हरियाणा / भाजपा बहुमत से 6 सीट दूर रह गई, निर्दलियों की मदद से सरकार बनाने का दावा किया

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  • 2014 में कांग्रेस ने 15 सीटों पर जीत हासिल की थी, 2019 के रुझानों में दोगुनी सीटों पर आगे
  • इनेलो सिर्फ एक सीट जीत सकी, पिछले चुनाव में उसे 19 सीटों पर जीत मिली थी
  • इनेलो से 10 महीने पहले अलग हुई जजपा को बड़ा फायदा, किंगमेकर बनी
  • भाजपा ने चुनाव जीता तो राज्य में दोबारा सरकार बनाने वाली पहली गैर-कांग्रेसी पार्टी होगी

पानीपत. हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजे लगभग सामने आ गए हैं। 90 सीटों वाली विधानसभा में 82 के नतीजे घोषित हो गए हैं। भाजपा को 33 सीटों पर जीत मिली है। 7 पर पार्टी आगे है। वहीं कांग्रेस 30 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है और 1 पर आगे है। 10 महीने पहले गठित हुई जजपा ने 10 सीटें जीती हैं। माना जा रहा है कि जजपा राज्य में किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है। इसके अलावा 9 सीटें अन्य के खाते में हैं। इस बार चुनाव में उतरे हरियाणा के 10 में से 8 मंत्री अपनी सीट गंवा चुके हैं। इनमें 5 कैबिनेट मंत्री और 3 राज्यमंत्री शामिल हैं। इसके अलावा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला और स्पीकर कंवरपाल गुर्जर भी अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे।

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खट्टर के 10 मंत्रियों में से 8 हारे

इस बार हरियाणा में 6 कैबिनेट मंत्री चुनाव में उतरे। इनमें से 5 को हार मिली। अम्बाला कैंट से अनिल विज अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। वहीं महेंद्रगढ़ से रामबिलास शर्मा, नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु, सोनीपत से कविता जैन, इसराना से कृष्ण लाल पंवार और बादली से ओमप्रकाश धनखड़ हार गए हैं। इसके अलावा 4 राज्यमंत्रियों ने चुनाव लड़ा। शाहाबाद से कृष्ण बेदी, रोहतक से मनीष कुमार ग्रोवर, रादौड़ से करणदेव कंबोज पीछे हैं, जबकि बावल से बनवारी लाल को जीत मिली है।

हम सभी साथियों को पूरा मान-सम्मान देंगे: हुड्डा

कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि हमें भाजपा की सरकार के खिलाफ जनादेश मिला है, इसके बाद सरकार बनाएंगे। भाजपा के एकाध मंत्री को छोड़कर सारे मंत्री हारे हैं। ये दिखाता है कि भाजपा सरकार विफल रही है। मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। सभी साथियों को पूरा मान-सम्मान देंगे। अब समय आ गया है कि सभी दल मिलकर मजबूत सरकार बनाएं। फोन आए हैं कि अफसर निर्दलियों को रोक रहे हैं। मैं चेतावनी देता हूं कि कोई भी अधिकारी किसी भी जीते हुए प्रत्याशी को रोक नहीं सकता। इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी करेंगे।

बबीता फोगाट और सोनाली फोगाट हारीं

भाजपा की तरफ से पहली बार चुनाव लड़ रहीं रेसलर बबीता फोगाट चरखी दादरी सीट से हारी हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने टिकटॉक स्टार सोनाली फोगाट को हराया। कांग्रेस की तरफ से रणदीप सिंह सुरजेवाला कैथल सीट से हारे हैं। जजपा के दुष्यंत चौटाला को उचाना कलां सीट से जीत मिली है।

अपडेट: 

– आदमपुर से कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा की सोनाली फोगाट को 29471 वोट से हराया
– अम्बाला से भाजपा के अनिल विज ने निर्दलीय चुनाव लड़ रही चित्रा सरवारा को 20165 वोट से हराया
– बाढड़ा से जजपा की नैना चौटाला ने कांग्रेस के रणबीर सिंह महेंद्रा को 13704 वोट से हराया।
– करनाल सीट से मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर 45188 वोटों से जीते

– कांग्रेस के भूपिंदर सिंह हुड्डा गढ़ी सांपला सीट से जीते

– कैथल सीट से कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भाजपा के लीलाराम से 567 वोटों से हारे

– भाजपा के योगेश्वर दत्त बरौदा सीट से हारे

– गोहाना से कांग्रेस जगबीर मलिक जीते
– उचाना कलां से जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला जीते
– सिरसा से हलोपा अध्यक्ष गोपाल कांडा जीते

– भाजपा सरकार में मंत्री अनिल विज अंबाला सीट से आगे

– ऐलानाबाद से इनेलो के अभय सिंह चौटाला भाजपा के पवन बेनीवाल से 11922 वोटों से जीते

– नारनौंद सीट से जजपा के रामकुमार गौतम भाजपा के कैप्टन अभिमन्यु से आगे

हरियाणा में अभी भाजपा की सरकार है। अगर वह सत्ता में वापसी करती है, तो ऐसा करने वाली राज्य की पहली गैर-कांग्रेसी पार्टी होगी। हरियाणा के 53 साल के इतिहास में कांग्रेस ने 1972 और 2009 में 5 साल सरकार चलाने के बाद सत्ता में वापसी की थी। जनता पार्टी, लोकदल, हरियाणा विकास पार्टी और इनेलो ने भी सत्ता हासिल की, लेकिन वे इसे दोहरा नहीं सके।

वोट प्रतिशत से नहीं तय होता किस पार्टी की सरकार बनेगी

21 अक्टूबर को हुए चुनाव में 68.31% वोटिंग हुई थी। यह पिछली बार के 76.13% के मुकाबले करीब 8% कम रही। हालांकि, हरियाणा में वोट प्रतिशत बदलने से कभी यह तय नहीं होता कि राज्य में कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी।1966 में हरियाणा के गठन के बाद 1967 के पहले ही चुनाव में 72.75% वोटिंग हुई और कांग्रेस सत्ता में आई। जबकि 1968 में हुए मध्यावधि चुनाव में 57.26% वोटिंग हुई, लेकिन सरकार नहीं बदली। 1977 में 64.46% वोटिंग में भी हरियाणा की जनता ने सरकार बदली और जनता पार्टी को 90 में 77 सीटें दे दीं। 1987 में 71.24 तो 1991 में 65.86% वोटिंग हुई। दोनों ही दफा सत्ता परिवर्तन हुआ। 2014 मेें हरियाणा में रिकॉर्ड 76.13% वोटिंग हुई और सरकार बदल गई।

53 साल में पहली बार दोबारा सत्ता में आ सकता है कोई गैर-कांग्रेसी दल
हरियाणा में अब तक कोई भी गैर-कांग्रेसी दल पूर्ण बहुमत से दोबारा सत्ता में वापसी नहीं कर पाया है। भाजपा सत्ता में आती है, तो यह पहली गैर-कांग्रेसी पार्टी होगी, जो लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगी। 1977 में जनता पार्टी, 1987 में लोकदल, 1996 में हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) की सरकार बनी। इसके बाद 2000 में भाजपा के सहयोग से इनेलो ने सरकार बनाई, लेकिन अगले चुनाव में इन दलों को हार का सामना करना पड़ा।

2014 में भाजपा ने पहली बार हासिल किया था पूर्ण बहुमत
2014 में भाजपा ने 47 सीटें, इनेलो ने 19 सीटें, कांग्रेस ने 15 सीटें, निर्दलियों ने 5 सीटें और अन्य ने 4 सीटें जीती थी। भाजपा ने पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी।

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