- गुरुपर्व और नगर कीर्तन के दौरान 11-12 नवंबर को दिल्ली में ऑड-ईवन में छूट
- पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व
नई दिल्ली। गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर दिल्ली सरकार ने 11 और 12 नवंबर यानी सोमवार और मंगलवार को ऑड-ईवन नियमों में छूट देने की घोषणा की है. इन दो दिनों में दिल्ली में उत्सव जैसा माहौल रहेगा. इस पर दिल्ली सरकार ने फैसला लिया कि 11 और 12 नवंबर को ऑड-ईवन से छूट दी जाएगी.
एक फैसला लोगों की सहूलियत के नाम
550वें गुरूपर्व और नगर कीर्तन के उपलक्ष्य में 11 व 12 नवम्बर को #OddEven नहीं होगा लागू। pic.twitter.com/bFihmRErDt
— AAP (@AamAadmiParty) November 8, 2019
दिल्ली के सिख समुदाय ने गुरुपर्व और नगर कीर्तन के दौरान 11 और 12 नवंबर को ऑड-ईवन में छूट देने की मांग की थी. इसके लिए दिल्ली सरकार से मांग की गई थी. दिल्ली सरकार ने इस मांग पर गंभीरता से विचार किया और फैसला लिया.
दरअसल गुरु नानक देव जी के जन्म के 550 साल होने पर दिल्ली में बड़े आयोजन होने हैं. दिल्ली-एनसीआर में रहे रहे सिख समुदाय के लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके मद्देनजर तिलक नगर के विधायक जरनैल सिंह के नेतृत्व में सिख प्रतिनिधिमंडल ने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से मिलकर अपनी मांग रखी थी. इस मांग पर विचार करते हुए दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन नियम से दो दिन की छूट दे दी है.
11 नवंबर को पूरे शहर में भव्य नगर कीर्तन की तैयारियां
श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व पूरी दुनिया में बहुत बड़े स्तर पर मनाया जा रहा है. दिल्ली में रहने वाले सिख सुमदाय के लोगों के लिए भी ये एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण मौका है. 11 नवंबर को पूरे शहर में भव्य नगर कीर्तन की तैयारियां हो रही हैं जिसमें लाखों श्रद्धालुओं के हिस्सा लेने की संभावना है. इस मौके पर 11 और 12 नवंबर को लाखों लोग पूरे शहर के अलग-अलग गुरुद्वारों में भी जाएंगे.
4 नवंबर से शुरू हुआ ऑड-ईवन नियम 15 नवंबर तक चलेगा
बता दें कि बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए 4 नवंबर से शुरू हुआ ऑड-ईवन नियम 15 नवंबर तक चलेगा. रविवार को इस नियम से छूट दी जाती है. नियम का उल्लंघन करने पर सभी पर 4 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. दिल्ली सरकार का दावा है कि दिल्ली में इस नियम को लागू करने के बाद प्रदूषण कम हुआ है क्योंकि 15 लाख कारें दिल्ली की सड़कों पर नहीं उतर रही हैं. इस योजना को सफल बनाने के लिए पांच हजार वालंटियर और 400 टीमें लगाई गई हैं. डीटीसी और क्लस्टर की 5,600 बसें सड़कों पर हैं. इसके अलावा 650 अतिरिक्त बसें भी चलाई गई हैं.