इनकम टैक्स / दिल्ली में व्यापारिक समूह के दफ्तरों पर छापे, 1000 करोड़ की कर चोरी का खुलासा; हेलिकॉप्टर सौदे से जुड़े तार

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  • रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-कोलकाता की शेल कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी की गई
  • वीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में आरोपी राजीव सक्सेना ने शेल कंपनियों के जरिए बड़ी रकम इकट्ठा की
  • आईटी टीम को मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला कारोबार के सबूत मिले, समूह के नाम का खुलासा नहीं किया

नई दिल्ली. आयकर विभाग ने बुधवार को दिल्ली के एक व्यापारिक समूह पर छापा मारा। इस दौरान करीब 1,000 करोड़ रुपए की कर चोरी का पता लगा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बताया कि करोड़ों रुपए के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में हवाला लेन-देन की आशंका के चलते आयकर विभाग ने इस समूह पर नजर बनाए रखी थी। ताजा टैक्स चोरी हेलिकॉप्टर घोटाले से संबद्ध हो सकती है।

सीबीडीटी ने कहा- जिस व्यापारिक समूह पर छापे मारे गए, वह कई ई-गवर्नेंस प्रोजेक्टों से जुड़ा है और वित्तीय सेवाएं भी प्रदान करता है। विभाग ने कहा, “समूह पर छापे और जब्ती की कार्रवाई के दौरान बड़े पैमाने पर कर चोरी, हवाला कारोबार और मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं।” सीबीडीटी ने इस व्यापारिक समूह के नाम का खुलासा नहीं किया है।

वीवीआईपी चॉपर घोटाले का आरोपी राजीव सक्सेना शामिल

जांच एजेंसी के मुताबिक, इस समूह ने बेहिसाब रकम के लेन-देन के लिए दिल्ली और कोलकाता की शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया। विभाग ने कहा कि इस मामले में पहले उर्वरक खरीदी करने वाली कई संस्थाओं पर छानबीन की गई थी। दुबई का ऑपरेटर राजीव सक्सेना शेल कंपनियों के जरिए कमीशन के तौर पर बहुत बड़ी रकम इकठ्ठा कर रहा था। सक्सेना वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में भी आरोपी है।

सक्सेना को दुबई से भारत लाया गया था

सक्सेना को 3,600 करोड़ रुपए के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामले में दुबई से भारत लाया गया था। विभाग को सक्सेना द्वारा बड़ी राशि की कर चोरी किए जाने की आशंका है। प्राथमिक स्तर की जांच के मुताबिक, हवाला कारोबार और अवैध तरीकों से धन लाने में चोरी किए गए टैक्स की राशि 1,000 करोड़ रु. से ज्यादा हो सकती है।

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