यंग इंडियन कंपनी को लेकर BJP ने कांग्रेस पर साधा निशाना, सुरजेवाला ने किया पलटवार

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 50 लाख रूपये में आप 2000 करोड़ रूपये की संपत्ति के मालिक बन गये. यह किस प्रकार का मॉडल है? इसकी जांच होनी चाहिए.

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नई दिल्लीः इनकम टैक्स एपिलेट ट्रिब्यूनल की ओर से यंग इंडियन (वाईआई) को एक एडवाइजरी संस्थान मानने के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आग्रह को खारिज किए जाने के बाद बीजेपी ने शनिवार को गांधी परिवार पर निशाना साधा. बीजेपी ने आरोप लगाया कि वह सच्चाई छिपा रही है और एसोसिएटिड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) से जुड़े मामले में भ्रष्टाचार में संलिप्त है.

 

बीजेपी नेता और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस के सत्तारुढ़ परिवार ने एजेएल में महज 50 लाख के निवेश से 2000 करोड़ रूपये से अधिक की संपत्ति अर्जित कर ली. उन्होंने इसे ‘विकास का परिवार मॉडल’ करार दिया.

 

कांग्रेस का पलटवार

 

बीजेपी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी और उनके दोस्त इस सच्चाई को नहीं बदल सकते कि यह एक गैर लाभकारी कंपनी है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ”जो मामला अदालत के विचाराधीन है उस पर टिप्पणी नहीं की जा सकती. यह कुछ चैनलों की दृष्टि से झटका हो सकता है, लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि कानून अपना काम करेगा और यह सच सामने आएगा कि यंग इंडियन एक गैर लाभकारी कंपनी है.”

 

सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर महज 50 लाख रूपये का भुगतान करने का आरोप है जिसके माध्यम से गैर लाभकारी संगठन वाईआई ने 90.25 करोड़ रूपये वसूली का अधिकार प्राप्त कर लिया था जोकि कांग्रेस के स्वामित्व वाले एजेएल को मिलने थे. बीजेपी ने कहा कि एजेएल के पास 2000 करोड़ रूपये से अधिक की संपत्तियां हैं.

 

‘कांग्रेस ने छिपाई सच्चाई’

 

रविशंकर प्रसाद ने कहा, ”आपने सच्चाई छिपाई. जब आपने इसे (यंग इंडियन को) एडवाइजरी संगठन बनाने के लिए 2010 में आवेदन दिया था तब आपने यह तो नहीं कहा था कि आपके पास महज 50 लाख रूपये में 2000 करोड़ रूपये की संपत्ति है.”

 

उन्होंने कहा, ”बीजेपी इसे गलत लाभ पहुंचाने के साफ संदिग्ध लेन-देन की निंदा करती है. यह भ्रष्टाचार है.” उन्होंने कहा, ”यह न्यायिक सत्यापन है… कि परिवार और व्यापार साथ साथ चलते हैं और आपने ने फायदे के लिए संदिग्ध तरीके अपनाए.”

 

पिछले साल जुलाई में आयकर विभाग ने वाईआई को करीब 145 करोड़ रूपये के कर का भुगतान करने को कहा था. रविशंकर प्रसाद ने कहा, ”50 लाख रूपये में आप 2000 करोड़ रूपये की संपत्ति के मालिक बन गये. यह किस प्रकार का मॉडल है? इसकी जांच होनी चाहिए.”

 

‘विकास का वाड्रा मॉडल’

 

उन्होंने कहा, ”जब बीजेपी पहले रॉबर्ट वाड्रा और उनके कामों की चर्चा करती थी तब वह कहा करती थी कि विकास के कई मॉडल हैं उनमें एक विकास का वाड्रा मॉडल है.” उन्होंने कहा, ”इसके अंतर (विकास के वाड्रा मॉडल) आप 20-25 लाख रूपये का निवेश करते हैं और आप गुड़गांव में बड़ी रियल एस्टेट संपत्तियों के मालिक बन जाते हैं.”

 

मंत्री ने कहा कि विकास के वाड्रा मॉडल के बाद वह सोचा करते थे कि विकास का नया मॉडल नहीं आएगा. रवि शंकर प्रसाद ने कहा, ”लेकिन यह (यंग इंडिया मामला) विकास का परिवार मॉडल है. विकास का परिवार मॉडल. 50 लाख रूपये लगाइए और 2000 करोड़ रूपये की संपत्ति के मालिक बन जाइए.”

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