अयोध्या पर फैसले से पहले आज मिलेंगे भागवत और मदनी, दो दिन बाद हो सकती है साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस- सूत्र
अयोध्या भूमि विवाद पर 17 नवंबर तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की संभावना है. अयोध्या पर फैसले के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यूपी के सभी जिलों में अभी धारा-144 लागू कर दी गई है.
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अयोध्या भूमि विवाद पर 17 नवंबर तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की संभावना है. इस बीच RSS ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ बैठक की और शांति में सहयोग की अपील की.
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अयोध्या विवाद का आखिरी फैसला आने वाले है. बस कुछ दिन, कुछ घंटे का समय रह गया है.
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अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 17 नवंबर से पहले कभी भी आने वाला है, 17 नवंबर की तारीख इसलिए क्योंकि इसी दिन सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रिटायर होने वाले हैं.
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इस बार तारीख पर तारीख नहीं, फैसला ही होगा, इस उम्मीद में सारा देश है. सुरक्षा एजेंसियां भी इसीलिए मुस्तैद हो गई हैं.
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कई दिन से लगातार सुरक्षा को मजबूत से मजबूत किया जा रहा है. सोशल मीडिया से लेकर कोने कोने तक मुस्तैदी रखी जा रही है. सामुदायिक बैठकें हो रही हैं. समझाया जा रहा है. चेताया जा रहा है. हर कोशिश है कि फैसला कुछ भी हो, समाज का माहौल खराब नहीं होना चाहिए.
नई दिल्ली: अयोध्या भूमि विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट से क्या फैसला आएगा, ये किसी को नहीं पता लेकिन इस फैसले से पहले अयोध्या समेत पूरे उत्तर प्रदेश में हलचल बढ़ गई है. अयोध्या पर नवंबर के दूसरे हफ्ते में कभी फैसला आ सकता है. इस बीच अयोध्या मामले से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. मुस्लिमों की सबसे बड़ी संस्थाओं में से एक जमीयत उलेमाए हिंद के अध्यक्ष अशरफ मदनी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बीच मुलाकात हो सकती है.
सूत्रों के मुताबिक आज शाम चार बजे दिल्ली में दोनों के बीच मुलाकात होगी, इसमें मुद्दे तय किए जाएंगे. इतना ही नहीं दो दिन बाद दोनों नेता संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित कर सकते हैं. बता दें कि दो महीने पहले भी मदनी और भागवत की मुलाकात हो चुकी है. आज मदनी ने एक कार्यक्रम में खुद इसका जिक्र भी किया.
उन्होंने कहा, ”मेरी मोहन भागवत से मुलाकात हुई. मै फक्र से कह सकता हूं कि हमने और उन्होंने ने भी हिन्दू मुस्लिम एकता को बनाए रखने की पहल की है. मोहन भागवत के बयानों में तब्दीली आई है, हमें आशा है कि आगे भी इसी तरह रहेगी.”
फैसले को लेकर क्या बोले अशरफ मदनी
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय हमें मान्य होगा. अरशद मदनी ने कहा कि सबूतों और साक्ष्यों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट जो भी निर्णय देगा वह हमें मान्य होगा. मदनी ने इस बीच सवाल भी कड़ा किया उन्होंने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक लोग भय से पीड़ित हैं.
मदनी ने कहा, ”मसला कानूनी है. 400 साल मौजूद मस्जिद का हमने कानूनी लड़ाई लड़ी है. हमे लगता है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा. लेकिन हमने हमेशा यही कहा है कि ये देश हमारा है, कोर्ट हमारा, कानून हमारा है. इसलिए हमने फैसला किया है कि कोर्ट जो भी आदेश देगा उसे माना जायेगा. इस मसले में देश के हर व्यक्ति से अपील है की फैसला चाहे जो भी हो लेकिन सभी को फैसले का सम्मान करना है और देश मे शांति बनाए रखे.”
