महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के बीच सरकार गठन को लेकर सहमति लगभग बन चुकी है और अब इन दलों के बीच मंत्रालय बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है. सूत्रों के अनुसार, शिवसेना को मुख्यमंत्री पद समेत 16 मंत्रालय मिल सकता है जिसमें 11 कैबिनेट और 5 राज्य मंत्री शामिल हो सकते हैं. जबकि एनसीपी के खाते में उपमुख्यमंत्री पद समेत 15 मंत्रालय (11 कैबिनेट और 4 राज्य मंत्री) आ सकते हैं.
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस को 12 मंत्रालय (9 कैबिनेट और 3 राज्य मंत्री) मिल सकते हैं. साथ ही कांग्रेस उपमुख्यमंत्री का पद भी चाह रही है. माना जा रहा है कि कांग्रेस को विधानसभा में स्पीकर का पद भी मिल सकता है.
बता दें, फिलहाल शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर नेहरू सेंटर में महत्वपूर्ण बैठक कर रहे हैं और उसके बाद वे सरकार गठन का दावा पेश करने राज्यपाल बी.एस. कोश्यारी से मिलने जाएंगे. एनसीपी के एक सूत्र के मुताबिक तीनों पार्टियों के नेताओं की बैठक आज शाम चार बजे बुलाई गई है. सूत्र की मानें तो बैठक के बाद राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए शुक्रवार शाम या शनिवार सुबह राज्यपाल से मुलाकात करेंगे.
शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच अवसरवाद का गठबंधन, ये स्थिर सरकार नहीं दे पाएगी- नितिन गडकरी
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की बनने जा रही सरकार पर कहा कि ये ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी. उन्होंने कहा कि ये गठबंधन बिना सिद्धांत और विचारों वाला है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिवसेना के विचारों से कांग्रेस तालमेल नहीं रखती और कांग्रेस जिस विचारों पर चलने वाली पार्टी है उसका शिवसेना विरोध करती है.
Union Minister Nitin Gadkari on Maharashtra govt formation: This(Shiv Sena-NCP-Congresss) is an alliance of opportunism, they will not be able to give Maharashtra a stable Government https://t.co/NMeH7S0GN8 pic.twitter.com/58ZHrqshk5
— ANI (@ANI) November 22, 2019
नितिन गडकरी ने कहा, ‘’इनमें वैचारिक तालमेल नहीं है. शिवसेना जिस विचारधारा पर चलती है उसका कांग्रेस पूरी तरह विरोध करती है और कांग्रेस जिस विचारों पर चलती है शिवसेना उसका विरोध करती है. एनसीपी भी शिवसेना के विचारों से तालमेल नहीं रखती है. विचारों और सिद्धांतों के आधार पर ये अलायंस नहीं हुई है. ये अपॉरचुनिज्म (अवसरवाद) का अलयांस है. ये टिकेगी नहीं और महाराष्ट्र में स्थिर सरकार भी नहीं दे पाएगी. एक प्रकार से महाराष्ट्र का काफी नुकसान होगा. मुझे लगता है कि अस्थिर सरकार महाराष्ट्र के लिए अच्छी नहीं होगी. सिद्धांतहीन होने के कारण ये टिक नहीं पाएगी.’’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी और शिवसेना के बीच जो गठबंधन था वो हिंदुत्व पर आधारित था. जब उनसे पूछा गया कि बीजेपी की तरफ से ऐसी क्या कमी रह गई कि शिवसेना के साथ अलायंस होने के बावजूद भी सरकार नहीं बन पाई. इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘’ये इतिहास तो सब को पता है. भाजपा और सेना की जो अलायंस थी वो हिंदुत्व के विचार पर आधारित थी. इस वजह से ये देश की राजनीति में सबसे लंबी अलायंस साबित हुई है. आज भी हमारे विचारों में मत भिन्नता नहीं है. इसलिए इस प्रकार का अलायंस नहीं रहना देश के लिए विचारधारा के लिए हिंदुत्व के लिए और विशेष रूप से महाराष्ट्र और मराठी मानुष के लिए ठीक नहीं है.’’