Election Results: हरियाणा के नए किंगमेकर दुष्यंत चौटाला के सामने है ये बड़ी चुनौती

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: दिसंबर 2018 में इनेलो से निकाले जाने के बाद दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी बनाई.

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नई दिल्ली: हरियाणा में बीजेपी-कांग्रेस के बीच रोमांचक टक्कर के बाद सत्ता की कुर्सी तक पहुंचनेव वाले दरवाजे पर ताला लटक गया है. दरअसल हरियाणा में बहुमत के करीबी ना तो बीजेपी है और ना ही कांग्रेस. इसलिए दोनों ही पार्टियों को अब सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने वाले ताले की चाबी ढूंढनी है. इस ताले की चाबी सही मायने में किसी शख्स के पास है तो वो जेजेपी के दुष्यंत चौटाला है.

आपको जानकर हैरानी होगी कि दुष्यंत चौटाला की पार्टी का चुनाव चिन्ह भी चाबी ही है.हरियाणा के सबसे बड़े सियासी घराने से बगावत के बाद पार्टी बनाकर सियासी समर में उतरे दुष्यंत चौटाला ने सभी को हैरान कर दिया है. हरियाणा के चुनाव परिणाम की शाम पांच बजे तक तस्वीर पूरी तरह साफ हो गई है. बीजेपी के खाते में 40, कांग्रेस के 31, जेजेपी के खाते में 10 और 9 सीटें निर्दलियों की झोली में जाती नजर आ रही हैं. आंकड़ों पर नजर डालने पर साफ हो जाता है कि किंगमेकर के तौर पर उभरे दुष्यंत चौचाला हरियाणा की नई सरकार के लिए बेहद अहम हो जाते हैं.

दुष्यंत चौटाला ने अपने प्रदर्शन से अपनी और पार्टी की अहमियत तो साबित कर दी लेकिन अब उनके सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी है. यह चुनौती है अपने विधायकों को टूट से बचाने की. किसी भी पार्टी को बहुमत ना मिलते देख विधायक में टूट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. इससे पहले भी कई राज्यों में इस तरह के उदाहरण देखने को मिले जब सबसे बड़ी पार्टी सरकार नहीं बना पाई लेकिन दूसरे नंबर की पार्टी ने अपने प्रबंधन से सरकार बना ली.

जिस स्थिति में इस वक्त हरियाणा की राजनीति पहुंच गई है उसमें सभी पार्टियां अपनी सरकार बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देंगी. आपको बता दें कि हरियाणा में इसे लेकर सियासी कवायद शुरू भी हो चुकी है. कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा और उनके पिता भूपेंद्र हुड्डा ने आरोप लगाए हैं कि बीजेपी हेलीकॉप्टर भेज रही है और निर्दलियों को धमकाकर रोकने में जुटी है. फिलहाल सत्ता की चाबी जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के हाथ में है. निर्दलीय विधायक अगर बीजेपी के साथ जाते हैं तो बीजेपी सरकार बना सकती है लेकिन इन विधायकों ने कांग्रेस का हाथ थामा तो फिर कांग्रेस को जेजेपी की जरूरत पड़ेगी और सत्ता का सस्पेंस अभी लंबा चलेने की उम्मीद है.

ट्रैक्टर से संसद पहुंचने वाले दुष्यंत चौटाला को जानिए
हरियाणा के सबसे बड़े राजनीतिक घराने में बगावत के बाद एक साल से कम समय में ही अपनी नई पार्टी जननायक जनता पार्टी से दुष्यंत ने हरियाणा में जो दस्तक दी है उसकी गूंज हरियाणा समेत पूरी देश में सुनाई दे रही है. दुष्यंत चौटाला देश के पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल के परपोते हैं. दुष्यंत के दादा ओम प्रकाश चौटाला भी हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे. ओम प्रकाश चौटाला के दो बेटे अभय चौटाला और अजय चौटाला हैं. दुष्यंत चौटाला अजय चौटाला के बड़े बेटे हैं उनके छोटे भाई का नाम दिग्विजय चौटाला है.

दुष्यंत ने स्कूली शिक्षा हिमाचल प्रदेश से पूरी की और इसके बाद अमेरिका के कैलिफोर्निया से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की. उन्होंने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से वकालत में मास्टर्स की डिग्री भी ली है. 2014 लोकसभा चुनाव में सिर्फ 26 साल की उम्र में हिसार सीट से लोकसभा पहुंचे दुष्यंत चौटाला सबसे कम उम्र के सांसद बनकर रिकॉर्ड कायम किया.

सांसद बनने के बाद दुष्यंत चौटाला ट्रैक्टर से संसद पहुंच गए. किसान बहुल हरियाणा के लोगों ने दुष्यंत चौटाला का यह अंदाज काफी पसंद किया. विधानसभा चुनाव के लिए 21 अक्टूबर को भी दुष्यंत ट्रैक्टर लेकर वोट डालने पहुंचे. फर्राटेदार अंग्रेजी और हिंदी बोलने वाले दुष्यंत लोगों से हरियाणवी अंदाज में ही बात करते हैं.

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