फैसले से पहले अलर्ट पर अयोध्या
अयोध्या विवाद का फैसला अगले कुछ दिनों में आने वाला है. 14 कोसी परिक्रमा को लेकर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है तो दूसरी तरफ प्रशासन भी हाई अलर्ट पर है. CJI रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं इसलिए अयोध्या पर फैसला उससे पहले ही आएगा. इसको लेकर अयोध्या में सुरक्षा के चाक चौबंद उपाय किए गए हैं
यूपी के सभी जिलों में अभी धारा-144 लागू कर दिया गया है, 14 कोसी और पंच कोसी परिक्रमा के लिए अर्द्धसैनिक बल के साथ PAC को लगाया गया है. सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी जा रही है. केंद्र सरकार ने अयोध्या फैसले के मद्देनजर CRPF के 4 हजार जवानों को यूपी भेजा है. इसके अलावा पैरामिलिट्री फोर्स की 15 कंपनी और BSF, RAF, CISF, ITBP और SSB की 3-3 कंपनियों को भेजने की मंजूरी दी गई है. अयोध्या के DM ने 30 बिंदुओं वाला आदर्श भी जारी किया है.
अयोध्या पर फैसले से पहले बड़े मुस्लिम संगठन का अहम बयान, कहा- SC का फैसला मान्य होगा
अयोध्या विवाद पर नवंबर के दूसरे हफ्ते में कभी भी फैसला आ सकता है. इस फैसले से पहले अयोध्या समेत पूरे उत्तर प्रदेश में हलचल बढ़ गई है. इस बीच मुस्लिमों के सबसे धार्मिक संगठनों में से एक जमीयत उलेमा हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय हमें मान्य होगा. अरशद मदनी ने कहा कि सबूतों और साक्ष्यों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट जो भी निर्णय देगा वह हमें मान्य होगा. मदनी ने इस बीच सवाल भी कड़ा किया उन्होंने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक लोग भय से पीड़ित हैं.
मदनी ने कहा, ”मसला कानूनी है. 400 साल मौजूद मस्जिद का हमने कानूनी लड़ाई लड़ी है. हमे लगता है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा. लेकिन हमने हमेशा यही कहा है कि ये देश हमारा है, कोर्ट हमारा, कानून हमारा है. इसलिए हमने फैसला किया है कि कोर्ट जो भी आदेश देगा उसे माना जायेगा. इस मसले में देश के हर व्यक्ति से अपील है की फैसला चाहे जो भी हो लेकिन सभी को फैसले का सम्मान करना है और देश मे शांति बनाए रखे.”
उन्होंने कहा, ”मेरी मोहन भागवत से मुलाकात हुई. मै फक्र से कह सकता हूं कि हमने और उन्होंने ने भी हिन्दू मुस्लिम एकता को बनाए रखने की पहल की है. मोहन भागवत के बयानों में तब्दीली आई है, हमें आशा है कि आगे भी इसी तरह रहेगी.”
फैसले से पहले अलर्ट पर अयोध्या
अयोध्या विवाद का फैसला अगले कुछ दिनों में आने वाला है. 14 कोसी परिक्रमा को लेकर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है तो दूसरी तरफ प्रशासन भी हाई अलर्ट पर है. CJI रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं इसलिए अयोध्या पर फैसला उससे पहले ही आएगा. इसको लेकर अयोध्या में सुरक्षा के चाक चौबंद उपाय किए गए हैं
यूपी के सभी जिलों में अभी धारा-144 लागू कर दिया गया है, 14 कोसी और पंच कोसी परिक्रमा के लिए अर्द्धसैनिक बल के साथ PAC को लगाया गया है. सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी जा रही है.
- साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि ने कहा है कि उन्हें इस बात की पूरी उम्मीद है कि अयोध्या विवाद का फैसला राम मंदिर के ही पक्ष में आयेगा और विवादित स्थल पर भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा लेकिन अदालत का फैसला आने के बाद देश में अमन चैन और साम्प्रदायिक माहौल न बिगड़े इसके लिए सभी को संयम बरतना होगा.