होशियारपुर. होशियारपुर जिले के कस्बा दसूहा के सिविल अस्पताल में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। एक महिला की अस्पताल के बाथरूम में खड़े-खड़े डिलीवरी हो गई और टॉयलेट सीट पर बच्चा गिरने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। महिला के पति ने सिविल अस्पताल की महिला डॉक्टर पर पत्नी की हालत खराब करने और बच्चे की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। दूसरी तरफ, महिला डॉक्टर ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि घटना वाले दिन वह ड्यूटी पर नहीं थी। बावजूद इसके पीड़ित दंपति ने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पीड़िता तलवाड़ा के नजदीकी गांव बहरंगा की रहने वाली है। अपने बयान में अशवनी कुमार (निवासी बहरंगा) ने बताया कि उसकी पत्नी प्रवीण कुमारी, जिसका इलाज सिविल अस्पताल दसूहा की डॉक्टर सविता राणा की देख-रेख में चल रहा था। 18 अक्टूबर को अस्पताल के बाथरूम में उसकी पत्नी के साथ दर्दनाक हादसा हो गया। पति ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने अपनी लापरवाही छिपाने के लिए दबाव बनाकर उनेक कोरे कागज पर अंगूठे लगवा लिए और बाद में कह दिया कि आपके बच्चे की मौत 15 दिन पहले गर्भ में खून की कमी के चलते हो चुकी थी।
अपने हलफीया बयान में अश्वनी कुमार (निवासी बहरंगा) ने बताया कि उसकी पत्नी प्रवीण कुमारी का इलाज सिविल अस्पताल दसूहा की डॉक्टर सविता राणा कर रही थीं। 16 अक्टूबर को डॉक्टर ने उसकी पत्नी को बुलाया और खून की कमी पूरी करने को बोतल खून भी चढ़ाया और दाखिल कर लिया। 17 अक्टूबर को उसकी पत्नी लेबर पेन उठा। रात 11 बजे उसने डॉक्टर सविता राणा को लेबर रूम में एडमिट करने के लिए कहा लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। 18 अक्टूबर को स्कैनिंग को कहा और एक गोली दे दी। पत्नी बाथरूम गई तो बच्चा शौचालय की सीट पर गिरकर फंस गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
डिलीवरी वाले दिन मैं ड्यूटी पर नहीं थी
आरोप गलत हैं। 15 अक्टूबर को खून चढ़ाया था। परन्तु डिलीवरी वाले दिन वह ड्यूटी पर उपस्थित नहीं थी, परन्तु जिस डॉक्टर ने इलाज किया है, उसका दावा है कि बच्चे की मौत 15 दिन पहले खून की कमी से हो चुकी थी।