- आज कश्मीर का दौरा करेगी EU सांसदों की टीम
- राहुल समेत कई विपक्षी नेताओं ने उठाए सवाल
- ‘भारत के सांसदों को क्यों नहीं कश्मीर जाने दिया’
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार कोई विदेशी प्रतिनिधिमंडल घाटी का दौरा कर रहा है. मंगलवार को यूरोपियन यूनियन (EU) के कुल 27 सांसद श्रीनगर और घाटी के अन्य हिस्सों का दौरा करेंगे, जहां वह स्थानीय लोगों से मुलाकात करेंगे. इस दौरे का मकसद कश्मीर घाटी के हालात को जानना है. लेकिन EU सांसदों का ये दौरा विपक्ष के गले नहीं उतरा है, कांग्रेस समेत विपक्ष की अन्य पार्टियों ने इस मसले पर मोदी सरकार को घेरा है.
राहुल ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को ही इस मसले पर केंद्र सरकार को घेर लिया. राहुल ने पूछा जब भारतीय सांसदों या नेताओं को जम्मू-कश्मीर नहीं जाने दिया जा रहा है, तो EU सांसदों को ये परमिशन कैसे मिल गई. राहुल ने लिखा कि इसमें काफी कुछ गलत है. ना सिर्फ राहुल गांधी बल्कि कांग्रेस पार्टी के अन्य नेताओं, प्रवक्ताओं ने भी इस मसले पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया.
संसद में इस मसले पर हो सकता है हंगामा
नवंबर के महीने में संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद ये पहला सत्र होगा. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा है कि EU सांसदों के कश्मीर जाने का मसला संसद में उठाया जाएगा. उन्होंने कहा कि विदेशी सांसदों को जाने देना और भारत के सांसदों को घाटी का दौरा ना करने देना, भारत की संसद का अपमान है. कांग्रेस के अलावा कुछ अन्य पार्टियों ने भी इसपर सवाल खड़े किए हैं.,
विपक्षियों के साथ अपनों ने भी घेरा
सोमवार दोपहर को जब EU सांसदों के कश्मीर दौरे की बात सामने आई तो इसपर सवाल उठाने वालों में सबसे पहले सुब्रमण्यम स्वामी ही थी. BJP के राज्यसभा सांसद स्वामी ने कहा कि विदेशी मंत्रालय के द्वारा इस दौरे की इजाजत देना भारत की नीति के खिलाफ है, ऐसे में केंद्र सरकार को इस फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए.
गैरों पर करम, अपनों पर सितम?
बता दें कि विपक्ष की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि सरकार अपने देश के नेताओं को कश्मीर जाने से रोक रही है, लेकिन विदेशियों को जाने दे रही है. इसके लिए तर्क भी दिया जा रहा है. अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जब कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आज़ाद, राहुल गांधी, या अन्य पार्टियों की ओर से सीताराम येचुरी, शरद यादव, डी. राजा समेत अन्य नेता श्रीनगर पहुंचे थे, लेकिन उन सभी को एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया था.
विपक्ष सरकार के उस दावे पर भी सवाल खड़े कर रहा है, जब सरकार की ओर से हर बार कहा गया कि अनुच्छेद 370 घर का मसला है फिर भी EU सांसदों को दौरा करने दिया जा रहा है.