अमेरिका में पाकिस्तान की खुली पोल, भारतीय पत्रकार आरती टिक्कू ने पाक की धज्जियां उड़ाई

पाकिस्तान मूल की एक सामाजिक कार्यकर्ता ने अमेरिकी विदेश विभाग के सामने पाकिस्तान की अल्पसंख्यक विरोधी नीतियों की पोल खोलकर रख दी.

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वॉशिंगटन: अमेरिकी विदेश विभाग सुनवाई में पाकिस्तान मूल की सिंधी-अमेरिकी कार्यकर्ता फातिमा गुल ने कश्मीर पर झूठा प्रोपेंगेडा फैलाने वाले पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया. इसी सुनवाई में कश्मीर में काम करने वाली भारतीय पत्रकार आरती टिक्कू ने भी पाकिस्तान की धज्जियां उड़ाईं. आरती ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर में 30 साल से इस्लामिक जिहाद, कट्टरवाद और आतंकवाद फैला रहा है जिसे अब तक नजरअंदाज किया गया.

 

टिक्कू ने राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें लश्कर-ए-तयैबा ने इसलिए मार दिया क्योंकि वो अमन की बात करते थे. टिक्कू ने कहा, ”आखिर क्यों उन्होंने बुखारी को मारा? क्योंकि शुजात पाकिस्तान में हिंसा और मानवाधिकारों के हनन को कम करना चाहते थे. उन्होंने उन्हें इसलिए मारा क्योंकि वह शांति चाहते थे.”

टिक्कू ने कहा, ”मैं कश्मीर के जिन पीड़ितों का मुद्दा यहां उठा रही हूं, वे पाकिस्तान के आतंकी संगठनों द्वारा मारे गए. आतंकियों ने कश्मीर के जिन लोगों को मारा है, उनमें मुस्लिमों की संख्या ज्यादा है. पीड़ितों का दर्द समझने और मानवाधिकार के मुद्दों को उठाने वाला अंतरराष्ट्रीय स्तर का कोई पत्रकार या संगठन नहीं है.”

 

पाक की पत्रकार ने दिखाया साहस, अमेरिका में इमरान सरकार की धज्जियां उड़ाईं
अमेरिकी विदेश विभाग के सामने फातिमा गुल ने एक एक कर अल्पसंख्यकों के खिलाफ पाकिस्तान की करतूतों का खुलासा किया. फातिमा गुल ने कहा कि अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न पाकिस्तान सरकार की छिपी नीतियों में से एक है. बता दें कि हाल के दिनों में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जुल्म बढ़ा है. बीते दिनों सिख और हिंदू लड़कियों को अगवाकर जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने का भी मामला सामने आया था. बीते दिनों खुद इमरान की पार्टी के विधायक ने भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार का मुद्दा उठाया था.

क्या बोलीं फातिमा गुल?
अल्पसंख्यकों के खिलाफ पाकिस्तान की कलई खोलते हुए फातिमा गुल ने कहा, ”अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न पाकिस्तान सरकार की छिपी नीतियों में से एक है. हिंदू, ईसाई, अहमदी, शिया और बलूचियों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है और ये सब कुछ पाकिस्तान सरकार के इशारे पर हो रहा है.” साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान सरकार को प्रत्यक्ष तौर पर मिल रही आर्थिक सहायता को लेकर भी पाकिस्तान को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि अमेरिका से मिलने वाली आर्थिक सहायता से पाकिस्तानी अधिकारी देश भर के नागरिकों पर शिकंजा लगातार कसते जा रहे हैं.

उन्होंने कहा, ”1990 से, ईशनिंदा के नाम पर 70 लोगों की हत्या की गई और 40 लोग अभी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं और फांसी की सजा पा चुके हैं. धार्मिक उत्पीड़न पाकिस्तान की मूक विशेषता बन गया है. पाकिस्तान को मुख्यत: पाकिस्तानी सेना और इस्लामी चरमपंथी समूह चलाते हैं. अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक हर रोज सरकारी अधिकारियों एवं उनके समर्थकों के हाथों दमन, हिंसा और धार्मिक एवं राजनीतिक उत्पीड़न सहते हैं.”

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