महाराष्ट्र / फडणवीस का इस्तीफा, कहा- ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री रहने के मुद्दे पर शिवसेना से मेरे सामने कभी चर्चा नहीं हुई
"शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की, उसमें उन्होंने कहा था कि हम सरकार बनाने को तैयार हैं। दोनों ही दलों के उम्मीदवार गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर चुनकर आए हैं। इसके बावजूद दूसरे पक्ष की तरफ से यह कहा गया कि हमारे पास सभी विकल्प खुले हैं। ऐसा क्यों कहा गया, ये समझ नहीं आता।'
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फडणवीस ने कहा- पिछले 10 दिनों में मोदी के खिलाफ जिस तरह के बयान दिए गए, वे सहन नहीं किए जा सकते
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संजय राउत ने कहा- हमने कभी भी अमित शाह, या नरेंद्र मोदी के लिए व्यक्तिगत टिप्पणियां नहीं कीं
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जिस वक्त देवेंद्र फडणवीस राज्यपाल को इस्तीफा देने पहुंचे, ठीक उसी वक्त राउत राकांपा प्रमुख शरद पवार से मिले
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9 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा का सत्र खत्म हो रहा है, इससे पहले राज्य में सरकार का गठन होना जरूरी
मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अपना इस्तीफा सौंपा। जिस वक्त फडणवीस अपना इस्तीफा सौंपने राज्यपाल के पास पहुंचे, ठीक उसी वक्त शिवसेना नेता संजय राउत ने राकांपा प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। फडणवीस ने इस्तीफे के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा- ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री रहने के मुद्दे पर मेरे सामने कभी शिवसेना से बातचीत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि बातचीत विफल होने के लिए शिवसेना ही सौ फीसदी जिम्मेदार है। पिछले 10 दिनों में मोदीजी के खिलाफ जिस तरह की बयानबाजी हुई, वह असहनीय है। राउत ने कहा कि हमने कभी भी नरेंद्र मोदी या अमित शाह के खिलाफ व्यक्तिगत बयानबाजी नहीं की।
9 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इससे पहले राज्य में सरकार का गठन जरूरी है।
फडणवीस ने कहा- हमारा स्ट्राइक रेट 70% रहा
- फडणवीस ने कहा- भाजपा-शिवसेना के गठबंधन को महाराष्ट्र की जनता ने बहुमत दिया। 160 से ज्यादा सीटें गठबंधन को मिलीं। भाजपा को 105 सीटें मिलीं। हमारा स्ट्राइक रेट 70% रहा है। दुर्भाग्य से हमें सीटें कुछ कम मिलीं।
- “शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की, उसमें उन्होंने कहा था कि हम सरकार बनाने को तैयार हैं। दोनों ही दलों के उम्मीदवार गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर चुनकर आए हैं। इसके बावजूद दूसरे पक्ष की तरफ से यह कहा गया कि हमारे पास सभी विकल्प खुले हैं। ऐसा क्यों कहा गया, ये समझ नहीं आता।’
- उन्होंने कहा- ढाई साल (मुख्यमंत्री पद) का जो विषय है, मैं आज भी साफ तौर पर यह कहना चाहता हूं कि मेरे सामने कभी भी ढाई साल के मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई। मेरे सामने ऐसा कोई निर्णय भी नहीं लिया गया था। उद्धव ठाकरे और हमारे पार्टी अध्यक्ष के बीच अगर ऐसी कोई चर्चा हुई हो, तो उसकी जानकारी मेरे पास नहीं है।
- फडणवीस ने स्पष्ट किया- अगर कोई गलतफहमी हुई है तो इस पर चर्चा हो सकती है, लेकिन हम चर्चा करेंगे ही नहीं, ये बातें कही जा रही हैं। मैंने कई बार बातचीत की कोशिश की। मैंने खुद उद्धवजी को कई बार फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
