साध्वी प्रज्ञा ने अब महात्मा गांधी को बताया ‘राष्ट्रपुत्र’, कांग्रेस बोली- ये बीजेपी का पाखंड है
भोपाल में एक रेलवे को लेकर हुए एक कार्यक्रम में पत्रकारों से बात करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि प्राचीन और मध्यकालीन भारत अन्य महापुरुषों की महात्मा गांधी भी राष्ट्रपुत्र हैं. कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि ये बीजेपी के पाखंड को दिखाता है.
भोपाल: भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर एक फिर ऐसा बयान दिया है जिस पर विवाद छिड़ सकता है. सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने इस बार महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की जगह ‘राष्ट्रपुत्र’ बताया है. भोपाल में एक रेलवे को लेकर हुए एक कार्यक्रम में पत्रकारों से बात करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि प्राचीन और मध्यकालीन भारत अन्य महापुरुषों की महात्मा गांधी भी राष्ट्रपुत्र हैं.
साध्वी ने कहा, ”गांधी जी इस धरा के पुत्र हैं, राम इस धरा के पुत्र हैं. महाराणा प्रताप, शिवाजी इस धरा के पुत्र हैं. देश के लिए जिसने सराहनीय कार्य किया है निश्चित रूप से वो हमारे लिए आदर्णीय है, हम उनके कदमों पर चलते हैं.” साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान का कांग्रेस ने विरोध किया है, कांग्रेस के मुताबिक यह देश की आजादी में अहम योगदान देने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान है.
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब साध्वी प्रज्ञा ने महात्मा गांधी को लेकर इस तरह की टिप्पणी की है. इससे पहले उन्होंने इसी साल मई में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को ‘देशभक्त’ बताया था. इस बयान पर विवाद खड़ा होने के बाद साध्वी ने अपना बयान वापस लेते हुए माफी मांग ली. प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान साध्वी के बयान पर कहा था कि वो उन्हें (साध्वी प्रज्ञा) को कभी माफ नहीं कर पाएंगे.
साध्वी प्रज्ञा के बयान के बाद कांग्रेस ने उनकी आलोचना करने में जरा भी देर नहीं लगाई. राज्य कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा, ”यह भाजपा के पाखंड को दिखाता है. एक ओर, वे महात्मा गांधी के प्रति अपना सम्मान दिखाने का दावा करते हुए जुलूस निकाल रहे हैं और दूसरी ओर, उनके सांसद इस महान नेता का अनादर कर रहे हैं.”
पंकज चतुर्वेदी ने आगे कहा, ”देश महात्मा गांधी से प्यार करता है और उन्हें सम्मान के साथ राष्ट्रपिता के रूप में संबोधित करता है और उन्हें उसी तरह संबोधित किया जाना चाहिए. ठाकुर ने 26/11 के नायक हेमंत करकरे के खिलाफ भी विवादित टिप्पणी की थी.”