सहूलियत / दिव्यांग और बुजुर्ग पोस्टल बैलेट से वोटिंग कर सकेंगे; मतदान प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद

चुनाव आयोग की अनुशंसा पर सरकार ने चुनाव नियम, 1961 में संशोधन किया इससे पहले पोस्टल बैलेट से वोटिंग की सुविधा सिर्फ सुरक्षाबलों और चुनावी ड्यूटी वाले कर्मचारियों को मिलती थी

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नई दिल्ली. देश में अब दिव्यांग और 80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग पोस्टल बैलेट से मतदान कर सकेंगे। केंद्र सरकार ने शनिवार को यह फैसला किया। सरकार को उम्मीद है कि इससे चुनावों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने में मदद मिलेगी। वर्तमान में सुरक्षाबलों और चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को यह सुविधा दी जाती है।

चुनाव आयोग की अनुशंसा पर केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने 22 अक्टूबर को चुनाव नियम, 1961 में संशोधन किया। ताजा संशोधन के बाद दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों को ‘एब्सेंटी वोटर लिस्ट’ में शामिल करने की इजाजत मिल गई है। ‘एब्सेंटी वोटर’ का अर्थ है- ऐसे मतदाता द्वारा डाला गया वोट, जो मतदान केंद्र तक पहुंचने में असमर्थ हो। संशोधन में कहा गया है कि चुनाव अधिकारी दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाता के लिए फॉर्म 13ए में एब्सेंटी वोटर की प्रविष्टि करेगा।

मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी की उम्मीद

अधिकारियों के मुताबिक, दिव्यांग और बुजुर्ग दोनों ही ऐसे लोगों की श्रेणी में आते हैं, जो मतदान केंद्र तक पहुंचने में असमर्थ हैं। इस वजह से वे अपना वोट नहीं डाल पाते। एक अधिकारी ने कहा- “नए नियम से इन दोनों ही श्रेणियों के लोगों को मतदान करने में आसानी होगी और इससे मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी होगी।”

2019 में 60 फीसदी एब्सेंटी वोटरों ने किया मतदान

अधिकारियों ने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में करीब 60.14% एब्सेंटी वोटरों ने ई-डाकमत से मतदान किया था, जबकि 2014 के चुनाव में यह आंकड़ा केवल 4% था। उस दौरान सुरक्षाबलों और चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों के लिए ही यह सुविधा उपलब्ध थी।

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