गठबंधन में फंसी महाराष्ट्र की सरकार, नंबर गेम की दुहाई देकर NCP ने भी खड़े किए हाथ

महाराष्ट्र का मामला सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अमित शाह की शरण में पहुंचे. दोनों नेताओं की ये मुलाकात दिल्ली में हुई. अमित शाह से मुलाकात के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वो किसी के बयान पर कुछ नहीं कहना चाहते हैं.

  • सोमवार को दिनभर चलता रहा मुलाकातों का दौर
  • अब तक साफ नहीं हो पाया किसकी बनेगी सरकार

हाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं. सरकार गठन को लेकर महाराष्ट्र का दंगल दिल्ली पहुंच चुका है. सोमवार को बैठकों का दौर चलता रहा. एक ओर जहां महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की तो वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले. मुलाकात के बाद शरद पवार ने नंबर गेम की दुहाई देते हुए कहा कि जनता ने हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है. हम फिलहाल हालात पर नजर रखे हैं.

वहीं, शिवसेना बीजेपी पर लगातार दबाव बना रही है, लेकिन बीजेपी अभी भी फूंक-फूंककर कदम रख रही है. पार्टी शिवसेना से बातचीत के लिए दरवाजे खोले हुई है. बीजेपी फिलहाल इंतजार करो और देखो की रणनीति पर काम करेगी.

बीजेपी और शिवसेना के बीच पूरा विवाद 50-50 फॉर्मूले को लेकर है. शिवसेना बार-बार बीजेपी को उसका वादा याद दिलाई ला रही है तो वहीं बीजेपी राजी होने को तैयार नहीं है.

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, 50-50 फॉर्मूले का मतलब सरकार में बराबरी की हिस्सेदारी से था. ढाई-ढाई साल के सीएम पद के लिए नहीं था. मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी पीछे हटने को तैयार नहीं है. पार्टी इसपर कोई समझौता नहीं करेगी. हालांकि बीजेपी मंत्रालय बांटने को तैयार है. साथ ही उपमुख्यमंत्री पद भी देने को तैयार है. बीजेपी को उम्मीद है कि शिवसेना से गतिरोध 8 नवंबर तक सुलझ जाएगा.

शाह की शरण में फडणवीस

महाराष्ट्र का मामला सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अमित शाह की शरण में पहुंचे. दोनों नेताओं की ये मुलाकात दिल्ली में हुई. अमित शाह से मुलाकात के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वो किसी के बयान पर कुछ नहीं कहना चाहते हैं. हालांकि, फडणवीस ने कहा कि मुझे विश्वास है और जल्द ही सरकार बनेगी. माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार 2014 नहीं दोहराएगी.  सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी राज्य में अल्पमत की सरकार नहीं बनाएगी.बता दें कि 2014 में बीजेपी 122 विधायकों के साथ सरकार बनाई थी और एनसीपी ने उसे बाहर से समर्थन दिया था. हालांकि बाद में शिवसेना सरकार में शामिल हो गई थी.

‘सरकार नहीं बनने के लिए शिवसेना जिम्मेदार नहीं’

शिवसेना अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री बनाने पर अड़ी है. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की. शिवसेना को भले ही बीजेपी से आधी सीटें मिली हों, लेकिन वो मुख्यमंत्री पद पाने के लिए अटैकिंग मोड में है. मुलाकात के बाद तो सरकार के पेच का ठीकरा उन्होंने बीजेपी पर फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि सरकार बनने में शिवसेना कोई रोड़ा नहीं अटका रही है, जिसके पास बहुमत हो वो सरकार बनाए. सरकार नहीं बनने के लिए शिवसेना जिम्मेदार नहीं है.

शिवसेना का दावा- सीएम हमारा होगा

शिवसेना बीजेपी के साथ अक्सर प्रेशर पॉलिटिक्स का सहारा लेती रही है, लेकिन इस बार तो शिवसेना ने बीजेपी का ब्लड प्रेशर बढ़ा दिया है. शिवसेना के तेवर तीखे हैं, वो झुकने के लिए तैयार नहीं है. बीजेपी पर दबाव डालने के लिए भी उसने एनसीपी से संपर्क साधा. शिवसेना का दावा है कि उसे 170 विधायकों का समर्थन हासिल है. इसके दम पर ही शिवसेना दावा कर रही है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा.

शिवसेना को मिल सकते हैं ये मंत्रालय

बीजेपी खेमे से जो खबरें छन छनकर आ रही हैं, उनके मुताबिक बीजेपी शिवसेना के मुख्यमंत्री की मांग को कतई नहीं मानेगी बीजेपी. बीजेपी शिवसेना को राजस्व और वित्त या फिर पीडब्लूडी मंत्रालय दे सकती है. इसके अलावा कृषि या शहरी विकास या फिर जल संसाधन मंत्रालय भी बीजेपी शिवसेना को दे सकती है.

पवार और सोनिया गांधी की हुई मुलाकात

बीजेपी और शिवसेना के घमासान के बीच शरद पवार ने सोनिया गांधी से मुलाकात की. सोनिया से मिलने के बाद शरद पवार ने कहा शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई. उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने के लिए चुना है. सोनिया से मुलाकात के बाद भी पवार ने अपने पत्ते पूरी तरह से नहीं खोले हैं.

एक ओर जहां एनसीपी की ओर से बयान आता है कि शिवसेना का सीएम होना मुमकिन है तो वहीं पवार कहते हैं कि हम विपक्ष में बैठेंगे. आशंका जताई जा रही थी पवार आज या कल अपने पत्ते खोल देंगे लेकिन अब तक उनका रुख साफ नहीं हुआ है.

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