पीएम मोदी बोले- किसी की हार या जीत नहीं होगा अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

अयोध्या विवाद मामले में कल यानी शनिवार को सुबह 10:30 बजे सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगा. अयोध्या मामले के फैसले के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने की हिदायत दी है. अयोध्या में धारा 144 लागू है. साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. अयोध्या में अर्धसैनिक बलों के 4000 जवानों को तैनात किया गया है. यूपी में शनिवार को सभी स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे.

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  • अयोध्या पर कल आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला

  • चालीस दिनों तक चली अयोध्या मामले की सुनवाई

  • पांच जजों की बेंच शनिवार को अपना फैसला सुनाएगी

  • फैसले से पहले पीएम मोदी ने की शांति की अपील

  • मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई को  Z प्लस सुरक्षा दी गई.

  • जम्मू-कश्मीर में आधी रात से धारा 144 लगाई गई. स्कूल-कॉलेज कल के लिए बंद किया गया. 5 से ज्यादा लोग एक साथ एकत्र नहीं हो सकते. कल ड्राई डे भी घोषित किया गया है. कल पटाखे छोड़ने पर रोक लगा दी गई है.


नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट कल अयोध्या मामले में अपने फैसला सुनाएगा. इससे पहले पीएम मोदी ने लोगों से अपील की कि वे शांति और सद्भावना बनाए रखें. पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए ये बात कही. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो भी फैसला आएगा वो किसी की हार जीत नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में लगातार इसपर सुनवाई हो रही थी और पूरा देश इसे उत्सुकता से देख रहा था. समाज के सभी वर्गों के लोगों ने सद्भावना का माहौल बनाए रखने के प्रयास किए जो सराहनीय है.

पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ”अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा. देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे.”अपने एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, ”देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं. कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है.”

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ”अयोध्या पर कल सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ रहा है. पिछले कुछ महीनों से सुप्रीम कोर्ट में निरंतर इस विषय पर सुनवाई हो रही थी, पूरा देश उत्सुकता से देख रहा था. इस दौरान समाज के सभी वर्गों की तरफ से सद्भावना का वातावरण बनाए रखने के लिए किए गए प्रयास बहुत सराहनीय हैं.”

अयोध्या में सुरक्षा चाक-चौबंद

अयोध्या में धारा 144 लागू है. साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. अयोध्या में अर्धसैनिक बलों के 4000 जवानों को तैनात किया गया है. अधिकारी ने बताया कि राज्यों को सभी संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि देश में कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो. ड्रोन से अयोध्या शहर की निगरानी की जा रही है. अयोध्या को लेकर स्थानीय प्रशासन ने कई पीस कमेटियां बनाई हैं. इन कमेटियों में शामिल लोग जिले के गांवों में जाकर लोगों से शांति और प्रेम बनाए रखने की अपील कर रहे हैं. बाहर के जिलों में दर्जनों की संख्या में अस्थायी जेल परिसरों का निर्माण किया
गया है.

कल शनिवार को आएगा अयोध्या केस में फैसला

अयोध्या केस पर फैसला कल, यूपी के सभी स्कूल-कॉलेज रहेंगे बंद

अयोध्या केसः सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होने के 96 दिन बाद आएगा ऐतिहासिक फैसला

 

अयोध्या में राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तारीख सामने आ गई है और शनिवार को सुबह साढ़े 10 बजे फैसला आएगा. 6 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी और लगातार 40 दिन तक सुनवाई चली. अब सुनवाई शुरू होने के 96 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ऐतिहासिक फैसला सुनाने जा रहा है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में 5 सदस्यीय बेंच ने लगातार 40 दिनों तक सुनवाई की. जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ और जस्टिस एस अब्दुल नजीर बेंच का हिस्सा रहे.

बेंच ने मामले की सुनवाई 6 अगस्त से शुरू की और यह सुनवाई रोजाना चली. अब सबको शनिवार को आने वाले इस फैसले का इंतजार है.

अयोध्या विवाद मामले में कल यानी शनिवार को सुबह 10:30 बजे सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगा. बता दें कि अयोध्या मामले के फैसले के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने की हिदायत दी है. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक सामान्य सलाह दी गई है.

हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ केस

इलाहाबाद हाई कोर्ट की 3 जजों की बेंच ने करीब 9 साल पहले 30 सितंबर, 2010 को अपने फैसले में कहा था कि 2.77 एकड़ की विवादित जमीन को तीनों पक्षों (सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान) में बराबर-बराबर बांट दिया जाए.

हालांकि इलाहाबाद हाई कोर्ट इस फैसले को किसी भी पक्ष ने नहीं माना और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. सुप्रीम कोर्ट की ओर से 9 मई 2011 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी गई.

 

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