अयोध्या / सरयू किनारे बसेगी इक्ष्वाकुपुरी, राजा मनु से लेकर दशरथ तक जीवंत होंगे; राम का जीवन झांकी में दिखेगा

राम की धरती पर दिखेगा त्रेतायुग; आधुनिकता-आध्यात्मिकता का संगम होगा इस योजना का प्रेजेंटेशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने हुआ, इक्ष्वाकुपुरी के एक तरफ सरयू नदी के किनारे रिवर फ्रंट बनेगा

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लखनऊ . राम मंदिर निर्माण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या के विकास के लिए समानान्तर चार योजनाएं बन रही है। यूपी सरकार ने अयोध्या में सरयू नदी के किनारे इक्ष्वाकुवंश के प्रतापी राजाओं, मनु, इक्ष्वाकु, मान्धाता, रघु, हरिश्चंद्र, दिलीप, भगीरथ, अज, दशरथ के व्यक्तित्व और उनके कृतित्व से जनमानस को परिचित कराने के लिए इच्छवाकुपुरी योजना पर काम शुरू कर दिया है। इस योजना का प्रेजेंटेशन सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने हुआ।

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अयोध्या के गुप्तार घाट से ब्रह्मकुंड गुरुद्वारे तक सरयू नदी के किनारे के पूरे क्षेत्र को इक्ष्वाकुपुरी ग्रीन सिटी के तौर पर विकसित करने की योजना है। इसे अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग से गुप्तार घाट तक 4 लेन सड़क से जोड़ा जाएगा। इक्ष्वाकुपुरी के एक तरफ सरयू नदी के किनारे रिवर फ्रंट बनेगा। इक्ष्वाकुपुरी में इक्ष्वाकु वंश के राजाओं, खासतौर पर राम के जीवन से जुड़ी घटनाओं और राम की कीर्ति के प्रभाव से वैश्विक स्तर पर उनकी उपस्थिति से जुड़े ऐतिहासिक चित्र, लघु फिल्मों, डाक्यूमेंट्री, डिजिटल किताबों आदि का प्रदर्शन किया जाएगा। सीएम के ओएसडी संजीव सिंह ने बताया कि इक्ष्वाकुपुरी में आधुनिकता, वैज्ञानिकता और आध्यात्मिकता का संगम होगा। प्रभु श्रीराम में आस्था रखने वालों में भारत समेत 100 से ज्यादा देशों के निवासी है। सूचना सलाहकार रहीस सिंह ने बताया कि इक्ष्वाकुपुरी में पूर्व एशियाई हिन्दू वास्तु शैली और भारत की मंदिर निर्माण की नागर, द्रविड़ और बेसर शैली का साझा प्रयोग होगा।

अयोध्या को विकासित करने के लिए चार बड़ी योजनाओं पर काम चल रहा है। इनमें राम मंदिर, इक्ष्वाकुपुरी का निर्माण, मौजूदा शहर को कुंभ सिटी का स्वरूप देने के लिए जरूरी सुविधाएं और अयोध्या के बाहरी क्षेत्र को आसपास के महत्वूपर्ण शहरों व बड़े राजमार्गों से जोड़ने के लिए 4-लेन सड़कों, ओवरब्रिज, बाइपास, एयरपोर्ट आदि का निर्माण शामिल है।

अंगकोरवाट मंदिर की तर्ज पर बनाई गई है विकास योजना

  • राज्यों को जमीन ताकि वे गेस्ट हाउस व अपने प्रमुख धार्मिक स्थलों का प्रजेंटेशन रखेंगे।
  • प्रमुख संतों के लिए भी एक निश्चित क्षेत्र आवंटित करना भी प्रस्तावित है।
  • पूरी योजना का स्वरूप सीएम रीप (अंकोरवाट, कंबोडिया) के तर्ज पर प्रस्तावित है।
  • वेद-उपनिषद, ब्राह्मण ग्रंथों के महत्वपूर्ण विषयों का ऑडियो-विजुअल चित्रण होगा।

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