कारोबार / भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौता जल्द, दोनों सरकारें इसके लिए तेजी से काम कर रहीं: सीतारमण

सीतारमण ने कहा, “अमेरिकी वित्त मंत्री नवंबर की शुरुआत में भारत आ सकते हैं। इससे पहले ही हमारे बीच व्यापार समझौतों की कुछ शर्तों पर चर्चा हुई। हालांकि, अभी वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर इस पर बातचीत कर रहे हैं। मुझे जानकारी मिली है कि समझौते के लिए दोनों देश मजबूती से जुड़ रहे हैं।

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  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वॉशिंगटन में अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीवन न्यूकिन के साथ बैठक की
  • सीतारमण ने कहा- अमेरिकी वित्त मंत्री नवंबर की शुरुआत में भारत आ सकते हैं, दोनों देशों के बीच व्यापार समझौतों की कुछ शर्तों पर चर्चा हुई
  • डोनाल्ड ट्रम्प ने इसी साल जून में भारत को अपने जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज (जीएसपी) कार्यक्रम से बाहर किया था
  • इसके तहत भारत को अमेरिका से व्यापार में लाभार्थी का विशेष दर्जा मिला था

वॉशिंगटन. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता जल्द हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में शनिवार को अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीवन न्यूकिन से मुलाकात के बाद सीतारमण ने कहा कि दोनों देश की सरकारें व्यापार समझौते पर तेज गति से काम कर रही हैं और जल्द ही मुद्दे पर कुछ सहमति बन सकती है।

सीतारमण ने कहा, “अमेरिकी वित्त मंत्री नवंबर की शुरुआत में भारत आ सकते हैं। इससे पहले ही हमारे बीच व्यापार समझौतों की कुछ शर्तों पर चर्चा हुई। हालांकि, अभी वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर इस पर बातचीत कर रहे हैं। मुझे जानकारी मिली है कि समझौते के लिए दोनों देश मजबूती से जुड़ रहे हैं।

शिकागो में भारतीय समुदाय से मिलेंगी वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण रविवार को अमेरिका के शिकागो में कुछ उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगी। वे यहां भारतीय समुदाय से भी मिलेंगी। शनिवार को रिपोर्टर्स से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया- “मैं एक दिन के लिए शिकागो में रहूंगी। यहां मुझे भारत के लोगों से मिलने का मौका मिलेगा।” सीतारमण ने इससे पहले आईएमएफ के प्लेनेरी सेशन को भी संबोधित किया।

भारत को जीएसपी से हटा चुका है अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसी साल जून में भारत को अपने जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज (जीएसपी) कार्यक्रम से बाहर किया था। जीएसपी के तहत भारत को अमेरिका से व्यापार में लाभार्थी का विशेष दर्जा मिला था। इस कार्यक्रम में शामिल देशों को व्यापार में विशेष तरजीह दी जाती है। अमेरिका जीएसपी में शामिल देशों से एक तय राशि तक आयात शुल्क नहीं लेता।

ट्रम्प का कहना था कि उन्हें भारत से यह भरोसा नहीं मिल पाया है कि वह अपने बाजार में अमेरिकी उत्पादों को बराबर की छूट देगा। अमेरिका का कहना है कि भारत में पाबंदियों की वजह से उसे व्यापारिक नुकसान हो रहा है। वह जीएसपी के मापदंड पूरे करने में नाकाम रहा है। अमेरिका ने पिछले साल अप्रैल में जीएसपी के लिए तय शर्तों की समीक्षा शुरू की थी।

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