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जयराम रमेश का कबूलनामा, कांग्रेस ने बनाई शिवसेना
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1960-70 के दशक में कांग्रेस ने शिवसेना को की मदद
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ट्रेड यूनियंस के कब्जे को खत्म करने के लिए बाला साहेब को मदद
शिवसेना को कांग्रेस ने बनाया था. राजनीतिक गलियारों में चलने वाली ये एक ऐसी अफवाह थी जिसकी अब पुष्टि होती दिखाई दे रही है. इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से बात करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस बात को माना है कि कांग्रेस ने 60 के दशक में मुंबई के ट्रेड यूनियनों से निपटने के लिए शिवसेना को बढ़ावा दिया.
दिल्ली में एक कार्यक्रम में जयराम रमेश ने कहा कि हालांकि विचारधारा के मामले में शिवसेना और कांग्रेस दो विपरित धुव्र की पार्टियां थीं, लेकिन इस पार्टी के शुरुआती दौर में फलने-फूलने के लिए कई तरह से कांग्रेस के दो नेताओं की भूमिका थी.
जयराम रमेश की सार्वजनिक स्वीकारोक्ति
जयराम रमेश ने कहा, “हमलोग शिवसेना के वैचारिक विरोधी थे, लेकिन ये बात नहीं भूलनी चाहिए कि 1967 के दौर में ये कांग्रेस नेता एस. के पाटिल और वी.पी नायक थे जो शिवसेना के गठन के लिए कई तरह से जिम्मेदार थे, इनका मकसद उस दौर के बंबई के दमदार ट्रेड यूनियंस AITUC और CITU के एकाधिकार को खत्म करना था.”
कार्यक्रम में जयराम रमेश ने शिवसेना और कांग्रेस के पुराने इतिहास के बारे में और भी तथ्य बताए. जयराम रमेश ने कहा, “ये नहीं भूला जाना चाहिए कि 1980 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर अब्दुल रहमान अंतुले का समर्थन करने वालों में बाल ठाकरे पहले नेता थे.” जयराम रमेश ने कहा कि ये बाल ठाकरे ही थे जिन्होंने एनडीए के रुख से अलग जाकर राष्ट्रपति पद के लिए प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था. इसके अलावा जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति पद की दौड़ में थे उस वक्त भी शिवसेना ने एनडीए से इतर जाकर उनका समर्थन किया था.”
जयराम रमेश ने कहा कि कई मौकों पर कांग्रेस और शिवसेना दोनों ही पार्टियों की ओर से कई मुद्दों पर एक व्यापक समझ रही है और आज के वक्त में दोनों दलों को एक साथ लाने वाला जो मुद्दा है वो ये है कि हमारा एक साझा राजनीतिक दुश्मन है.