- फडणवीस ने कहा कि 5 साल महाराष्ट्र की सेवा करने का मौका मिला इसके लिए नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा का आभारी हूं। उन्होंने कहा कि आपको महसूस हुआ या नहीं, मैं नहीं जानता। लेकिन, मैं हमारे मित्र शिवसेना का भी आभारी हूं।
शाह ने पद और जिम्मेदारियां बांटने की बात कही थी- उद्धव
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा- मैंने शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे को वचन दिया था कि मैं शिवसेना का मुख्यमंत्री बना लूंगा। मैं यह वचन हर हाल में निभाऊंगा। इसके लिए न भाजपा की जरूरत है और न ही अमित शाह की। अमित शाहजी का फोन मेरे पास आया था। उन्होंने मुझसे पूछा था कि आप क्या सोचते हैं? मैंने कहा था कि मैं शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाऊंगा। शाह ने कहा था कि अभी तक जो हुआ सो हुआ, अब आपके साथ न्याय होगा। शाह ने कहा था कि हम पद और जिम्मेदारियां बांट लेंगे। अभी मुख्यमंत्री पद का जिक्र नहीं करूंगा।
हमने कभी व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की- राउत
फडणवीस की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद राउत ने कहा- हमारी भाजपा को शुभकामनाएं हैं। वे चाहें तो सरकार बना सकते हैं। हमने कभी भी अमित शाह या नरेंद्र मोदी के लिए व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की। हम यह बात स्पष्ट कर दें कि हम चाहें तो शिवसेना की सरकार बना सकते हैं। हमारी सभी से बातचीत चल रही है।
आगे क्या?
सबसे बड़े दल को न्योता: अगर तय सीमा तक कोई भी दल सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करता है, तो राज्यपाल सबसे बड़े दल को ऐसा करने के लिए न्योता दे सकते हैं। फडणवीस के इस्तीफा देने के बाद भाजपा सरकार बनाने के लिए आगे आए, इसके आसार कम हैं। इस स्थिति में राज्यपाल दूसरे बड़े दल को भी बुला सकते हैं, लेकिन कोई भी दल अकेले इस स्थिति में नहीं है।
राष्ट्रपति शासन: अगर तय सीमा तक कोई भी दल सरकार बनाने के लिए आगे नहीं आता है तो राज्यपाल राष्ट्रपति को इसकी रिपोर्ट भेजेंगे और उसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है।
नए गठबंधन से सरकार गठन: राउत ने दावा किया है कि शिवसेना किसी भी समय सरकार बना सकती है। उनकी पवार से मुलाकात भी हुई है। ऐसे में शिवसेना-राकांपा गठबंधन की चर्चाएं तेज हैं। ऐसे में शिवसेना (56), राकांपा (54) गठबंधन कर लें और कांग्रेस (44) बाहर से समर्थन कर दे तो सरकार का गठन हो सकता है। हालांकि, पवार कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि वे सत्ता में नहीं, विपक्ष में बैठने की जिम्मेदारी संभालेंगे।
कांग्रेस ने भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया
कांग्रेस ने भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा कि भाजपा ने शिवसेना विधायकों को खरीदने के लिए 50-50 करोड़ रुपए का ऑफर दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कुछ कांग्रेस विधायकों से भी बात की थी।
हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों पर भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा- कांग्रेस और राकांपा ने हम पर आरोप लगाए हैं। वे 48 घंटे के भीतर आरोपों को साबित करें, या फिर महाराष्ट्र की जनता के सामने माफी मांगें। राज्य की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल कल (9 नवंबर) खत्म हो रहा है। फिलहाल, ऐसे में सरकार गठन को लेकर चल रहे प्रयासों का आज अंतिम दिन माना जा रहा है।
महाराष्ट्र में किसके पास, कितने नंबर?
पार्टी | सीट |
भाजपा | 105 |
शिवसेना | 56 |
राकांपा | 54 |
कांग्रेस | 44 |
बहुजन विकास अघाड़ी | 3 |
एआईएमआईएम | 2 |
निर्दलीय और अन्य दल | 24 |
कुल सीट | 288 |