अयोध्या फैसला / अमेरिकी मीडिया ने कहा- यह मोदी की बड़ी जीत; जहां मस्जिद हुआ करती थी, वह जगह हिंदुओं को दी गई

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा, अयोध्या मामले में भारतीय कोर्ट ने हिंदुओं का पक्ष लिया 134 साल का विवाद सिर्फ 30 मिनट में सुलझा दिया गया: गल्फ न्यूज ‘द गार्जियन’ ने लिखा- 1992 में मस्जिद ढहाया जाना भारत में धर्मनिरपेक्षता के नाकाम होने का बड़ा क्षण था

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नई दिल्ली . अयोध्या में विवादित स्थल पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाए और तीन महीने में अपनी योजना सौंपे। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने कहा कि दशकों पुराने विवाद में यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी जीत है। अखबार ने कहा कि भगवान राम के लिए विवादित स्थल पर मंदिर बनाना लंबे समय से भाजपा का उद्देश्य था।

अखबार ने आगे लिखा, “भारत की सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे विवादित धार्मिक स्थल को ट्रस्ट को देने का आदेश दिया और जिस जगह कभी मस्जिद हुआ करती थी, उस जगह हिंदू मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया।”

अयोध्या में राम मंदिर बनाना भाजपा के राष्ट्रवादी एजेंडे का हिस्सा: द गार्जियन

ब्रिटिश अखबार गार्जियन ने भी इसे प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत बताया। अखबार ने लिखा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाना उनके राष्ट्रवादी एजेंडे का हिस्सा रहा है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब देश के 20 करोड़ मुस्लिम सरकार से डर महसूस कर रहे हैं। अखबार ने कहा कि 1992 में मस्जिद ढहाया जाना भारत में धर्मनिरपेक्षता के नाकाम होने का बड़ा क्षण था।”

मुस्लिमों को वैकल्पिक जमीन मिलेगी: गल्फ न्यूज

दूसरी तरफ संयुक्त अरब अमीरात की वेबसाइट गल्फ न्यूज लिखता है, “134 साल का विवाद 30 मिनट में सुलझा लिया गया। हिंदुओं को अयोध्या की जमीन मिलेगी। मुस्लिमों को मस्जिद के लिए वैकल्पिक जमीन दी जाएगी।”

कोर्ट के फैसले से हिंदू-मुस्लिमों के भारी संबंधों पर असर पड़ेगा: द डॉन

पाकिस्तानी अखबार ‘द डॉन’ ने लिखा, “भारत की सुप्रीम कोर्ट ने उस विवादित स्थल पर, जहां हिंदुओं ने 1992 में मस्जिद गिराई थी हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुना दिया और कहा कि अयोध्या की जमीन पर मंदिर बनाया जाएगा। हालांकि, कोर्ट ने यह मान लिया कि 460 साल पुरानी बाबरी मस्जिद को गिराना कानून का उल्लंघन था। कोर्ट के फैसले से भारत के हिंदू-मुस्लिमों के बीच भारी हुए संबंधोंं पर बड़ा असर पड़ सकता है।”

हिंदुओं ने बाबरी मस्जिद गिरने के बाद मंदिर की योजना तैयार की: न्यूयॉर्क टाइम्स

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हिंदुओं उस जगह मंदिर बनाने की अनुमति मिली, जहां पहले मस्जिद हुआ करती थी। हिंदुओं ने इसकी योजना 1992 के बाद तैयार कर ली थी, जब बाबरी मस्जिद गिराई गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी भाजपा हिंदू राष्ट्रवाद और अयोध्या में मंदिर बनाने की लहर में ही सत्ता में आए। यह उनके प्लेटफॉर्म का प्रमुख मुद्दा था।”

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