सबरीमाला जाने के लिए तृप्ति देसाई पहुंचीं केरल, कोच्चि में हंगामा शुरू
भूमाता ब्रिगेड की संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई केरल पहुंच गई हैं. तृप्ति मंगलवार सुबह कोच्चि हवाई अड्डे पर उतरीं. अब वे पठानमथिट्टा जा रही हैं. उनके साथ बिंदु अम्मिनी भी हैं.
- तृप्ति मंगलवार सुबह कोच्चि हवाई अड्डे पर उतरीं
- तृप्ति के साथ 5 और महिलाएं मंदिर जाने की तैयारी में
कोच्चि। सबरीमाला मंदिर में आज का दिन हंगामेदार हो सकता है. सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए भूमाता ब्रिगेड की संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई केरल पहुंच गई हैं. तृप्ति मंगलवार सुबह कोच्चि हवाई अड्डे पर उतरीं. अब वे पठानमथिट्टा जा रही हैं. तृप्ति के साथ पिछले साल सबरीमाला मंदिर जाने वाली महिला बिंदु अम्मिनी भी हैं.
Kerala: Bindu Ammini, one of the two women who first entered the #Sabarimala temple in January this year, says, "a man sprayed chilli and pepper at my face,"outside Ernakulam city police commissioner's office today morning. pic.twitter.com/lt2M58264k
— ANI (@ANI) November 26, 2019
तृप्ति देसाई के साथ 5 अन्य महिलाएं हैं जो मंदिर जाने की तैयारी में हैं. इन महिलाओं का कहना है कि वे मंदिर जाने के लिए पुलिस से सुरक्षा की मांग करेंगी.
बिंदु अम्मिनी पर हमला?
कोच्चि आयुक्त कार्यालय के बाहर कथित तौर पर बिंदु अम्मिनी पर हमले की खबर है. विवाद के दौरान बिंदु ने एक वीडियो शूट किया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि उन पर मिर्च पाउडर छिड़कने वाले व्यक्ति की सुरक्षा की जा रही है लेकिन उन्हें सुरक्षा नहीं मिल रही. वीडियो में बिंदु और उसे रोकने की कोशिश करने वाले लोगों के बीच गरमा गरम बहस को भी दिखाया गया है. वीडियो में बिंदु ने एएचपी नेता प्रतीश विश्वनाथ और बीजेपी नेता राजगोपाल को दिखाया है.
Women's rights activist Trupti Desai at Kochi, early morning today: We'll visit #Sabarimala temple today on Constitution Day. Neither state government nor police can stop us from visiting the temple. Whether we get security or not we will visit the temple today. pic.twitter.com/7f4WMK6opI
— ANI (@ANI) November 26, 2019
2 महीने का त्योहार शुरू
सबरीमाला का दो महीनों का त्योहार पिछले हफ्ते औपचारिक रूप से शुरू हो गया. हजारों श्रद्धालु अयप्पा के दर्शन के लिए लंबी कतारों में लग गए हैं. राज्य और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों से हजारों श्रद्धालु शहर में पहुंच चुके हैं. पिछले साल के विपरीत इस साल शहर में संवेदनशील जगहों पर लगभग 2,500 पुलिस बल तैनात है, जिससे स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है.
सबरीमला नगर तीन महत्वपूर्ण स्थानों से मिलकर बना है, जिसमें निलाकल आधार शिवर है, जहां सभी श्रद्धालुओं को इकट्ठे होकर सरकारी गाड़ियों से लगभग 24 किलोमीटर दूर पंबा आधार शिविर के लिए जाना होता है. यहां श्रद्धालुओं को निजी वाहन से जाने की अनुमति नहीं है. पंबा आधार शिविर से, सन्निधानम नाम की पहाड़ी की चोटी पर स्थित मंदिर के लिए लगभग चार किलोमीटर लंबा पैदल मार्ग है.
सुप्रीम कोर्ट में मामला
बता दें, सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री के खिलाफ दायर रिव्यू पेटिशन पर sc की पांच जजों की बेंच फैसला नहीं सुना पाई. अब ये मामला बड़ी बेंच को सौंप दिया है. इस पर भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई ने कहा, ‘अब समय आ गया है कि पुराने रिवाजों को बदला जाए. महिलाओं पर पाबंदी लगाना असंवैधानिक है, गलत परंपरा को जारी नहीं रख सकते हैं. यह महिलाओं के अधिकार की बात है. 21वीं सदी में हम पितृसत्ता की पद्धति को स्वीकार नहीं करेंगे.’
हाईकोर्ट ने महिलाओं की एंट्री की इजाजत दे दी थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर 2018 के फैसले को कायम रखते हुए सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री को जारी रखा और इस पर स्टे देने से साफ इनकार कर दिया. हालांकि, इस फैसले के खिलाफ दायर रिव्यू पेटिशन पर सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला बड़ी बेंच को सौंप दिया है. वहीं, फिलहाल मंदिर में कोर्ट के पुराने फैसले के मुताबिक महिलाओं की एंट्री जारी रहेगी.