतंत्रता सेनानी जमुनालाल के पोते हैं
बजाज समूह के चेयरमैन राहुल बजाज स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज के पोते हैं. राहुल बजाज हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से पढ़े हैं. वो दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज के अलावा गर्वनमेंट लॉ कॉलेज मुंबई के भी स्टूडेंट रहे हैं. राहुल जाने-माने उद्यमी के साथ-साथ राज्यसभा सदस्य भी रहे हैं. उन्हें 2001 पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में क्रिएटिंग इमर्जिंग मार्केट्स प्रोजेक्ट के लिए एक साक्षात्कार में राहुल बजाज ने 1990 के दशक में उदारीकरण से पहले भारतीय औद्योगिक नीतियों की आलोचना की थी.
1965 बजाज समूह की कमान संभाली थी
राजस्थान में सीकर जिले के काशीकाबास से संबंध रखने वाले राहुल राहुल बजाज ने 1965 में बजाज समूह की कमान संभाल ली थी. 2005 में राहुल बजाज चेयरमैन का पद छोड़ दिया था. उसके बाद उनके बेटे राजीव बजाज मैनेजिंग डायरेक्टर की भूमिका में आ गए थे. राहुल बजाज 2006 में राज्यसभा सांसद चुने गए.
फोर्ब्स 2016 की सूची में रहे शामिल
दुनिया के अरबपतियों की फोर्ब्स 2016 की सूची में वो 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की संपत्ति के साथ 722वें स्थान पर थे. राहुल बजाज के दो बेटे और एक बेटी हैं. उनके दोनों बेटे राजीव बजाज और संजीव बजाज कंपनियों के प्रबंधन में शामिल हैं. वहीं, बेटी सुनैना की शादी टेमासेक के पूर्व प्रमुख मनीष केजरीवाल से हुई है.
चेतक स्कूटर की चर्चाएं हुईं तेज
1980 के दशक में बजाज ऑटो एक शीर्ष स्कूटर निर्माता कंपनी था. इसके चेतक ब्रांड के बारे में कहा जाता था कि इसकी 10 साल की प्रतीक्षा अवधि थी. बजाज स्कूटर का ऐड आज भी खूब पंसद किया जाता है. हालांकि उनके बयान के बाद ‘बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर’ फिर से चर्चाओं में है. राहुल बजाज एकमात्र एक्जीक्यूटिव हैं जो सीआईआई के दो बार अध्यक्ष रहे. सीआईआई देश की प्राइवेट पब्लिक सेक्टर की 5000 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती है. उन्हें 1985 में बिजनेसमैन ऑफ ईयर अवार्ड से नवाजा गया. वहीं, FIE फाउंडेशन ने उन्हें साल 1996 में राष्ट्र भूषण सम्मान से पुरस्कृत किया था. राहुल कई कंपनियों के बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे हैं.
क्या था पूरा मामला
गौरतलब है कि अखबार के कार्यक्रम में भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर की ओर से नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने का मामला उठा था. इस पर राहुल बजाज ने गृहमंत्री से कहा था कि साध्वी प्रज्ञा को पहले तो टिकट दिया गया, फिर जब वो चुनाव जीतकर आईं तो उन्हें डिफेंस कमेटी में लिया गया. ये माहौल जरूर हमारे मन में है, लेकिन इसके बारे में कोई बोलेगा नहीं.’ राहुल बजाज ने कहा, ‘आप अच्छा काम कर रहे हैं उसके बाद भी हम खुले रूप से आपकी आलोचना करें. विश्वास नहीं है कि आप इसकी सराहना करेंगे. हो सकता है कि मैं गलत होऊं.’
क्या विकास स्वर्ग से गिरेगा?
जुलाई में ऑटो सेक्टर की टॉप कंपनियों में शुमार बजाज ऑटो के चेयरमैन राहुल बजाज ने केंद्र की मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर निशाना साधा था. उन्होंने ऑटो इंडस्ट्री के बिगड़ते हालात पर भी चिंता जाहिर की थी. बजाज ऑटो की आम वार्षिक बैठक (AGM) में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए राहुल बजाज ने कहा था, ‘ऑटो सेक्टर बेहद मुश्किल हालात से गुजर रहा है. कार, कमर्शियल व्हीकल्स और टूव्हीलर्स सेग्मेंट की हालत ठीक नहीं है. कोई मांग नहीं है और कोई निजी निवेश भी नहीं है, तो ऐसे में विकास कहां से आएगा? क्या विकास स्वर्ग से
जीडीपी ग्रोथ घटी, लेकिन अर्थव्यवस्था में मंदी नहीं; इसका खतरा भी नहीं: वित्त मंत्री
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को राज्यसभा में अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर कहा कि समझदारी से देखेंगे तो पता चलेगा कि आर्थिक विकास दर भले ही कम हुई है लेकिन अभी तक मंदी नहीं है, ऐसा आगे भी नहीं होगा। सीतारमण ने कहा कि 2009-2014 तक जीडीपी ग्रोथ 6.4% थी, जबकि 2014 से 2019 के बीच 7.5% रही। बता दें पिछली कुछ तिमाही से जीडीपी ग्रोथ में लगातार कमी आ रही है। अप्रैल-जून में 5% रह गई थी। ग्रोथ को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर सवाल उठा रहा है।
बैंकों को 70 हजार करोड़ रु देने से सिस्टम में नकदी बढ़ी: सीतारमण
अर्थव्यवस्था में नकदी की कमी होने की बात को खारिज करते हुए सीतारमण ने कहा कि लोन मेले में बैंकों ने 2.5 लाख करोड़ रुपए के कर्ज बांटे। बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपए की पूंजी दी गई, इससे सिस्टम में नकदी बढ़ी। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के भी फायदे दिख रहे हैं।
सीतारमण के मुताबिक बैंकों की दोहरी बैलेंस शीट की समस्या की वजह से बीते दो वित्त वर्षों में जीडीपी ग्रोथ में गिरावट आई। अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर वित्त मंत्री के जवाब पर कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया। बता दें दोहरी बैलेंस शीट के मायने ये हैं कि एक तरफ बैंक एनपीए से जूझ रहे थे, दूसरी ओर कारोबारी भी कर्ज के दबाव में थे।